UP Board Drawing Notes- Rang, Rango ke Prakar, Ostwald chakra, Virodhi rang, Tatasth rang, Prathmik rang, Dvitiyak rang.
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए चित्रकला के नोट्स – रंग व रंगों के प्रकार, प्राथमिक रंग , द्वितीयक रंग, रंगों के विरोधी रंग, तटस्थ रंग, ओस्त्वाल्ड चक्र के रंग रंग कितने प्रकार के होते हैं आदि प्रश्नों के सही और शुद्ध उत्त्तर आपको इस पोस्ट में मिल जायेंगे.
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Drawing Notes for UP Board Exam – Colors and Types of Colors, Primary Colours, Secondary Colors, Opposite Colors of Colors, Neutral Colors, How many types of colors are there in Ostwald Chakra etc. You will find correct and correct answers to the questions in this post Will get you. UP Board Class 10th Drawing MCQ OMR based. Bahuvikalpiya prashn class X Drawing 2023.
रंगों का वर्गीकरण :-
सर्वाधिक प्रचलित रंगों का वर्गीकरण निम्न है, सामान्यत: रंगों को तीन भागों में बांटा जा सकता है –
(1) प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक रंग
(2) गर्म और ठंडे रंग
(3) निष्प्रभावी रंग (neutral)
प्राथमिक रंग या मूल रंग :-
लाल, पीला और नीला प्राथमिक रंग है। ये तीनों रंग अन्य रंगों का आधार हैं और इनसे अन्य रंग भी बनाये जा सकते हैं। प्राथमिक रंग या मूल रंग वे रंग हैं जो किसी मिश्रण के द्वारा प्राप्त नहीं किये जा सकते हैं। इनको ही मूल रंग कहा जाता है इनकी संख्या 3 (लाल, पीला और नीला ) है|
द्वितीयक रंग :-
द्वितीयक रंग वे रंग होते हैं जो दो प्राथमिक रंगों के मिश्रण से प्राप्त किये जाते हैं। अथवा दो प्राथमिक रंगों को बराबर मात्रा में मिलाकर बनने वाले रंगों को द्वितीयक रंग कहते हैं। ये रंग नारंगी, हरा और बैंगनी हैं।
तृतीयक रंग :-
तृतीयक रंग – एक प्राथमिक और एक द्वितीयक रंग को बराबर मात्रा में मिलाकर बनाया जाता है। उदाहरण के लिये नीला (प्राथमिक) और हरा ( द्वितीयक) को मिलाकर नीला हरा तृतीयक रंग बनाया जाता है।
- पीला + नारंगी = पीला नारंगी
- लाल + नारंगी = लाल नारंगी
- लाल + बैंगनी = लाल बैंगनी
- नीला + बैंगनी = नीला बैंगनी
- नीला + हरा = नीला हरा
- पीला + हरा = पीला हरा
तीन प्राथमिक, तीन द्वितीयक और छः तृतीयक रंगों से हमें हमारे बारह रंगों का समूह प्राप्त होता है।
गर्म रंग :-
गर्म रंग लाल नारंगी पीला आदि हैं| इनमे अग्नि या सूर्य तत्त्व होता है| ये रंग उत्साह, उत्तेजना, प्रसन्नता का आभास कराते हैं| आकर और लम्बाई का भ्रम होता है तथा गर्माहट की अनुभूति कराते हैं|
ठंडे रंग
ये रंग नीले, हरे, बैंजनी आदि हैं। इनसे ठंडक की अनुभूति होती है, वनस्पति या जल तत्त्व होता है । शांतिदायक होते हैं जो आराम और शांति का अनुभव कराते हैं। इन रंगों को ग्रीष्मकाल के लिये बनाये गये कशीदे में प्रयोग किया जा सकता है। गर्म और ठंडे रंग एक दूसरे के पूरक होते हैं और हमेशा दिलचस्प प्रभाव की रचना करते हैं।
निष्प्रभावी रंग
सफेद, काले, स्लेटी, भूरे, तांबई, हल्के पीले रंगों आदि सभी निष्प्रभावी या उदासीन रंग कहलाते हैं। ये किसी भी कशीदाकारी का महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि ये गहरे रंगों के लिये अत्यंत प्रभावशाली पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं।
धातु रंग
धातु की चमक दमक ने मानव को सदैव ही आकर्षित किया है। कशीदाकारी के संदर्भ में इन रंगों का काफी महत्त्व है और प्राचीन काल से ही इनका प्रयोग कशीदे में होता रहा है। धातु के तारों को धागे की बारीकी तक पीटा जाता है और इन तारों को कशीदे के लिये प्रयोग किया जाता है। साधारण सुनहरे और चांदी के तार बादला कहलाते हैं और जब इन तारों को किसी धागे पर लपेटा जाता है, तब इन्हें कसब कहा जाता है। धातु की छोटी-छोटी बिंदुओं को मुकैश कहा जाता है।
विरोधी रंग–
प्राथमिक व द्वितीयक रंगों के मिश्रण से जो रंग बनते है उन्हें विरोधी रंग कहा जाता है।
- ऑस्टवाल्ड वर्ण चक्र में प्रदर्शित किये गये जाने वाले आमने सामने के रंग विरोधी रंग कहलाते हैं।
- जैसे- नीले का विरोधी रंग पीला, नारंगी का आसमानी व बैंगनी का विरोधी रंग धानी है।
- प्राथमिक व द्वितीयक रंगों के मिश्रण से जो रंग बनते है उन्हें विरोधी रंग कहा जाता है।
रंग चक्र
यह रंगों का ऐसा चक्र होता है जिसमें प्राथमिक रंग और उसके विरोधी रंग उपस्थित होते हैं। इस प्रकार के चक्र को रंग चक्र कहा जाता है।
रंग चक्र के प्रकार– समान्यतः रंग चक्र को 2 प्रकार के होते है-
(१) वैज्ञानिक रंग चक्र
(२) ऑस्टवाल्ड रंग चक्र
(१) वैज्ञानिक रंग चक्र-
- यह रंग चक्र संशोधित करके बनाए गए हैं जो आधुनिक युग के हैं। इसको वैज्ञानिकों द्वारा शोध करके बनाया गया है। वैज्ञानिक रंग चक्र के अनुसार, रंग चक्र में 6 रंग होते हैं।
- यह 6 रंग एक दूसरे के आमने सामने उपस्थित होते हैं। इन 6 रंगों के नाम लाल, नीला, पीला, हरा, नारंगी और बैगनी होता है। इन छह रंगों का प्रयोग करते हुए जब एक वृत्ताकार चक्र में इनको रखा जाता है तो इन छह रंगों के द्वारा एक चक्र बनता है, जिसे वैज्ञानिक रंग चक्र कहा जाता है। वैज्ञानिक रंग चक्र में
- लाल का विरोधी हरा रंग,
- नारंगी का विरोधी नीला रंग,
- बैंगनी का विरोधी पीला रंग होता है।
(२) ऑस्टवाल्ड रंग चक्र-
- यह रंग चक्र संशोधित करके बनाए गए हैं जो विल्हेम ओस्टवाल्ड के द्वारा प्रस्तुत किये गए हैं। ओस्टवाल्ड रंग चक्र के अनुसार, रंग चक्र में 8 रंग होते हैं। यह 8 रंग एक दूसरे के आमने सामने उपस्थित होते हैं। इन 8 रंगों के नाम लाल, नीला, पीला, हरा, नारंगी, समुंद्री हरा(आसमानी), धानी और बैगनी है। इन 8 रंगों का प्रयोग करते हुए जब एक वृत्ताकार चक्र में इनको रखा जाता है तो इन 8 रंगों के द्वारा एक चक्र बनता है, जिसे ओस्टवाल्ड रंग चक्र कहा जाता है।
- ओस्टवाल्ड रंग चक्र में विरोधी रंग:-
- लाल का विरोधी हरा,
- नारंगी का विरोधी समुंद्री हरा या आसमानी नीला,
- पीला का विरोधी नीला,
- बैंगनी का विरोधी धानी है।
तटस्थ रंग या उदासीन रंग :-
वे रंग जिनका उपयोग किसी रंग को हल्का और गाढ़ा करने के लिए किया जाता है वे उदासीन रंग या तटस्थ रंग कहलाते हैं। उदासीन रंग- काला रंग और सफेद रंग है। सरल भाषा में काले और सफेद रंग को तटस्थ रंग या उदासीन रंग कहते हैं। इनके उपयोग से किसी भी रंग को गाढा और हल्का करने में किया जाता है। जब किसी भी रंग में काले रंग को मिलाया जाता है तो वह रंग गहरा हो जाता है और ठीक इसके विपरीत जिस रंग में सफेद रंग मिलाया जाता है वह हल्का रंग बन जाता है।
उदाहरणार्थ –
- हरा + सफेद = हल्का हरा ♦
- हरा + काला = गहरा हरा ♦
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