Ajanta gadyansh- कक्षा 10 चैप्टर अजन्ता गद्यांश -Gyansindhuclasses

अजंता/Ajanta -Gadyansh Prashn Uttar 

Ajanta gadyansh- कक्षा 10 चैप्टर अजन्ता गद्यांश -Gyansindhuclasses : डॉ० भगवतशरण उपाध्याय( Bhagwat sharan upadhyay) द्वारा रचित चैप्टर यूपी बोर्ड हिंदी कक्षा 10 (हाईस्कूल) अजन्ता पाठ के गद्यांश तथा प्रश्नोत्तर| 

गद्यांश -1

1. और जैसे संगसाजों ने उन गुफाओं पर रौनक बरसाई है , चितेरे जैसे रंग और रेखा में दर्द और दया की कहानी लिखते गए हैं , कलावन्त नी से मूरते उभारते – कोरते गए है , वैसे ही अजन्ता पर कुदरत का नूर बरस पड़ा है , प्रकृति भी वहाँ थिरक उठी है । बम्बई के सूबे में बम्बई और हैदराबाद के बीच विन्ध्याचल के बीच दौड़ती पर्वतमालाओं से निचौधे पहाड़ों का एक सिलसिला उत्तर से दक्षिण चला गया है , जिसे सहाद्रि कहते हैं । अजन्ता के गुहा मन्दिर उसी पहाड़ी जंजीर को सनाथ करते हैं ।

( क ) उपरोक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
( ख ) गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
( ग ) सह्याद्रि क्या है ? अजन्ता के मन्दिर इसके लिए क्या महत्त्व रखते हैं ?
( घ ) अजन्ता की मूर्तिकला की कौन – सी विशेषताएँ गद्यांश में बताई गई हैं ?

गद्यांश -2

2. पहले पहाड़ काटकर उसे खोखला कर दिया गया , फिर उसमें सुन्दर भवन बना लिए गए , जहाँ खम्भों पर उभरी मूरतें विहस उठीं । भीतर की समूची दीवारें और छतें रगड़कर चिकनी कर ली गई और तब उनकी जमीन पर चित्रों की एक दुनिया ही बसा दी गई । पहले पलसतर लगाकर आचार्यों ने उन पर लहराती रेखाओं में चित्रों की काया सिरज दी फिर उनके चेले कलावन्तों ने उनमें रंग भरकर प्राण फूंक दिए । फिर तो दीवारें उमग उठीं , पहाड़ पुलकित हो उठे ।

( क ) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
( ख ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
( ग ) पहाड़ों को जीवन्त कैसे बनाया गया है ? गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।

गद्यांश -3

3. कितना जीवन बरस पड़ा है इन दीवारों पर ; जैसे – फसाने – अजायब का भण्डार खुल पड़ा हो । कहानी – से – कहानी टकराती चली गई है । बन्दरों की कहानी , हाथियों की कहानी , हिरनों की कहानी । कहानी कूरता और भय की , दया और त्याग की । जहाँ बेरहमी है वहीं दया का समुद्र उमड़ पड़ा है , जहाँ पाप है वहीं क्षमा का सोता फूट पड़ा है राजा और कंगले , विलासी और भिक्षु , नर और नारी , मनुष्य और पशु सभी कलाकारों के हाथों सिरजते चले गए हैं हैवान की हैवानियत को इंसान की इन्सानियत से कैसे जीता जा सकता है , कोई अजन्ता में जाकर देखे ।

( क ) उपरोक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
( ख ) गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
( ग ) दीवारों पर बने चित्र किन – किन से सम्बन्धित है ?
( घ ) कलाकारों के हाथों क्या – क्या सिरजते चले गए हैं ?
( छ ) कलाकारों ने किसके जीवन का चित्रांकन किया है ?

गद्यांश -4

4. यह हाथ में कमल लिए बुद्ध खड़े हैं जैसे छवि छलकी पड़ती है , उभरे नयनों की जोत पसरती जा रही है और यह यशोधरा है , वैसे ही कमलनाल धारण किए त्रिभंग में खड़ी और यह दृश्य है महाभिनिष्क्रमण का – यशोधरा और राहुल निद्रा में खोए . गौतम दृढ़ – निश्चय पर धड़कते हिया को संभालते और यह नन्द है , अपनी पत्नी सुन्दरी का भेजा , द्वार पर आए विना भिक्षा के लोटे भाई बुद्ध को जो लौटाने आया था और जिसे भिक्षु बन जाना पड़ा था । बार – बार वह भागने को होता है बार – बार पकड़कर संघ में लौटा लिया जाता है । उधर फिर वह यशोधरा है बालक राहुल के साथ ।

( क ) उपरोक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
( ख ) गद्यांश के रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए ।
( ग ) उपरोक्त गद्यांश में कहाँ के दृश्यों का चित्रण किया गया है ?

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