जैनेन्द्र कुमार जीवन परिचय साहित्यिक परिचय || UP Board Jainendra Kumar

जैनेन्द्र कुमार (जीवन परिचय & साहित्यिक परिचय)

जैनेन्द्र कुमार जीवन परिचय साहित्यिक परिचय || UP Board Jainendra Kumar Jeevan Parichay Sahityik Parichayइस पोस्ट में यूपी बोर्ड हिंदी साहित्यिक /सामान्य हिंदी 12 हेतु पाठ जैनेन्द्र कुमार जीवन परिचय साहित्यिक परिचय  का हल दिया जा रहा है, बोर्ड परीक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

In this post, UP Board Hindi Literary & General Hindi lesson for class 12 जैनेन्द्र कुमार जीवन परिचय साहित्यिक परिचय || UP Board Jainendra Kumar Jeevan Parichay Sahityik Parichay  is being solved, which has been prepared keeping in mind the point of view of the board examination.

Subject / विषयGeneral & Sahityik Hindi / सामान्य & साहित्यिक हिंदी
Class / कक्षा12th
Chapter( Lesson) / पाठChpter -2 गद्य भाग चैप्टर – 2
Topic / टॉपिक Ramdhari Singh Dinkar ka jivan parichay || रामधारीसिंह दिनकर जीवन एवं साहित्यिक परिचय
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जीवन -परिचय

 

जैनेन्द्र कुमार का जन्म सन् १ ९ ०५ ई . में अलीगढ़ जिले के कौड़ियागंज नामक कस्बे में हुआ था । बचपन में ही इनके पिता का देहान्त हो गया था अतः इनका पालन – पोषण माता तथा नाना के द्वारा किया गया था । बचपन में इनका नाम आनन्दीलाल था , लेकिन इसे इन्होंने बदल कर जैनेन्द्र कुमार रख लिया था । हस्तिनापुर के जैन गुरुकुल ‘ ऋषि ब्रह्मचर्याश्रम ‘ से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करके , पंजाब से हाईस्कूल करके इन्होंने काशी विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया । लेकिन सन् १ ९ २१ ई . के असहयोग आन्दोलन में भाग लेने के कारण शिक्षा का क्रम टूट गया । फिर स्वाध्याय से ही हिन्दी का गहन ज्ञान प्राप्त कर लिया । आन्दोलनों में भाग लेने के कारण कई बार इन्हें जेल भी जाना पड़ा । सन् १ ९ २८ २ ९ ई . में इन्होंने साहित्य क्षेत्र में कार्य किया ।

साहित्यिक परिचय-

इनकी पहली कहानी ‘ खेल ‘ सन् १ ९ २८ ई . में ‘ विशाल – भारत ‘ में छपी थी । इनकी रचनाओं में दार्शनिक ” रूप स्पष्टतः परिलक्षित होता है । इनकी रचनाओं में पात्रों का अन्तःमन और बाह्य रूप दिखाई देता है । इनके साहित्य में हमें मानव जीवन के वर्तमान समय के प्रश्नों के साथ – साथ उसकी शाश्वत समस्याओं का समाधान भी मिलता है । इनके प्रथम उपन्यास ‘ परख ‘ पर साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्रदान किया गया था | इन्होंने अपनी रचनाओं में कला , दर्शन , मनोविज्ञान , समाज , राष्ट्र , मानवता आदि विषयों पर लेखनी चलाई है । हिन्दी के इस महान साधक का देहावसान २४ दिसम्बर ‘ १ ९ ८८ ई . को हुआ ।

कृतियां –

१. उपन्यास– ( १ ) सुनीता , ( २ ) त्यागपत्र , ( ३ ) परख , ( ४ ) विवर्त , ( ५ ) सुखदा , ( ६ ) कल्याणी , ( ७ ) जयवर्धन , ( ८ ) व्यतीत , ( ९ ) मुक्तिबोध ।

२. कहानी संकलन – ( १ ) फांसी , ( २ ) जयसन्धि , ( ३ ) वातायन , ( ४ ) नीलम देश की राजकन्या , ( ६ ) दो चिड़ियां , ( ७ ) पाजेब | रात ,

३. निबन्ध संग्रह – ( १ ) पूर्वोदय , ( २ ) गांधी नीति , ( ३ ) मंथन , ( ४ ) साहित्य का श्रेय और प्रेय , ( ५ ) सोच – विचार , ( ६ ) काम – प्रेम और परिवार , ( ७ ) प्रस्तुत प्रश्न , ( ८ ) जड़ की बात | ( ५ ) एक

४. संस्मरण – ये और वे ।

५. अनुवाद – ( १ ) मन्दाकिनी ( नाटक ) , ( २ ) पाप और प्रकाश ( नाटक ) , ( ३ ) प्रेम में भगवान ( कहानियां ) ।

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