UP Board Class 12 Gyansindhu General Hindi Question Bank 2026 [Page -5]

UP Board Class 12 Question Bank 2026 : Gyansindhu Pariksha Prahar General Hindi सामान्य हिंदी की क्वेश्चन बैंक 2026 (Full Book – PAGE-5

हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाएंनिबंध, उपन्यास, कहानी, आलोचना)

साहित्येतिहास लेखन की परम्परा

  • सर्वप्रथम सुव्यवस्थित हिन्दी साहित्य का इतिहास रामचन्द्र शुक्ल ने लिखा। उनसे पूर्व लिखे गए साहित्येतिहास ग्रन्य निम्नलिखित हैं-
  • इस्त्वार-द-ला लितरेत्युर एन्दुई ऐन्दुस्तानी (फ्रेंच भाषा में) – गार्सा द तासी
  • शिवसिंह सरोज- शिवसिंह सेंगर
  • द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ नॉर्दन हिन्दुस्तान (अंग्रेजी में)– जॉर्ज ग्रियर्सन
  • मिश्रबन्धु विनोद – मिश्रबन्धु (शुकदेव बिहारी मिश्र, श्याम बिहारी मिश्र, गणेश बिहारी मिश्र)
  • हिन्दी साहित्य का इतिहास (1929 ई0)- आ0 रामचन्द्र शुक्ल

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के बाद के इतिहास ग्रन्थ

  • हिन्दी भाषा और साहित्य – श्यामसुन्दर दास
  • हिन्दी साहित्य का इतिहास- रमाशंकर शुक्ल ‘रसाल’
  • हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास – रामकुमार वर्मा
  • हिन्दी साहित्य – हजारी प्रसाद द्विवेदी
  • हिन्दी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास – गणपति चन्द गुप्त

आदिकाल का नामकरण एवं नामकरणकर्त्ता- 

नाम                     नामकरणकर्त्ता/प्रयोक्ता

  •  चारणकाल            जार्ज ग्रियर्सन
  • प्रारम्भिक काल            मिश्र बंधु
  • बीजवपनकाल           महावीर प्रसाद द्विवेदी
  • वीरगाथाकाल          आ0 रामचंद्र शुक्ल
  • वीरकाल            विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
  • संधिकाल एवं चारण काल –        डॉ0 रामकुमार वर्मा
  • सिद्धसामंत काल  –        राहुल सांस्कृत्यायन
  • आदिकाल  –            हजारीप्रसाद द्विवेदी
  • जयकाल  –            रमाशंकर शुक्ल ‘रसाल’
  • संक्रांतिकाल            रामप्रसाद मिश्र
  • आधारकाल            सुमन राजे

काव्य साहित्य का विकास

(संवत- 1900  से अब तक)

☞ भारतेंदु युग – (पुनर्जागरण काल) -1850. 1900 ई.

☞ द्विवेदी युग – (जागरण सुधार काल)- 1900.1920 ई.

☞ छायावाद युग – 1919.1938 ई.

☞ प्रगतिवाद युग – 1938. 1943 ई.

☞ प्रयोगवाद युग  – 1943.1951 ई.

☞ नयी कविता युग – 1951 या 1953.1559 ई.

☞ साठोत्तरी कविता – 1960- आगे

भारतेंदु युग (पुनर्जागरण काल) -1850-1900 ई0

               इस युग का नाम भारतेंदु हरिश्चंद के नाम पर पड़ा।

              डॉ. नगेन्द्र ने पुनर्जागरण काल नाम दिया।

               प्रमुख कवि उनकी रचनाएँ एवं प्रसिद्ध पत्रिकाएँ

भारतेंदु हरिश्चंद-

  • पत्रिकाएँ- कविवचन सुधा (सन्-1868 ई0)- काशी (मासिक)              
  • हरिश्चंद चंद्रिका/हरिश्चंद मैगजीन-    काशी (मासिक)
  • बालाबोधिनी (स्त्रियों को समर्पित)- 1874 ई0 काशी (मासिक)
भारतेन्दु जी के सहयोगी लेखक

बालकृष्ण भट्ट– हिंदी प्रदीप का सम्पादन करते थे।

पं0 प्रतापनारायण मिश्र – कानपुर से ‘ब्राह्मण’ पत्र निकालते थे। उनकी शैली में उनका फक्कड़पन स्पष्ट है।

राधाचरण गोस्वामी – ‘अमर सिंह राठौर’, ‘तन मन धन श्री गोसाई जी को अर्पण’ नाटक लिखे।

बदरी नारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ – ‘आनन्दकादम्बिनी’ व ‘नागरी-नीरद’ का सम्पादन करते थे।

ठाकुर जगमोहन सिंह – उपन्यास : श्यामास्वप्न, कविता संग्रह : श्यामालता, प्रेम संपत्तिलता, श्यामा सरोजनी।

राधाकृष्णदास – ‘दुःखिनी बाला’ राधाकृष्णदास की पहली रचना थी। ‘निःसहाय हिन्दू’ इनका मौलिक उपन्यास है।

किशोरीलाल गोस्वामी – इंदुमती और गुलबहार कहानियों के लेखक गोस्वामी जी को प्रथम कहानीकार होने का श्रेय प्राप्त है।

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