Raudra ras ki paribhasha udaharan-रौद्र रस

रौद्र रस/raudra ras ki paribhsha 

Raudra ras ki paribhasha udaharan-रौद्र रस – परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण, Ras in Hindi Ras (रस)- रस क्या होते हैं? रस की परिभाषा . UP Board  All Class Hindi रस. Gyansindhuuclasses are presented Here Ras Class 10th | Ras Hindi Grammar, Ras ki Paribhasha, Examples, Question Answer and Ras Hindi Grammar (रस), Ras Class 10 Explanation, Notes.  क्रोध ‘ नामक स्थायी भाव जब विभाव , अनुभाव और संचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत होता है तब ‘ रौद्र ‘ रस कहलाता है ।

 

Raudra ras ki paribhasha udaharan-रौद्र रसras hindi

शत्रु या किसी दुष्ट अत्याचारी द्वारी किये गये अत्याचारों को देखकर अथवा गुरुजनों की निन्दा सुनकर चित्त में एक प्रकार का क्षोभ होता है, जिसके कारण मनुष्य एकदम लक्ष्य पर चोट करना चाहता है । इस चित्त – विकार को ‘ क्रोध ‘ कहते हैं । यही ‘ क्रोध ‘ नामक स्थायी भाव जब विभाव , अनुभाव और संचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत होता है तब ‘ रौद्र ‘ रस कहलाता है ।

उदाहरण-

उस काल मारे क्रोध के तनु काँपने उसका लगा ।

मानो हवा के वेग से , सोता हुआ सागर जगा ॥

स्पष्टीकरण –

स्थायी भाव – क्रोध ।

आश्रय – युद्ध में उपस्थित वीर ।

आलम्बन – शत्रु ।

उद्दीपन – शत्रु की ललकार , युद्ध का वातावरण ।

अनुभाव – कम्प आदि ।

संचारी भाव – आवेग , चापल्य , उग्रता आदि ।

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