करुण रस/ karun ras ki paribhasha udaharan
karun ras ki paribhasha- करुण रस ki Paribhasha- रस – परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण, Ras in Hindi– Ras (रस)- रस क्या होते हैं? रस की परिभाषा . UP Board All Class Hindi रस. Gyansindhuuclasses are presented Here Ras Class 10th | Ras Hindi Grammar, Ras ki Paribhasha, Examples, Question Answer and Ras Hindi Grammar (रस), Ras Class 10 Explanation, Notes.
प्रिय वस्तु या इष्ट वस्तु के नाश से जो क्षोभ होता है , उसे शोक कहते हैं । यही ‘ शोक ‘ नामक स्थायी भाव जब विभाव , अनुभाव और व्यभिचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत होता है , उसे ‘ करुण ‘ रस कहते हैं |
उदाहरण- •
अर्ध राति गयी कपि नहिं आवा ।
राम उठाइ अनुज उर लावा ॥
सकइ न दुखित देखि मोहि काऊ ।
बन्धु सदा तव मृदुल स्वभाऊ ॥
जो जनतेऊ वन बन्धु विछोहू ।
पिता वचन मनतेऊ नहिं ओह ॥
स्पष्टीकरण – इस पद्य में ‘ करुण ‘ रस है । रस सामग्री इस प्रकार है –
स्थायी भाव – शोक ।
आश्रय – रामा
आलम्बन – लक्ष्मण ।
उद्दीपन – लक्ष्मण का मूच्छित शरीर , रात का सुनसान समय ।
अनुभाव – लक्ष्मण को उठाकर गले लगाना , अश्रु , स्वर भंग आदि ।
व्यभिचारी भाव – आवेग , चिन्ता , विषाद आदि ।