UP Board Class 12 Question Bank 2026 : Gyansindhu Pariksha Prahar General Hindi सामान्य हिंदी की क्वेश्चन बैंक 2026 (Full Book – PAGE-34)
कैकेयी का अनुताप (2)
(4) बस मैंने इसका बाह्य मात्र ही देखा,
दृढ हृदय न देखा, मृदुल गात्र ही देखा।
परमार्थ न देखा, पूर्ण स्वार्थ ही साधा,
इस कारण ही तो हाय आज यह बाधा।
युग युग तक चलती रहे कठोर कहानी’
रघुकुल में भी थी एक अभागिन रानी।
‘निज जन्म जन्म में सुने जीव यह मेरा
‘धिक्कार! उसे था महा स्वार्थ ने घेरा।
- रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- मैंने अपने इस पुत्र (भरत) का मात्र ऊपरी रूप ही देखा, मैं उसके दृढ़ हृदय को नहीं देख सकी। मैंने इसके कोमल गात (शरीर) को ही देखा, मैं इसके पारमार्थिक स्वरूप को न देख पाई और अपना पूर्ण स्वार्थ साधना चाहा। इस कारण ही तो आज मेरा जीवन बाधाग्रस्त है।
भाषा-शुद्ध साहित्यिक खड़ीबोली, अलंकार-अनुप्रास, रस-शांत।
- ‘‘युग युग तक चलती रहे कठोर कहानी, रघुकुल में थी एक अभागिन रानी ।“ इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- ‘‘युग युग तक चलती रहे कठोर कहानी, रघुकुल में थी एक अभागिन रानी।“ इस पंक्ति का भाव कैकेयी के इस कथन में निहित है कि उसने अपने जीवन में इतना अधिक गम्भीर अपराध किया है कि युग युग तक सारा संसार इस कहानी को सुनता रहेगा कि राजा रघु के कुल में एक ऐसी रानी थी, जो सर्ववैभव – सम्पन्न होकर भी बहुत अभागी थी।
- कैकेयी के अनुसार उन्होंने भारत में केवल क्या देखा ?
उत्तर- कैकेयी के अनुसार उन्होंने भरत का मात्र ऊपरी रूप ही देखा, वे अपने पुत्र के दृढ़ हृदय को नहीं देख पाई। उन्होंने भरत के कोमल गात को ही देखा और उसके रूप में केवल अपना स्वार्थ ही देखा, उसके हृदय के पारमार्थिक रूप को नहीं देख पाई ।
- कैकेयी के शब्दों में प्रत्येक जन्म में उनकी आत्मा क्या सुनेगी?
उत्तर- कैकेयी के शब्दों में प्रत्येक जन्म में उनकी आत्मा यही सुनेगी कि धिक्कार है उस रानी कैकेयी को, जिसे महास्वार्थ ने घेर लिया था?
- प्रस्तुत पद्यांश में किन किन पात्रों के बीच संवाद हो रहा है?
उत्तर- प्रस्तुत पद्यांश में राम और कैकेयी पात्रों के बीच संवाद हो रहा है।
- दृढ़ हृदय और मृदुल गात्र शब्द से किसकी ओर संकेत है?
उत्तर- दृढ़ हृदय और मृदुल गात्र शब्द से भरत की ओर संकेत है।
- किस पात्र को महास्वार्थ ने घेर लिया था ?
उत्तर- कैकेयी को महास्वार्थ ने घेर लिया था ।
- युग युग तक कौन सी कठोर कहानी चलती रहे ?
उत्तर- युग युग तक यह कठोर कहानी चलती रहे कि रघुकुल में एक अभागिन रानी थी।
- रानी कैकेयी को जन्म जन्मान्तर क्या सुनना पड़ेगा?
उत्तर- रानी कैकेयी को जन्म जन्मान्तर तक यह सुनना पड़ेगा कि उस कैकेयी को धिक्कार है, जिसे महास्वार्थ ने घेर लिया था।
- गात्र शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- गात्र शब्द का अर्थ है – शरीर।
(5) ‘‘हा लाल? उसे भी आज गमाया मैंने,
विकराल कुयश ही यहाँ कमाया मैंने।
निज स्वर्ग उसी पर वार दिया था मैंने,
हर तुम तक से अधिकार लिया था मैंने।
पर वही आज यह दीन हुआ रोता है;
शंकित तब से धृत हरिण तुल्य होता है।
श्रीखण्ड आज अंगार- चण्ड है मेरा,
तो इससे बढ़कर कौन दण्ड है मेरा ।।
- रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- वही मेरा पुत्र आज दीन-हीन होकर रुदन कर रहा है। वह पकड़े हुए हिरन की भाँति सबसे भयभीत है । चन्दन समान शीतल स्वभाववाला मेरा पुत्र भरत जलते हुए अंगारे के समान प्रचण्ड हो रहा है। इससे बढ़कर दण्ड मुझ अभागी माँ के लिए और क्या हो सकता है कि मेरा पुत्र ही मुझसे कुपित है। अतः मुझे और बड़ा दण्ड न दो।
काव्यगत सौंदर्यः भाषा-साहित्यिक खड़ीबोली, शैली-प्रबन्ध, अलंकार-उपमा एवं अनुप्रास, रस-शान्त, शब्दशक्ति-लक्षणा, गुण-प्रसाद।
- कैकेयी ने भरत को खोने के सन्दर्भ में श्रीराम से क्या कहा?
उत्तर- कैकेयी ने श्रीराम से कहा कि मैंने आज अपने उस पुत्र को भी खो दिया है, जिसके लिए मैंने यह कुकृत्य किया है। अपने इस कृत्य से मैंने भयंकर अपयश ही प्राप्त किया है।
- कैकेयी ने भरत के रुदन और उसके भय के सम्बन्ध में क्या कहा?
उत्तर- कैकेयी ने श्रीराम से कहा कि आज भरत दीन-हीन होकर रुदन कर रहा है। वह आज पकड़े हुए हिरन की भाँति सबसे भयभीत है।
- अपने दण्ड के सम्बन्ध में कैकेयी ने अन्त में श्रीराम से क्या कहा?
उत्तर- अंत में कैकेयी ने कहा कि मेरा पुत्र ही मुझसे पर क्रोधित है इससे बढ़कर और कौन सा दंड मुझ अभागन के लिए हो सकता है, अतः अब आप मुझे दंड न दो।
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