राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 10th, 12th हिंदी महत्वपूर्ण वायरल निबंध नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 || New Education Policy 2020

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New Education Policy 2020

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रूपरेखा-

  • प्रस्तावना
  • नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य
  • शिक्षा के सार्वभौमीकरण का लक्ष्य
  • शैक्षणिक संरचना का स्वरूप
  • मातृभाषा पर जल
  • शिक्षा द्वारा सर्वांगीण विकास पर बल
  • उपसंहार।

 प्रस्तावना:

शिक्षा नीति से अभिप्राय शिक्षा में कतिपय सुधारी से हैं। नई शिक्षा नीति, 2020 स्वतन्त्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है। इससे पहले वर्ष 1965 तथा 1986 में शिक्षा नीतियाँ लागू की गई थी।  भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। यह नीति भारत की परंपराओं और मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बनायी गयी है। भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव किए गए हैं जिसका लक्ष्य देश को विश्व स्तरीय (world class) और कौशल आधारित (skill based) शिक्षा प्रदान करना है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, (NEP 2020)को केंद्रीय कैबिनेट ने 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दी थी। यह 34 वर्षों के बाद भारत का सबसे बड़ा शैक्षिक सुधार है।

नई शिक्षा नीति, 2020 का उ‌द्देश्य:

वर्ष 2020 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नौति घोषित की गई, जिसे सभी के परामर्श से तैयार किया गया है। इस शिक्षा नीति का मुख्य उद्‌देश्य विद्यार्थियों का सम्पूर्ण विकास है। शिक्षा के सम्बन्ध में गांधीजी का तापर्ण बालक और मनुष्य के शरीर, मन तथा आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास से है। इसी प्रकार स्वामी विवेकानन्द का कहना था कि मनुष्य को अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है।

शिक्षा के सार्वभौमीकरण का लक्ष्य:

नई शिक्षा नीति, 2020 की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन मन्त्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मन्त्रालय कर दिया गया है। इस नीति द्वारा देश में स्कूल एवं उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारी की अपेक्षा की गई है। इसके उ‌द्देश्यों के तहत वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% सकल नामांकन दर के साथ-साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा के सार्वभौमीकरण का लक्ष्य रखा गया है।

शैक्षणिक संरचना का स्वरूप:

नई शिक्षा नीति में 5+3+3+4 डिजाइन वाले शैक्षणिक संरचना का प्रस्ताव किया गया है, जो 3 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों को शामिल करता है। NEP 2020 के तहत ‘बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान पर एक राष्ट्रीय मिशन’ की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। इसके द्वारा वर्ष 2025 तक कक्षा-3 स्तर तक के बच्चों के लिए आधारभूत कौशल सुनिश्चित किया जाएगा।

मातृभाषा पर बल:

NEP 2020 में कक्षा 5 तक को शिक्षा में मातृ‌भाषा/स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को अध्ययन के माध्यम के रूप में अपनाने पर बल दिया गया है। साथ ही इस नीति में मातृभाषा को कक्षा-8 और आगे की शिक्षा के लिए प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है।

स्कूलों और उच्च शिक्षा में छात्रों के लिए संस्कृत और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं का विकल्प उपलब्ध होगा, परन्तु किसी भी छात्र पर भाषा के चुनाव की कोई बाध्यता नहीं होगी।

शिक्षा द्वारा सर्वांगीण विकास पर बल

विद्यालयों में सभी स्तरों पर छात्रों को बागवानी, नियमित रूप से खेलकूद, योग, नृत्य, मार्शल आर्ट को स्थानीय उपलब्धता के अनुसार प्रदान करने की कोशिश की जाएगी, ताकि बच्चे शारीरिक गतिविधियों एवं व्यायाम आदि में भाग ले सकें। इस नीति में प्रस्तावित सुधारों के अनुसार, कला और विज्ञान, व्यावसायिक तथा शैक्षणिक विषयो एवं पाठ्यक्रम व पाठ्‌येतर गतिविधियों के बीच बहुत अधिक अन्तर नहीं होगा। इस प्रकार, ऐसी शिक्षा दी जाएगी, जिससे छात्रों का सर्वांगीण

विकास हो सकेगा।

उपसंहार:

नई शिक्षा नीति, 2020 विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त लाभकारी है। इससे रटकर पास होने की प्रवृत्ति खत्म हो जाएगी। इस शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य भावी पीढ़ी के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है। बेरोजगारी को खत्म करना तथा रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करना इस नीति का प्रयोजन है। यह शिक्षा नीति प्रत्येक विद्यार्थी को नवीन मार्ग तथा सफलता की ओर प्रेरित करने का कार्य करेगी। नई शिक्षा नीति के बादे निश्चित रूप से महत्त्वाकांक्षी है और हमारी शिक्षा प्रणाली तथा रोजगार की दिशा में उज्ज्वाल भविष्य का आगाज कर रहे हैं। यदि इस नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन सफल तरीके से होता है तो यह नई प्रणाली भारत को विश्व के अग्रणी देशों के समकक्ष ले आएगी.

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