Bhayanak Ras ki Paribhasha- भयानक रस
Bhayanak Ras ki Paribhasha- रस – परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण, Ras in Hindi– Ras (रस)- रस क्या होते हैं? रस की परिभाषा . UP Board All Class Hindi रस. Gyansindhuuclasses are presented Here Ras Class 10th | Ras Hindi Grammar, Ras ki Paribhasha, Examples, Question Answer and Ras Hindi Grammar (रस), Ras Class 10 Explanation, Notes.
किसी भयानक वस्तु या जीवन को देखकर भावी दुःख की आशंका से हृदय में जो भाव उत्पन्न होता है , उसे ” भय ‘ कहते हैं । जब ‘ भय ‘ नामक स्थायी भाव विभाव , अनुभाव और व्यभिचारी भावों के संयोग में रस रूप में परिणत होता है , तो उसे ‘ भयानक ‘ रस कहते हैं ।
भयानक रस
किसी भयानक वस्तु या जीवन को देखकर भावी दुःख की आशंका से हृदय में जो भाव उत्पन्न होता है , उसे ” भय ‘ कहते हैं । जब ‘ भय ‘ नामक स्थायी भाव विभाव , अनुभाव और व्यभिचारी भावों के संयोग में रस रूप में परिणत होता है , तो उसे ‘ भयानक ‘ रस कहते हैं ।
उदाहरण-
एक ओर अजगरहि लखि , एक ओर मृगराय ।
विकल बटोही बीच ही , पर्यो मूर्छा खाय ॥
स्पष्टीकरण – किसी निर्जन वन में भयभीत यात्री की दशा का वर्णन है । ‘ भय ‘ स्थायी भाव तथा ‘ भयानक रस है ।
आश्रय – बटोही ( यात्री ) ।
आलम्बन – अजगर एवं मृगराज ।
उद्दीपन – एकान्त वन , सिंह का भयानक मुख , दाँत , अजगर का भयंकर रूप ।
अनुभाव – कम्प , प्रलय , वैवर्ण्य आदि ।
व्यभिचारी भाव – जड़ता , चिन्ता , शंका , विषाद , मरण आदि ।