रामधारी सिंह दिनकर – अभिनव मनुष्य |पद्यांश आधारित प्रश्नोत्तर
Class 12 Hindi पद्य Chapter -अभिनव-मनुष्य पद्यांश आधारित प्रश्नोत्तर UP Board Hindi- UPMSP Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad Intermediate Hindi UP Board Hindi for Class 12 Abhinav Manushya General Hindi Kayanjali & Class 12 Sahityik Hindi Also सामान्य हिंदी काव्यांजलि Chapter अभिनव मनुष्य Abhinav Manushya रामधारीसिंह दिनकर are part of UP Board hindi for Class -12 Samanya Hindi साहित्यिक हिंदी . यहाँ पर हम दे रहे हैं – UP Board साहित्यिक हिंदी Class 12 Samanya Hindi काव्यांजलि Chapter अभिनव मनुष्य के पद्यांशों पर आधारित परश्नोत्तर |
प्रिय! छात्र- छात्राओं, हम यहां पर Class 12 Hindi पद्य Chapter -अभिनव-मनुष्य पद्यांश आधारित प्रश्नोत्तर UP Board Hindi अभिनव-मनुष्य पद्यांश आधारित प्रश्नोत्तर काव्यांजलि में संकलित चैप्टर अभिनव-मनुष्य पद्यांश आधारित प्रश्नोत्तर के पद्यांश पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर प्रस्तुत कर रहे हैं यूपी बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से कक्षा 12 साहित्यिक एवं सामान्य हिंदी वाले विद्यार्थियों के लिए अति महत्वपूर्ण हैं।
Class | 12th (class 12) Intermediate कक्षा -12 |
Subject | General & Sahityik Hindi (सामान्य साहित्यिक हिंदी ) |
Chapter | अभिनव मनुष्य | Abhinav Manushya |
Topic | अभिनव मनुष्य पद्यांश आधारित प्रश्नोत्तर Abhinav Manushy padyansh adharit prashn |
Board | UP BOARD (upmsp) |
By | Arunesh Sir |
Other | वीडियो के माध्यम से समझें |
सामान्य एवं साहित्यिक हिन्दी (कक्षा 12) चैप्टर- 9- रामधारीसिंह ‘ दिनकर ‘ ( अभिनव मनुष्य )
अभिनव मनुष्य कविता के पद्यांश पर आधारित प्रश्न उत्तर
[पद्यांश-1]
है बहुत बरसी धरित्री पर अमृत की धार ,
पर नहीं अब तक सुशीतल हो सका संसार ।
भोग – लिप्सा आज भी लहरा रही उद्दाम ,
बह रही असहाय नर की भावना निष्काम ।
( i ) कवि के अनुसार विश्व में अभी तक शान्ति स्थापित क्यों नहीं हो सकी ?
उत्तर- कवि के अनुसार विश्व की अनेक विभूतियों ने लोगों को अपने उपदेशों के माध्यम से शान्ति का पाठ पढ़ाने का प्रयास किया है किन्तु मनुष्य की ईर्ष्या द्वेष , छलकपट और घृणारूपी कुप्रवृत्तियों के कारण विश्व में आज तक शान्ति स्थापित नहीं हो सकी ।
( ii ) वर्तमान समय में लोगों के जीवन में दोहरेपन की स्थिति का किस रूप में कवि ने चित्रण किया है ?
उत्तर-कवि कहता है कि वर्तमान समय में लोग पितामह भीष्म , धर्मराज युधिष्ठिर , महात्मा गाँधी , गौतम बुद्ध , अशोक , ईसा मसीह आदि महापुरुषों की बातें केवल सैद्धान्तिक रूप में अपनाते हैं , व्यावहारिक रूप में नहीं ।
( iii) कवि को आधुनिक मनुष्य की प्रवृत्ति आदिम युग के मनुष्य की भाँति क्यों लगती है ?
उत्तर- मनुष्य के कृत्यों के कारण उसे आधुनिक मनुष्य आदिम युग के मनुष्य की भाँति लगता है ।
( iv ) काव्यांश का शीर्षक व कवि का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर- शीर्षक – अभिनव मनुष्य कवि — रामधारीसिंह दिनकर
( v ) काव्यांश का काव्य सौन्दर्य लिखिए ।
उत्तर-
- भाषा – शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली ,
- शैली – प्रबन्धात्मक ,
- अलंकार- रूपक व अनुप्रास ,
- गुण — ओज ,
- शब्दशक्ति -अभिधा एवं लक्षणा है ।
[पद्यांश -2]
सावधान , मनुष्य ! यदि विज्ञान है तलवार ,
तो इसे दे फेंक , तजकर मोह , स्मृति के पार ।
हो चुका है सिद्ध , है तू शिशु अभी अज्ञान ,
फूल काँटों की तुझे कुछ भी नहीं पहचान ।
खेल संकता तू नहीं ले हाथ में तलवार , काट लेगा अंग ,
तीखी है बड़ी यह धार ।
( i ) कवि मनुष्य को सावधान क्यों कर रहा है ?
उत्तर – कवि इन पंक्तियों में मानव को विज्ञान के विनाशकारी रूप से सावधान रहने को कह रहा है
( ii ) मनुष्य को अज्ञान शिशु क्यों कहा गया है ?
उत्तर- कवि मनुष्य के वैज्ञानिक आविष्कारों के प्रति अत्यधिक मोह व उसके परिणाम के प्रति सचेत न होने के कारण उसे अज्ञानी शिशु कहता है।
( ii ) किसकी धार बड़ी तीखी है ?
उत्तर- विज्ञान रूपी तलवार की धार बड़ी तीखी है।
( iv ) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर -कवि रामधारी सिंह दिनकर कहते हैं कि विज्ञान विनाशकारी तलवार है तो उसको दूर फेंक दीजिए।इसके प्रति मन में व्याप्त मोह के भाव को त्याग कर मन से दूर कर दो।
( v ) पाठ का शीर्षक एवं कवि का नाम लिखिए ।
उत्तर शीर्षक अभिनव मनुष्य कवि – रामधारीसिंह दिनकर ।
[पद्यांश-3]
आज की दुनिया विचित्र , नवीन ,
प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन |
हैं बँधे नर के करों में वारि , विद्युत , भाप ,
हुक्म पर चढ़ता – उतरता है पवन का ताप ।
है नहीं बाकी कहीं व्यवधान ,
लाँघ सकता नर सरित , गिरि , सिन्धु एक समान ।
( i )कवि के अनुसार आज की दुनिया कैसी है?
उत्तर -दिनकर जी के अनुसार आज की दुनिया विचित्र एवं नवीन है यानी अद्भुत एवं नई है।
( ii ) पुरुषों के हाथ में क्या बँधे हैं ?
उत्तर- आज मनुष्य ने जल , बिजली , दूरी , वातावरण का ताप आदि सभी पर नियन्त्रण कर लिया है , सभी उसके हाथों में बँधे हुए हैं ।
( iii ) ‘ चढ़ता – उतरता ‘ में कौन सा समास है ?
उत्तर -चढ़ता उतरता शब्द में द्वंद समास है।
( iv ) रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- आज मनुष्य ने वैज्ञानिक प्रगति के द्वारा प्रकृति से संघर्ष सभी क्षेत्रों में विजय प्राप्त कर ली है , आज की दुनिया नई तो है , किन्तु बड़ी विचित्र है । आज का मनुष्य हर दृष्टि से इतना अधिक उन्नत और साधन सम्पन्न हो चुका है कि वह नदी , पर्वत , सागर सभी को समान रूप से पार कर सकता है ।
( v ) पाठ का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए ।
उत्तर-शीर्षक — अभिनव मनुष्य कवि रामधारीसिंह ‘ दिनकर ‘ ।
अन्य महत्वपूर्ण सम्बंधित टॉपिक –