Sanskrit Model Paper 2021
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अनुक्रमांक …………………………………………………………………………………………..मुद्रित पृष्ठों की संख्या : 12
नाम………………………………………………………………………………………………………………………………..
103 303 (QA)
2021
संस्कृत
समय : तीन घंटे 15 मिनट पूर्णांक : 100
निर्देश : प्रारंभ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं |
निम्नलिखित गद्य – खण्ड पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अत्रान्तरे कंचुकी समागत्य महाश्वेताम् अवोचत्- “ आयुष्मति , देवः चित्ररथः देवी च मदिरा त्वां द्रष्टुम् आह्वयतः ” इति । इत्येवम् अभिहिता गन्तुकामा महाश्वेता “ सखि ! चन्द्रापीडाः क्वास्ताम् ? ” इति कादम्बरीम् अपृच्छत् । असौ तु “सखि महाश्वेते, किमेवम् अभिदधासि? दर्शनादारभ्य शरीरस्याप्ययमेव प्रभुः किमुत भवनस्य विभवस्य परिजनस्य वा – यत्रास्मै रोचते प्रियसखीहृदयाय वा , तत्र अयम् आस्ताम् ” इत्यवदत् । तत् श्रुत्वा महाश्वेता ” तत् अत्रैव त्वत्प्रासादसमीपवर्तिनि प्रमदवने क्रीडापर्वतकमणिवेश्मनि आस्ताम् ” इत्यभिधाय , गन्धर्वराजं द्रष्टुं ययौ । चन्द्रापीडोऽपि तयैव सह निर्गत्य , केयूरकेण उपदिश्यमानमार्गः , मणिमन्दिरम् अगात् ।
( i ) उपर्युक्त गद्यांश की पुस्तक और लेखक का नाम लिखिए ।
( ii ) कः समागत्य महाश्वेताम् अवोचत् ?
(iii) देवः चित्ररथः देवी च मदिरा कां द्रष्टुम् आह्वयतः?
(iv) “त्वत्प्रासादसमीपवर्तिनि प्रमदवने क्रीडापर्वतकमणिवेश्मनि आस्ताम् । ”
रेखांकित अंश का अनुवाद कीजिए ।
( v ) चन्द्रापीडः केन उपदिश्यमानमार्गः मणिमन्दिरम् अगा ?
अथवा
” कुमार! शेषनामा हारोऽयं भगवता अम्भसा पत्या गृहम् उपगताय प्रचेतसे दत्तः । पाशभृतापि गन्धर्वराजाय , गन्धर्वराजेनापि कादम्बर्यै , तयापि त्वद्वपुः अस्य अनुरूपमिति विभावयन्त्या अनुप्रेषितः । अतः अर्हति इयम् बहुमानं त्वत्तः महाश्वेतयापि कुमारस्य संदिष्टम् न खलु महाभागेन मनसापि कार्यः कादम्बर्याः प्रथमप्रणयभङ्गः इति उक्त्वा तं तस्य वक्षःस्थले बबन्ध । चन्द्रापीडस्तु , विस्मयमानः प्रत्यवादीत् “ मदलेखे , निपुणासि । जानासि ग्राहयितुम् । उत्तरावकाशम् अपहरन्त्या कृतं वचसि कौशलम् ‘ इत्युक्त्वा कादम्बरीसंबद्धाभिरेव कथाभिः सुचिरं स्थित्वा , विसर्जयांवभूव मदलेखाम् ।
( i ) उपर्युक्त गद्यांशस्य पुस्तकं लेखकं च नाम लिखत ।
( ii ) “ मदलेखेनिपुणासि । जानासि ग्राहयितुम् । ‘ उत्तरावकाशम् अपहरन्त्या
कृतं वचसि कौशलमः । ‘ रेखांकित अंश का अनुवाद कीजिए ।
( iii ) हारस्य किं नामास्ति ?
(iv) भगवता अम्भसा पत्या गृहम् उपगताय हारं कस्मै दत्तः?
(v) चित्ररथः हारं कस्मै दत्तः?
अपनी पाठ्यपुस्तक के आधार पर किसी एक पात्र का हिन्दी में चरित्र – चित्रण लिखिए- 4
(अधिकतम 100 शब्द )
( i ) कादम्बरी ( ii ) पुण्डरीक ( iii ) पत्रलेखा
- ‘ कादम्बरी ‘ के गद्य की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए । (अधिकतम 100 शब्द) 4
- निम्नलिखित प्रश्नों का सही विकल्प चुनकर लिखिए –
( अ ) प्रहृष्टचेताः कः अबवीत- ” केयूरक ! करतलवर्तिनी सिद्धिम् अवधारय ? ”
( i ) शुकनासः ( 1 ) तारापीडः
( iii ) कपिञ्जलः ( iv ) चन्द्रापीडः
( आ ) गन्धर्वराजपुत्री का आसीत् ?
( i ) तरलिका ( ii ) मदलेखा
( ii ) पत्रलेखा ( iv ) कादम्बरी
अधोलिखित में से किसी एक श्लोक की हिन्दी में सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए – 2 + 5 = 7
( अ ) निशम्य देवानुचरस्य वाचं मनुष्यदेवः पुनरप्युवाच ।
धेन्वा तदध्यासितकातराक्ष्या निरीक्ष्यमाणः सुतरां दयालुः ।।
( आ ) तं विस्मितं धेनुरुवाच साधो मायां मयोद्भाव्य परीक्षितोऽसि ।
ऋषिप्रभावान्मयि नान्तकोऽपि प्रभुः प्रहर्तुं किमुतान्यहिंस्राः ।।
- अधोलिखित में से किसी एक श्लोक की सन्दर्भ सहित संस्कृत में व्याख्या कीजिए- 2 + 5 = 7
(अ) सेयं स्वदेहार्पणनिष्क्रयेण न्याय्या मया मोचयितुं भवत्तः ।
न पारणा स्याद्विहता तवं भवेदलुप्तश्च मुनेः क्रियार्थः ।।
( आ ) तस्मिन् क्षणे पालयितुः प्रजाना मुत्पश्यतः सिंहनिपातमुग्रम् ।
अवामुखस्योपरि पुप्यवृष्टिः पपात विद्याधरहस्तमुक्ता ।।
- महाकवि कालिदास की काव्य – शैली की हिन्दी अथवा संस्कृत में विवेचना कीजिए ।
( अधिकतम 100 शब्द ) – 3
निम्नलिखित दिये गये विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिए-
( अ ) ( कामधेनुः ) नन्दिनी कस्य ऋषे धेनुः आसीत् ? 1
( i ) विश्वामित्रस्य ( ii ) वशिष्ठस्य
( iii ) दिलीपस्य ( iv ) कण्वस्य
( आ ) दिलीपस्य पत्न्याः नाम किं आसीत् ? 1
( i ) वसुमती ( ii ) सुदक्षिणा
(iii) सुदाक्षिणा ( iv ) दमयन्ती
अधोलिखित से किसी एक अंश का हिन्दी में ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए – 2 + 5 = 7
( अ ) रम्यान्तरः कमलिनीहरितः सरोभि
श्छायादुर्नियमितार्कमयूखतापः ।
भूयात् कुशेशयरजोमृदुरेणुरस्याः ।
शान्तानुकूलपवनच शिवश्च पन्थाः ।।
( आ ) शुश्रूषस्व गुरुन कुरु प्रियसखीवृत्ति सपत्नीजने
भर्तुर्विप्रकृतापि रोषणतया या स्म प्रतीपं गमः ।
भूयिष्ठं भव दक्षिणा परिजने भाग्यावनुत्सेकिनी
यान्त्येव गृहिणीपदं युवतया वामाः कुलस्याधयः ।।
निम्नलिखित में से किसी एक सूक्ति की सन्दर्भ – सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए- 2 + 5 = 7
(i) न खलु धीमतां कश्चिद्विषयो नाम ।
(ii) अपसृत पाण्डुपत्रा मुञ्चन्तयश्रूणीव लताः ।
(iii) अतिस्नेहः पापशङ्की ।
- अभिज्ञानशाकुन्तलम् के चतुर्थ अंक का वैशिष्ट्य हिन्दी या संस्कृत में निरूपित कीजिए । 4
( अधिकतम 100 शब्द )
- निम्नलिखित प्रश्नों का उचित विकल्प चुनिए –
( अ ) शकुन्तला केन शप्ताऽभूत ? 1
( i ) कण्वः ( ii ) दुर्वासाः
(iii) गौतमी ( iv ) विश्वामित्रः ।
( आ ) प्रस्थानकाले शकुन्तलया सह गच्छति ? 1
( i ) प्रियंवदा ( ii ) अनसूया
( iii ) गौतमी ( iv ) मेनका ।
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 10 पंक्तियों का संस्कृत में निबन्ध लिखिए- 10
(i) विद्या ददाति विनयम् ।
(ii) संस्कृतभाषायाः महत्वम् ।
(iii) आतंकवादः ।
( iv ) परोपकारः ।
- उपमा अलङ्कार की परिभाषा हिन्दी अथवा संस्कृत में लिखिए । 3
अथवा
उपमा अलङ्कार का उदाहरण संस्कृत में लिखिए ।
अधोलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए- 8
(i) छात्र अध्यापक से प्रश्न पूछता है ।
(ii) भगवान को नमस्कार ।
(iii) नदी कोस भर टेढ़ी है ।
(iv) राधा चोरों से डरती है ।
(v) मनुष्यों में परोपकारी ही प्रशंसनीय है ।
(vi) ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं होती ।
- (अ) अधोलिखित रेखाङ्कित पदों में से किसी एक में नियम – निर्देश का उल्लेख कीजिए – 2
(i) हरये रोचते भक्तिः ।
(ii) अक्ष्णा काणः ।
(iii) पुष्पेभ्यः स्पृहति ।
(आ) ‘ शिष्याय स्वस्ति ‘ में शिष्याय में विभक्ति है- 1
( i ) प्रथमा ( ii ) तृतीया
( iii ) चतुर्थी ( iv ) सप्तमी
- ( अ ) निम्नलिखित पदों में से किसी एक पद में विग्रह कीजिए – 2
( i ) लक्ष्मीपतिः
( ii ) पाणिपादम्
( iii ) घनश्यामः
( आ ) ‘ कृष्णसर्पः ‘ में कौन – सा समास है ?
( i ) तत्पुरुष ( ii ) कर्मधारय
( iii ) द्वन्द्व ( iv ) द्विगु
- ( अ ) ‘ रमेशः ‘ शब्द में किस सूत्र से सन्धि कार्य होता है ? 2
( आ ) ‘ यद्यपि ‘ में सन्धि – विधायक सूत्र है – 1
( i ) आद्गुणः ( ii ) वृद्धिरेचि
( iii ) इकोयणचि ( iv ) एङि पररूपम्
- ( अ ) ‘ हरौ ‘ हरि प्रातिपदिक के किस विभक्ति एवं किस वचन का रूप है ? 2
( आ ) ‘ पितृ ‘ शब्द का सप्तमी , एकवचन का रूप होता है – 1
( i ) पिते ( ii ) पितरि
( iii ) पितरौ ( iv ) पितृषु
- ( अ ) “ पठताम् ‘ रूप ‘ पठ् ‘ धातु के किस लकार , पुरुष एवं वचन में होता है ? 2
( आ ) ‘ शी ‘ धातु के लट् लकार , प्रथम पुरुष , बहुवचन का रूप है- 1
( i ) शेते ( ii ) शयाते
( iii ) शेरते ( iv ) शयाथे ।
- ( अ ) ‘ गन्तुम् ‘ पद में प्रयुक्त प्रकृति – प्रत्यय है – 1
( i ) गम् + क्त ( ii ) गम् + क्त्वा
( iii ) गम् + तुमुन् ( iv ) गम् + क्त्वतु ।
( आ ) ‘ पठ् ‘ धातु में ‘ शतृ ‘ प्रत्यय लगाने पर रूप बनेगा – 1
( i ) पठमानः ( ii ) पठन्
( iii ) पठित्वा ( iv ) पठितुम् ।
अधोलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का वाच्य परिवर्तन कीजिए- 2
(i) तेन पुस्तकं पठ्यते ।
(ii) सः ग्रामं गच्छति ।
(iii) त्वं पत्रं लिखसि ।
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Sanskrit Class 12 Board Demo Paper 2021 Sanskrit Class 12 Board Demo Paper 2021
Model Paper Prepared By :
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