Pawan Dutika पवन दूतिका हरिऔध hariaudh

पवन दूतिका  पद्यांश आधारित प्रश्नों का हल 

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Class 12th (class 12) Intermediate
SubjectGeneral Hindi (सामान्य हिंदी )
Chapter1 Pavan Dutika  पवन दूतिका
Topic पद्यांश पर आधारित प्रश्न Padyansh adharit prashn
Board UP BOARD
ByArunesh Sir
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पवन दूतिका { pawan dutika Pavan Dutika }

पद्यांश पर आधारित प्रश्नोत्तर

एक पद्यांश से बनने वाले अनेक  प्रश्नो का हल

परीक्षा को दृष्टि में रखकर बहुत अधिक महत्वपूर्ण पद्यांश ही रखे गए हैं , परीक्षार्थी इन्हें तैयार अवश्य कर लें|

(१)

बैठी खिन्ना यक दिवस वे गेह में थीं अकेली ।
आके आँसू दृग-युगल में थे धरा को भिगोते ।।
आई धीरे इस सदन में पुष्प-सद्गंध को ले ।
प्रात: वाली सुपवन इसी काल वातायनों से ।।

प्रश्नोत्तर –

  1. रेखांकित अंश की व्याख्या ?
  2. पद्यांश के रचनाकार एवं शीर्षक का नाम ?
  3. प्रस्तुत पंक्तियों में राधिका किससे बातें कर रही है ?

उ० – प्रस्तुत पंक्तियों में राधिका पवन से बातें कर रही है|

  1. प्रात: कालीन पवन किस मार्ग से राधिका जी के घर के अंदर आ रही है?

उ० – प्रात: कालीन पवन खिड़की द्वारा राधिका जी के घर के अंदर आ रही है|

  1. काव्यांश में कौन-सा अलंकार है ?

उ० – काव्यांश में अनुप्रास अलंकार है |

  1. श्रीमती राधिका पवन से क्या कहती हैं ?

उ०- श्रीमती राधिका पवन से  कहती हैं कि हे प्यारी प्रात: वाली सुपवन तू मुझे इतना क्यों सताती है क्या टू भी काल की क्रूरता से कलुषित हुई है|

  1. दृग-युगल का अर्थ लिखिए ?

उ० – दृग-युगल का अर्थ – दोनों नेत्र|

  1. काव्यांश में उल्लिखित रस का नाम लिखिए |

उ० – काव्यांश में उल्लिखित रस – विप्रलंभ श्रृंगार रस है |

(२)

लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आये ।
होने देना विकृत-वसना तो न तू सुन्दरी को ।।
जो थोड़ी भी श्रमित वह हो गोद ले श्रान्ति खोना ।
होंठों की औ कमल-मुख की म्लानतायें मिटाना ।।
कोई क्लान्ता कृषक-ललना खेत में जो दिखावे ।
धीरे-धीरे परस उसकी क्लान्तियों को मिटाना ।।
जाता कोई जलद यदि हो व्योम में तो उसे ला।
छाया द्वारा सुखित करना, तप्त भूतांगना को ।।

प्रश्नोत्तर –

  1. राधा पवन को लज्जाशील स्त्री के सम्बन्ध में क्या समझाती है ?

उ० – राधा पवन को लज्जाशील स्त्री के सम्बन्ध में यह समझाती है कि तुझे मार्ग में कोई लाजवंती स्त्री दिखाई दे तो उसके वस्त्र न देना |

  1. राधा के अनुसार पवन थकी हुई स्त्री की थकावट कैसे दूर करेगी ?

उ० – राधा पवन से कहती है कि  यदि कोई थकी हुई स्त्री दिखाई दे तो उसके निकट जाकर उसकी थकावट को स्पर्श करके दूर करना |

  1. कमल- मुख में कौन- सा अलंकार है ?

उ० – रूपक अलंकार |

  1. राधा पवन को क्लांत व्यक्ति के सम्बन्ध में क्या बताती है ?

उ० – राधा पवन को क्लांत व्यक्ति के सम्बन्ध में यह  बताती है कि यदि रास्ते में कोई थका हुआ यक्ति दिखाई दे तो उसकी थकावट को दूर करना |

  1. व्योम तथा भूतान्गना का क्या अर्थ है ?

उ०- योम- आकाश

भूतान्गना – गर्मी से तप्त  किसान की पुत्री

  1. राधा पवन से कृषक-स्त्री की  क्या सहायता करने को कहती है?

राधा पवन से कृषक स्त्री की थकावट दूर करने को और आकाश में बदल लाकर उसकी छाया प्रदान कर प्रसन्न करने को कहती है |

  1. प्रतुत पंक्तियों में राधा को किस रूप में चित्रित किया गया है ?

उ० – प्रतुत पंक्तियों में राधा को लोक कल्याणकारी रूप में चित्रित किया गया है |

  1. पद्यांश में प्रयुक्त एक अलंकार लिखिए |

उ० –  अनुप्रास व  रूपक अलंकार |

(३)

तू देखेगी जलद-तन को जा वहीं तद्गता हो ।
होंगे लोने नयन उनके ज्योति-उत्कीर्णकारी ।।
मुद्रा होगी वर बदन की मूर्ति-सी सौम्यता की ।
सीधे साधे वचन उनके सिक्त होंगे सुधा से ।।

प्रश्नोत्तर –

  1. राधा पवन दूतिका को किसकी पहचान बता रही हैं?

उ० – राधा पवन दूतिका को श्रीकृष्ण की पहचान बता रही हैं|

  1. प्रस्तुत पंक्तियों में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है ?

उ० – ‘जलद – तन’ में रूपक अलंकार तथा ‘सीधे सादे सिक्त’ में अनुप्रास अलंकार है |

  1. राधा ने कृष्ण की पहचान के लिए किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?

उ० – राधा ने कृष्ण की पहचान के लिए निम्न  विशेषताओं का उल्लेख किया है-

  1. मेघ के सामान शोभा वाले
  2. उनके शरीर की श्यामलता लिए हुए नील कमल के सामान मोहक|
  3. पद्यांश में राधा जी ने तद्गता किसे कहा है ?

उ० – पवन को कहा है |

  1. जलद- तन में कौन-सा अलंकार है?

उ० – ‘जलद – तन’ में रूपक अलंकार है|

  1. जलद- तन किसका विशेषण है ?

उ० – श्री कृष्ण का |

(४)

नीले फूले कमल दल-सी गात की श्यामता है।
पीला प्यारा वसन कटि में पैन्हते हैं फबीला ।।
छूटी काली अलक मुख की कान्ति को है बढ़ाती ।
सद्वस्त्रों में नवल तन की फूटती-सी प्रभा है ।

साँचे ढाला सकल वपु है दिव्य सौन्दर्यशाली।
सत्पुष्पों-सी सुरभि उसकी प्राण-सम्पोषिका है।
दोनों कन्धे वृषभ-वर-से हैं बड़े ही सजीले।
लम्बी बाँहें कलभ-कर-सी शक्ति की पेटिका हैं।

प्रश्नोत्तर –

  1. राधा पवन दूतिका को कृष्ण की क्या पहचान बता रही है ?

उ० – राधा पवन दूतिका को कृष्ण की पहचान यह बताती है कि कृष्ण कटि में पीला वस्त्र धारण करते हैं और कमल के समान उनके शरीर की श्यामता है|

  1. श्रीकृष्ण अपनी कमर में कैसा वस्त्र धारण करते हैं?

उ० – श्रीकृष्ण अपनी कमर में पीला वस्त्र धारण करते हैं|

  1. इस काव्यांश में कौन सा अलंकार है ?

उ० – उपमा अलंकार |

  1. अलक, सकल, कलभ -कर, वृषभवर, सुरभि एवं कांति शब्दों के अर्थ लिखिए |

उ० – अलक- बाल , सकल- सम्पूर्ण , कलभ -कर – हाथी की सूड के समान , वृषभवर- श्रेष्ठ बैल , सुरभि- सुगंध |

  1. कलभ कर -सी में कौन सा अलंकार है ?

उ० – उपमा अलंकार है|

  1. श्रीकृष्ण के शरीर की श्यामलता कैसी है?

उ०- नीले फूले कमल दल के समान है|

(५)

कोई प्यारा कुसुम कुम्हला गेह में जो पड़ा हो ।
तो प्यारे के चरण पर ला डाल देना उसी को ।।
यों देना ऐ पवन बतला फूल-सी एक बाला ।
म्लाना हो हो कमल-पग को चूमना चाहती है ।।

प्रश्नोत्तर –

  1. राधिका जी दूतिका के रूप में किसे भेज रही है ?

उ० – राधिका जी दूतिका के रूप में पवन को भेज रही है |

  1. राधिका जी ने दूतिका से क्या करने को कहा है ?

उ० – घर में कोई सुन्दर मुरझाया हुआ फूल पडा हो तो उसे प्रेम के साथ उठाकर प्रियतम के चरणों में डालने को कहती है |

  1. कमल -पग में कौन सा अलंकार है ?

उ०- रूपक अलंकार |

  1. कुम्हला एवं म्लाना शब्दों का अर्थ लिखो ?

उ० – कुम्हला एवं म्लाना – मुरझाया एवं मलिन/मुरझाया

  1. कमल पग को कौन चूमने की इच्छा प्रकट कर रही है ?\

उ०- राधिका जी |

(६)

पूरी होवें न यदि तुझसे अन्य बातें हमारी।
तो तू मेरी विनय इतनी मान ले औ चली जा।
छू के प्यारे कमल-पग को प्यार के साथ आ जा।
जी जाऊँगी हृदयतल में मैं तुझी को लगाके।।

प्रश्नोत्तर –

  1. राधिका क्यों पवन को अपने ह्रदय से लगाकर संतोष करने के लिए कह रही हैं?

उ०- राधिका इसलिए पवन को अपने ह्रदय से लगाकर संतोष करने के लिए कह रही है कि तुमसे अगर मेरी ये बातें पूरी न हो सके तो तू उनके चरण कमल को छूकर चली आना |

  1. राधिका किससे विनती कर रही है ?

उ०- पवन से |

  1. इस पद्यांश में कौन सा अलंकार है?

उ०- रूपक, अनुप्रास |

  1. राधा किसे ह्रदयतल में लगा के जी जायेंगी?

उ०- श्रीकृष्ण के चरणों को स्पर्श की हुई पवन को |

(७)

जाते जाते अगर पथ में क्लान्त कोई दिखावे।
तो जा के सन्निकट उसकी क्लान्तियों को मिटाना।।
धीरे-धीरे परस करके गात उत्ताप खोना।
सद्गन्धों से श्रमित जन को हर्षितों सा बनाना।।

  1. राधिका पवन से मार्ग में किसके दुःख दूर करने के लिए कहा है ?

उ०- राधिका पवन से मार्ग में थके हुए व्यक्ति की थकावट / दुःख को दूर करने के लिए कहा है |

  1. इस पद्यांश में राधिका जी को किस रूप में चित्रित किया गया है ?

उ०- लोक कल्याणकारी रूप में

  1. काव्यांश में कौन सा अलंकार है ?

उ०- उपमा, संदेह व अनुप्रास |

  1. क्लान्ति एवं उत्ताप का अर्थ लिखो?

उ०-  क्लान्ति – थकन / दुःख  उत्ताप – ताप /गर्मी

(८)

सूखी जाती मलिन लतिका जो धरा में पड़ी हो।
तो पाँवों के निकट उसको श्याम के ला गिराना।
यों सीधे से प्रकट करना प्रीति से वंचिता हो।
मेरा होना अति मलिन औ सूखते नित्य जाना।

कोई पत्ता नवल तरु का पीत जो हो रहा हो।
तो प्यारे के दुग युगल के सामने ला उसे ही।।
धीरे-धीरे सँभल रखना और उन्हें यों बताना।।
पीला होना प्रबल दुःख से प्रोषिता-सा हमारा।।

  1. राधा पवन से पृथ्वी पर पड़ी हुई लता को क्या करने के लिए कहती है ?

उ०- श्रीकृष्ण के चरणों में लाकर रखने के लिए कहती है |

  1. सूखी लता से राधा कृष्ण को क्या सन्देश देना चाहती है ?

उ०- सूखी लता से राधा कृष्ण को सन्देश देना चाहती है कि वह प्रेम से विरहित होकर किस प्रकार इस सूखी लता के समान दिन प्रति दिन सूखती व मलिन होती जा रही है|

  1. पीले पत्ते को श्रीकृष्ण के सामने लाने से राधा का क्या अभिप्राय है ?

उ० -जिस प्रकार नवीन वृक्ष का कोपल पीला पड़ गया है, इसी प्रकार प्रोषित पतिका नायिका के समान प्रेम विरह में कोई बावली हो रही है|

  1. पोषिता -सा में कौन सा अलंकार है ?

उ०- उपमा अलंकार |

(९)

मेरे प्यार नव जलद से कंज से नेत्रवाले।
जाके आए न मधुबन से औ न भेजा सँदेसा।।
मैं रो रो के प्रिय-विरह से बावली हो रही हूँ।
जा के मेरी सब दु:ख कथा श्याम को तू सुना दे।

  1. राधा किसके द्वारा कृष्ण को सन्देश भिजवाती है ?

उ०- पवन के द्वारा |

  1. राधा की मनोदशा का वर्णन कीजिए |

उ०- राधा प्रिय वियोग में रो रो के बावली हो गयो है |

  1. उपर्युक्त पंक्तियों में कौन सा रस है ?

उ०- वियोग श्रृंगार रस

  1. जलद और कंज का अर्थ लिखिए |

जलद – बादल , कंज –  कमल

 

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