UP Board Class 12 Samanya & Sahityik Hindi कथा भारती Chapter पंचलाइट कहानी सारांश चरित्र चित्रण | Panchalaite Summary

UP Board Class 12 Samanya & Sahityik Hindi कथा भारती Chapter पंचलाइट कहानी सारांश चरित्र चित्रण | Panchalight Summary

इसमें यूपी बोर्ड हिंदी साहित्यिक /सामान्य हिंदी 12 हेतु पाठ UP Board Class 12 Samanya & Sahityik Hindi कथा भारती Chapter पंचलाइट कहानी सारांश चरित्र चित्रण | Panchalaite Summary दिया जा रहा है, बोर्ड परीक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। प्रिय मित्रों! प्रस्तुत है जैनेंद्र कुमार द्वारा रचित कहानी ध्रुव यात्रा सामान्य हिंदी कक्षा 12 पर आधारित प्रश्न उत्तर।

In this post, UP Board Hindi Literary & General Hindi lesson for UP Board Class 12 Samanya & Sahityik Hindi कथा भारती Chapter पंचलाइट कहानी सारांश चरित्र चित्रण | Panchalaite Summary is being solved, which has been prepared keeping in mind the point of view of the board examination.

Subject / विषयGeneral /सामान्य हिंदी | Sahityik Hindi  (For Both)
Class / कक्षा12th (inter) 
Chapter( Lesson) / पाठChpter -12   Hindi Katha Bharati  (हिंदी कथा भारती)
Topic / टॉपिक

Panchlite |पंचलाइट (फणीश्वर नाथ रेणु)

Full Video Lectures LinkClick Here For Video Lecture       
All Chapters/ सम्पूर्ण पाठ्यक्रम सामान्य हिंदी     ||    साहित्यिक हिंदी

 ‘ पंचलाइट ’ कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए ।
अथवा ‘ पंचलाइट ‘ कहानी की कथावस्तु पर प्रकाश डालिए ।
अथवा ‘ पंचलाइट ‘ कहानी के कथानक की विवेचना कीजिए ।

पंचलाइट ‘ कहानी की कथावस्तु 

‘ पंचलाइट ‘ श्री फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा रचिंत एक आंचलिक कहानी है ,. जिसमें रेणुजी ने ग्रामीण परिवेश के साथ – साथ आंचलिक परिवेश को अत्यन्त सुन्दरता के साथ उभारा है । पंचलाइट कहानी की कथावस्तु ग्राम्य परिवेश से ग्रहण की गई है । इस कहानी की कथावस्तु में उन्होंने पेट्रोमैक्स , जिसे गाँववाले ‘ पंचलाइट ’ या ‘ पंचलैट ’ कहते हैं , के माध्यम से ग्रामीण वातावरण का चित्रण करते हुए ग्रामवासियों के मनोविज्ञान की वास्तविक झलक प्रस्तुत की है । ग्रामीण जनजाति के आधार पर किस प्रकार टोलियों में विभक्त हो जाते हैं और परस्पर ईर्ष्या – द्वेष के भावों से भरे रहते हैं , इसका बड़ा हो जीवन्त यथार्थ रूप इस कहानी में उभारा गया है । ग्रामांचल का वास्तविक चित्रण ही इसकी कथावस्तु का उद्देश्य है ।

‘ पंचलाइट ‘ कहानी का सारांश ( कथानक )

रामनवमी के मेले में इस बार महतो टोली के पंचों ने एक पेट्रोमैक्स खरीदा । इस पेट्रोमैक्स को गाँववाले ‘ पंचलैट ‘ कहकर पुकारते थे । पंचलैट खरीदने के बाद जो दस रुपये बच गए थे , उनसे पूजा की सामग्री भी खरीदी गई सबको ‘ पंचलैट ’ आने की प्रसन्नता थी । इस खुशी में कीर्तन का आयोजन किया गया । थोड़ी देर में टोली के सभी लोग ‘ पंचलैट ‘ देखने के लिए एकत्र हो गए , लेकिन प्रश्न यह पैदा हुआ कि ‘ पंचलैट ‘ को जलाएगा कौन खरीदने से पहले किसी के दिमाग में यह बात नहीं आई थी । यह निर्णय हुआ कि दूसरी पंचायत के आदमी की मदद से ‘ पंचलैट ‘ नहीं जलाया जाएगा , चाहे वह बिना जले ही पड़ा रहे ।

आज किसी ने अपने घर में ढिबरी ( डिबिया ) भी नहीं जलाई थी । ‘ पंचलैट ’ के न जलने से पंचों के चेहरे उतर गए । राजपूत टोली के लोग उनका मजाक बनाने लगे , लेकिन सबने धैर्यपूर्वक उस मजाक को सहन किया ।
वहीं पर गुलरी काकी की बेटी मुनरी बैठी थी । वह जानती थी कि गोधन · पंचलैट जलाना जानता है , लेकिन पंचायत ने गोधन का हुक्का “था । मुनरी गोधन से प्रेम करती थी । उसने अपनी बात अपनी सहेली कनेली को बताई । कनेली ने यह सूचना सरदार तक पहुँचा दी कि गोधन ‘ पंचलैट ’ जलाना जानता है । सभी पंच सोच – विचार में पड़ गए कि गोधन को बुलाया जाए अथवा नहीं । अन्त में उसे बुलाने का निर्णय लिया गया ।
सरदार ने छड़ीदार को भेजा । लेकिन छड़ीदार के कहने से गोधन ‘ पंचलैट ’ जलाने के लिए नहीं आया । आखिर गुलरी काकी गोधन के झोपड़े में गई और उसे मनाकर ले आई ।

गोधन ने ‘ पंचलैट ‘ में तेल भरा । तभी गोधन ने पूछा कि ‘ स्पिरिट ‘ कहाँ है । ‘ स्पिरिट ’ का नाम सुनकर सभी लोग उदास हो गए , लेकिन गोधन ने अपनी होशियारी से गरी के तेल की सहायता से ही ‘ पंचलैट ‘ जला दिया ।
पंचलैट के जलने पर सभी लोगों में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई । लोगों के दिल का मैल दूर हो गया । कीर्तनिया लोगों ने एक स्वर में महावीर स्वामी की जय ध्वनि की । कीर्तनं शुरू हो गया । गोधन ने सबका दिल जीत लिया । मुन हसरतभरी निगाहों से गोधन की ओर देखा । सरदार ने गोधन को बहुत प्यार से अपने पास बुलाकर कहा –
” तुमने जाति की इज्जत रखी है । तुम्हारा सात खून माफ खूब गाओ सलीमा का गाना । ”
अन्त में गुलरी काकी ने गोधन को रात के खाने पर निमन्त्रित किया । गोधन ने एक बार फिर से मुनरी की ओर देखा । उससे दृष्टि मिलते ही लज्जा के कारण मुनरी की पलकें झुक गईं ।

प्रश्न 2. पंचलाइट कहानी का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए ।
अथवा ‘ पंचलाइट ‘ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए ।
( शब्द सीमा : अधिकतम 80 शब्द )

‘ पंचलाइट ‘ कहानी का उद्देश्य

ग्रामवासी जाति के आधार पर किस प्रकार टोलियों में विभक्त हो जाते हैं और परस्पर ईर्ष्या – द्वेष के भावों से भरे रहते हैं , इसका बड़ा ही सजीव और यथार्थ चित्रण इस कहानी में किया गया है । परोक्ष रूप से रेणुजी ने ग्राम – सुधार की प्रेरणा भी दी है । इसी के साथ कहानीकार ने यह भी सिद्ध किया है कि आवश्यकता बड़े – से – बड़े संस्कार और निषेध को अनावश्यक सिद्ध कर देती है ।

 

Other Related Topics संस्कृत दिग्दर्शिका हेतु

( 1 ) भोजस्यौदार्यम्
( 2 ) आत्मज्ञः एव सर्वज्ञ:
( 3 ) संस्कृत भाषायाः महत्तम् ,
( 4 ) जातक कथा ,

error: Content is protected !!