Up Board Exam Class-12 General Hindi Latest Model Paper UP Board Exam 2025 – New Education Policy – कक्षा-12 सामान्य हिन्दी मॉडल पेपर यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 का सबसे वायरल पेपर

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कक्षा-12 सामान्य हिन्दी मॉडल पेपर 2025, Dear Students – As the academic session 2024-25 under UPMSP (Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad) approaches, we are pleased to present important updates for Class 10 students.   

Class-12 General Hindi  Model Paper UP Board Exam 2025 Up Board Based on New Education Policy – कक्षा-12 सामान्य हिन्दी मॉडल पेपर यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 Board exam model paper 2024-25 Download PDF  यूपी बोर्ड कक्षा-12 सामान्य हिन्दी प्रश्न पत्र 2024-25 की पीडीऍफ़ 2024-25 New Model Paper PDF Sample Paper 2024-25. Class-12 General Hindi  Question Paper 2024-25 Download PDF UP Board Exam ||  

Class-12 General Hindi  Model Question Paper 2025 (UPMSP)

Subject General Hindi  (सामान्य हिन्दी) 
Class  12th 
Board  UP Board (UPMSP)
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Class-12 General Hindi  Model Paper 2025

समय  3:15 hr.
पूर्णांक 100
पासिंग मार्क 33.33%
प्रक्टिकल  NO

102                                              302(CZ)

2025

सामान्य हिन्दी

समय: तीन घण्टे 15 मिनट                                                                            पूर्णांक: 100

निर्देश:

नोट: (i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न.पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

(ii) इस प्रश्न पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।

(खण्ड क)

  1. क) क्या भूलूँ क्या याद करूंरचना की विधा है-           1

     (i) डायरी                                                    (ii) गद्य गीत

     (iii) आत्म कथा                                          (iv) संस्मरण

     ख) इन्दुमतीहै-                                                                                  1

     (i) प्रथम कहानी                                           (ii) निबन्ध

     (iii) प्रथम उपन्यास                                      (iv) इनमें से कोई नहीं

ग) संस्मरण लेखन का प्रारम्भ किस प्रमुख लेखक ने किया ?                            1

(i) बालमुकुन्द गुप्त                                         (ii) पद्म सिंह शर्मा

(iii) रामवृक्ष बेनीपुरी                                     (iv) श्रीराम शर्मा

घ) द्विवेदी युग के लेखक हैं-                                                                           1

(i) सदल मिश्र                                               ii) मोहन राकेश                 

(iii) सरदार पूर्णसिंह                                       iv) हजारीप्रसाद द्विवेदी।

ङ) सामान्य रूप से प्रगतिवादी काव्य की समय-सीमा मानी है-                         1

  (i) सन् 1930 से 1946 तक                              ii) सन् 1932 से 1947 तक

 (iii) सन् 1936 से 1943 तक                            iv) सन् 1940 से 1950 तक

  1. क) ‘भवानी प्रसाद मिश्र कवि रूप में संग्रहीत हैं- 1

(i) तार सप्तक                                               (ii) दूसरा सप्तक

(iii) तीसरा सप्तक                                         (iv) चौथा सप्तक

ख निम्न में प्रेमाश्रयी शाखा के कवि नहीं हैं-                                       1

(i) कुतुबन                                                   (ii) शेखनबी

(iii) मंझन                                                   (iv) कबीरदास

ग) हरिऔध’ जी द्वारा लिखित ‘पारिजात’ काव्य प्रस्तुत किया गया है-    1

i) सत्रह सर्गों में                            ii) अट्ठारह सर्गों में

iii) बारह सर्गों में                                           iv) पन्द्रह सर्गों में

घ) प्रगतिवादी रचनाकार हैं-                                                                        1

(i) रामचरित उपाध्याय                                  (ii) शिवमंगल सिंह सुमन

(iii) महादयी वर्मा                                        (iv) जयशंकर प्रसाद

ङ) ‘अभिनव मनुष्य’ काव्यांश के रचनाकार हैंः                                                      1

i) नरेन्द्र शर्मा                           ii) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

iii) धर्मवीर भारती                   iv) जयशंकर प्रसाद

  1. निम्नलिखित गद्यांश का सन्दर्भ देते हुए किसी एक के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5х2=10

    कहते हैं, दुनिया बड़ी भुलक्कड़ है! केवल उतना ही याद रखती है, जितने से उसका स्वार्थ     सधता है। बाकी को फेंककर आगे बढ़ जाती है। शायद अशोक से उसका स्वार्थ नहीं सधा।     क्यों उसे वह याद रखती? सारा संसार स्वार्थ का अखाड़ा ही तो है।

i) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए।

ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

iii) प्रस्तुत गद्यांश में किस प्रसंग की चर्चा की गई है?

iv) लेखक ने गद्यांश में किस प्रकार के लोगों को स्वार्थी कहा है?

v) “सारा संसार स्वार्थ का अखाड़ा ही तो है।’’ पंक्ति का क्या आशय है?

अथवा

भूमि, भूमि पर बसने वाला जन की संस्कृति, इन तीनों के सम्मिलन से राष्ट्र का स्वरूप बनता है, भूमि का निर्माण देवों ने किया है, वह अनन्त काल से है। उसके भौतिक रूप-सौन्दर्य और समृद्धि के प्रति सचेत होना हमारा आवश्यक कर्तव्य है। भूमि के पार्थिव स्वरूप के प्रति हम जितने अधिक जागरूक होंगे, उतनी ही हमारी राष्ट्रीयता बलवती हो सकेगी। यह पृथ्वी सच्चे अर्थों में समस्त राष्ट्रीय विचारधाराओं की जननी है।

(क) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ख) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।

(ग) पृथ्वी के प्रति हमारा क्या धर्म (कर्त्तव्य) है?

(घ) भूमि का निर्माण किसने किया है?

(ङ) पृथ्वी के बारे में क्या-क्या जानना चाहिए?

  1. पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-    5х2=10

मैं नाम-गोत्र से रहित पुष्प,

अम्बर में उड़ती हुई मुक्त आनन्द शिखा

इतिवृत्त हीनसौन्दर्य चेतना की तरंग;

सुर-नर-किन्नर-गन्धर्व नहीं, प्रिय! मैं केवल अप्सरा

विश्वनर के अतृप्त इच्छा-सागर से समुद्भूत।

i) प्रस्तुत पद्याश के पाठ एवं कवि का नाम लिखिए।

ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

iii) इस पद्यांश में उर्वशी ने किसे अपना परिचय दिया है?

iv) आकाश में उड़ती हुई स्वच्छन्द आनन्द की शिखा कौन है?

v) ‘मैं नाम-गोत्र से रहित पुष्प’ किसे कहा गया है।

अथवा

और देखा वह सुन्दर दृश्य

          नयन का इन्द्रजाल अभिराम ;

कुसुम – वैभव में लता समान

          चन्द्रिका से लिपटा घनश्याम ;

हृदय की अनुकृति बाह्य उदार

          एक लम्बी काया, उन्मुक्त ;

मधु पवन क्रीड़ित ज्यों शिशु साल;

          सुशोभित हो सौरभ संयुक्त ।  

i) प्रस्तुत पद्यांश के पाठ एवं कवि का नाम लिखिए।

ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

iii) प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा रस है?

iv) मनु ने जब ऊपर सिर उठाया तो क्या देखा?

v) कवि ने श्रद्धा के किन गुणों का वर्णन किया है?

  1. i) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों का  उल्लेख  कीजिए – (अधिकतम शब्द.सीमा 80 शब्द)  5

(i) हजारी प्रसाद द्विवेदी                  (ii) कन्हैयालाल मिश्र श्प्रभाकर             (iii) प्रो0 जी0 सुंदर रेड्डी

  1. ii) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए – (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)                                                     5

 (i) भारतेंदु हरिश्चन्द्र                        (ii) सुमित्रानंदन पंत             (iii) मैथिलीशरण गुप्त

  1. बहादुर अथवा पंचलाइटकहानी का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।         (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)          5

अथवा

बहादुरकहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए। (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

  1. स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का संक्षिप्त उत्तर दीजिए- (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)                                                            5
  2. i) श्मिरथी खण्डकाव्य के आधार पर कर्ण की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

अथवा

श्मिरथी खण्डकाव्य की प्रमुख घटना का वर्णन कीजिए।

ii) सत्य की जीत खण्डकाव्य के आधार पर प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए।

अथवा

सत्य की जीत खण्डकाव्य की प्रमुख घटना का उल्लेख कीजिए।

iii) हर्षवर्धन की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

अथवा

मुक्तियज्ञ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र.चित्रण कीजिए।

iv) त्यागपथी खण्डकाव्य के प्रमुख नारी पात्र की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

अथवा

त्यागपथी खण्डकाव्य की विशेषताएँ लिखिए।

v) आलोकवृत्त खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।

अथवा

आलोकवृत्त खण्डकाव्य की सामान्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

vi) श्रवणकुमार खण्डकाव्य की विशेषताएँ लिखिए।

अथवा

श्रवणकुमार खण्डकाव्य की प्रमुख घटना को अपने शब्दों में लिखिए।

(खण्ड-ख)

  1. i) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए- 2+5=7

याज्ञवल्क्य उवाच-न वा अरे मैत्रेयि! पत्युः कामाय पति: प्रियो भवति। आत्मनस्तु वै कामाय पतिः प्रियो भवति। न वा अरे, ‘जायायाः कामाय जाया प्रिया भवति, आत्मनस्तु वै कामाय जाया प्रिया भवति। न वा अरे, पुत्रस्य वित्तस्य च कामाय पुत्रो वित्तं वा प्रियं भवति। आत्मनस्तु वै कामाय पुत्रो वित्तं वा प्रियं भवति। न वा अरे, सर्वस्य कामाय सर्वं प्रियं भवति, आत्मनस्तु वै कामाय सर्व प्रियं भवति।

अथवा

ततः कदाचित् द्वारपाल आगत्य महाराज भोजं प्राह देव, कौपीनावशेषो विद्वान् द्वारि वर्ततेःइति । राजा प्रवेशयइति प्राह। ततः प्रविष्ट सः कविः भोजमालोक्य अद्य मे द्वारिद्वयनाशो भविष्यतीति  मत्वा तुष्टो हर्षा श्रूणिमुमोच। राजा तमालोक्य प्राह के वे कि रोदिषिइति । ततः क विराह-राजन।

ii)निम्नलिखित श्लोकों का हिन्दी में ससन्दर्भ अन्‌याद कीजिए-                2+5=7

अये लाजानच्चैः पथि वचनमाकर्ण्य गृहिणी।
शिशोः कर्णौ यत्नात् सुपिहितवती दीनवदना।।
मयि क्षीणोपाये यदकृतं दृशावश्रुबहुले।
तदन्तःशल्यं मे त्वमसि पुनरुद्धर्तुमुचितः।।

अथवा

भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाण भारती,

 तस्या हि मधुरं काव्यं तस्मादपि सुभाषितम् ॥

  1. निम्नलिखित लोकोक्तियों और मुहावरों में से किसी एक का अर्थ लिखते हुए अपने शब्दों में  वाक्य  प्रयोग कीजिए :   1+1=2

(क) काला अक्षर भैंस बराबर

(ख) समरथ को नहिं दोष गोसाईं

(ग) अंगूठा दिखाना

(घ) अपनी-अपनी ढपली अपना-अपना राग         

  1. अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार बाल-श्रम को इस प्रकार परिभाषित किया गया है- “वह काम जो बच्चों को उनको बचपन उनकी क्षमता और उनकी गरिमा से वंचित करता है और जो शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हानिकारक है।” भारत में बालश्रम एक अनिवार्य मुद्दा है, जिससे देश वर्षों से निपट रहा है बालश्रम को समाप्त करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सामाजिक संगठनों, मालिकों और अभिभावकों द्वारा भी समाधित करना चाहिए।

(i) गद्यांश का शीर्षक लिखिए।                                                          2

(ii) बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए क्या हानिकारक है? 2

(iii) ‘बालश्रमको समाप्त करने की जिम्मेदारी किसकी है?                    1

  1. (क) निम्नलिखित शब्द-युग्मों का सही अर्थ चयन करके लिखिए :

(i) आभरण- आमरण–                                                                     1

(अ)भरण और पोषण               (ब) जीवन और मोक्ष

(स) जीवन और मरण               (द)आभूषण और मृत्यु तक

(ii) दुर्लभ- अप्राप्य –                                                                        1

(अ) कठिनाई से मिले- बिल्कुल न मिले

(ब) हर समय मिले- कभी न मिले

(स) कभी-कभी मिले- हर समय न मिले

(द) मिलता हो- जो खाता हो।

(ख) निम्नलिखित शब्दों में से किसी एक शब्द के दो अर्थ लिखिए :                  1

(i) कनक                   (ii) कुल               

(iii) सोना                  (iv) काल

(ग) निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक सही शब्द का चयन करके लिखिए :    1

(i) पीने की इच्छा रखने वाला-

(अ) प्यासा                    (ब) तृषित

(स) पिपासा                  (द) पिपासु

(ii) जिसकी गणना न की जा सके-                                                    1

(अ) अगणित                 (ब) अगणनीय

(स) अगणक                 (द)अगणीत

(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए :                    1

          (i) डॉ0 प्रत्यूषराज बनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक हैं।

          (ii) सब लोग अपना काम करो।

          (iii) मंच पर अनेकों नेता उपस्थित होंगे।

          (iv) अब दस रुपया में क्या आता है?

  1. (क) करुणरस अथवा ’शान्त’ रस का लक्षण और एक उदाहरण लिखिए। 2

          (ख) ‘संदेह अलंकार अथवा उत्प्रेक्षाअलङ्कार का लक्षण और एक उदाहरण लिखिए। 2

          (ग) ‘दोहा’ छन्द अथवा कुण्डलिया’ छन्द का लक्षण और उदाहरण लिखिए।     2

  1. अपने क्षेत्र में फैली संकरामक बीमारी की समस्या के सम्बन्ध में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखिए।                              6

अथवा

          अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति के लिए एक आवेदन-पत्र लिखिए।

  1. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए : 2+7= 9

          (क) राष्ट्रीय एकता वर्तमान समय की अनिवार्य आवश्यकता

          (ख) रोज़गार की समस्या

          (ग) स्वच्छ भारत अभियान

          (घ) जनसंख्या वृद्धिः कारण एवं निवारण

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