UP Board Solution of Class 10 Sanskrit Vyakran – Sandhi MCQ Question – संधि बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रिय पाठक! यहां पर इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको अग्रलिखित संधि के बहुविकल्पीय प्रश्न (Sandhi MCQ Question) सूत्रों से सम्बंधित उदाहरण (Examples) एवं बहुविकल्पीय प्रश्न प्रदान किये जा रहे हैं-
Chapter Name | संधि के बहुविकल्पीय प्रश्न |
Part 3 | Sanskrit Grammar |
Board Name | UP Board (UPMSP) |
Topic Name | Sandhi MCQ Question संधि बहुविकल्पीय प्रश्न |
(सन्धि पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न)
सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए-
- स्वर अच् सन्धि में वर्षों का मेल होता है-
(क) स्वर के साथ स्वर ✓
(ख) व्यञ्जन एवं विसर्ग
(ग) स्वर वर्ष के साथ विसर्ग
(घ) स्वर वर्ण के साथ व्यन्जन
- स्वर सन्धि का भेद है-
(क) दीर्घ सन्धि ✓
(ख) जरूत्व सन्धि
(ग) ष्टुत्व सन्धि
(घ) रुत्व सन्धि
- यण सन्धि का सूत्र है-
(क) इकोयणचि ✓
(ख) हशि च
(ग) आद्गुणः
(घ) मोऽनुस्वार
- इ के स्थान पर य होता है-
(क) गुण सन्धि में
(ख) यण् सन्धि में ✓
(ग) जश्त्व सन्धि में
(घ) ष्टुत्व सन्धि में
- ‘कपीशः’ का सन्धि विच्छेद है-
(क) क + पीशः
(ख) कपी + इशः
(ग) कपि + ईशः ✓
(घ) कपी + शः
- जगत् ईशः की सन्धि होगी-
(क) जगतीश
(ख) जगदीशः ✓
(ग) जगदीशः
(घ) जगतईशः
- पावकः का सन्धि-विच्छेद है-
(क) पो + अकः
(ख) प + अकः
(ग) पौ + अकः ✓
(घ) पाव+ कः
- इ एवं उ के स्थान पर क्रमशः य, व होता है-
(क) यण सन्धि में ✓
(ख) अयादि सन्धि में
(ग) वृद्धि सन्धि में
(घ) गुण सन्धि में
- ए और ओ के स्थान पर क्रमशः अय् और अव् होता है-
(क) पूर्वरूप सन्धि में
(ख) ष्टुत्व सन्धि में
(ग) अयादि सन्धि में ✓
(घ) विसर्ग सन्धि में
- पावनम् का विच्छेद है-
(क) पा + अवनम्
(ख) पाव् + अनम्
(ग) पौ + अनम् ✓
(घ) पो + अनम्
- सच्यित में सन्धि है-
(क) ष्टत्व
(ख) श्चुत्व ✓
(ग) गुण
(घ) यण
- अक (अ. ह. उ. ऋ. लु) के पश्चात् समान वार्ण आने पर सन्धि होती है
(क) यण
(ख) वृद्धि
(ग) गुण
(घ) दीर्घ ✓
- दिगम्बरः का सही सन्धि-विच्छेद होगा –
(क) दिक + अम्बरः ✓
(ख) दिग + अम्बरः
(ग) दिक + अम्बर
(घ) दिग् + अम्बर
- ‘चयनम्’ का सही सन्धि-विच्छेद होगा-
(क) चे अनम् ✓
(ख) चे + अनम्
(ग) चय + नम्
(घ) च + अनम्
- चवं सन्धि है-
(क) लफ्यते ✓
(ख) दिगम्बरः
(ग) तट्टीका
(घ) मध्वरि:
- ‘अकः सवर्णे दीर्घः’ सूत्र हैं-
(क) गुण सन्धि का
(ख) दीर्घ सन्धि का ✓
(ग) यण सन्धि का
(घ) वृद्धि सन्धि का
- लो अणः में सन्धि है-
(क) गुण
(ख) अयादि ✓
(ग) यण
(घ) दीर्घ
- स्वागतम् में सन्धि है-
(क) दीर्घ
(ख) यण ✓
(ग) गुण
(घ) वृद्धि
- गङ्गा उदकम् की सन्धि होती है-
(क) गंगेदकम्
(ख) गङ्गोदकम् ✓
(ग) गंगौदकम्
(घ) गंगूदकम्
- ऋ के बाद ऋ होने पर हो जाता है-
(क) ऋ
(ख)
(ग) रा
(घ) र
- अकार और आकार का योग होने पर आ जाता है-
(क) अ
(ख) आ ✓
(ग) औ
(घ) औ
- ओ के बाद स्वर्ण होने पर ‘ओ’ का अन्त हो जाता है-
(क) अ
(ख) अव् ✓
(ग) अय
(घ) औ
- ‘इकोयणचि’ सूत्र है-
(क) गुण सन्धि का
(ख) दीर्घ सन्धि का
(ग) यण सन्धि का ✓
(घ) वृद्धि सन्धि का
- ‘आदगुणः’ सूत्र है-
(क) दीर्घ सन्धि का
(ख) यण् सन्धि का
(ग) गुण सन्धि का ✓
(घ) वृद्धि सन्धि का
- ‘खगेशः’ में सन्धि है-
(क) गुण ✓
(ख) वृद्धि
(ग) दीर्घ
(घ) पूर्व रूप
- ‘एचोऽयवायावः’ सूत्र है-
(क) दीर्घ सन्धि का
(ख) यण सन्धि का
(ग) अयादि सन्धि का ✓
(घ) गुण सन्धि का
- ‘अच् + अन्तः’ होने पर क्या बनेगा ?
(क) अझन्तः
(ख) अजः अन्तः
(ग) अगन्तः
(घ) अजन्तः ✓
- ‘नै + अकः’ में सन्धि है-
(क) अयादि सन्धि ✓
(ख) दीर्घ सन्धि
(ग) यण सन्धि
(घ) गुण सन्धि
- शत्रून् + जयति = शत्रूञ्जयति में सन्धि है-
(क) श्चुत्व सन्धि ✓
(ख) जश्त्व सन्धि
(ग) चत्वं सन्धि
(घ) अनुस्वार परसवर्ण सन्धि
- ‘विसर्जनीयस्य सः’ सूत्र से सन्धि होगी-
(क) कोऽपि
(ख) नमस्ते ✓
(ग) छात्रो याति
(घ) चन्द्र उदेति
- विसर्ग का लोप किस सूत्र से होता है?
(क) ससजुषोरुः
(ख) अतोरोरप्लुतादप्लुते
(ग) विसर्जनीयस्य सः
(घ) इसमें से कोई नहीं ✓
- गुण सन्धि का उदाहरण है-
(क) होतृकार
(ख) महर्षिः ✓
(ग) देवौदार्यम्
(घ) गायकः
- इक् प्रत्याहार के बाद असमान स्वर आने पर सन्धि होती है-
(क) यण् सन्धि ✓
(ख) वृद्धि सन्धि
(ग) दीर्घ सन्धि
(घ) अयादि सन्धि
- एतेऽपि का सन्धि-विच्छेद होगा-
(क) एतः + अपि
(ख) एता + अपि
(ग) एत + अपि
(घ) एते + अपि ✓
- व्यञ्जन सन्धि होती है-
(क) स्वर से स्वर के मिलने पर
(ख) स्वर से व्यञ्जन के मिलने पर
(ग) व्यञ्जन से व्यञ्जन के मिलने पर
(घ) व्यञ्जन से स्वर या व्यञ्जन के मिलने पर ✓
- कविः राजते में सन्धि होगी-
(क) कविराजते
(ख) कविर्राजते
(ग) कवीराजते ✓
(घ) कविरराजते
- हरिरागच्छति का सही सन्धि विच्छेद होगा-
(क) हरिस् + आगच्छति
(ख) हरिः + आगच्छति ✓
(ग) हरिर् + आगच्छति
(घ) हरिरा + गच्छति
- हुत्व सन्धि का उदाहरण है-
(क) मट्टीका ✓
(ख) सज्जनः
(ग) लप्स्यते
(घ) अजन्तः
- अ अथवा आ इ अथवा ई में सन्धि होती है-
(क) वृद्धि सन्धि
(ख) दीर्घ सन्धि
(ग) अयादि सन्धि
(घ) गुण सन्धि ✓
- अच् सन्धि कहते हैं-
(क) स्वर सन्धि को ✓
(ख) व्यञ्जन सन्धि को
(ग) विसर्ग सन्धि को
(घ) म् के अनुस्वार होने को
- स्वर सन्धि का सूत्र नहीं है-
(क) इकोयणचि
(ख) आगुणः
(ग) अकः सवर्णे दीर्घः
(घ) ससजुषो रुः ✓
- रवि इन्द्रः रवीन्द्रः में किस सूत्र के अन्तर्गत सन्धि है-
(क) एचोऽयवायावः
(ख) वृद्धिरेचि
(ग) अकः सवर्णे दीर्घः ✓
(घ) आद्गुणः
- पितृ आज्ञा को सन्धि होगी-
(क) पितृज्ञा
(ख) पित्राज्ञा ✓
(ग) पित्रज्ञा
(घ) पिर्तृज्ञा
- वृक्षः फलति में सन्धि होगी-
(क) वृक्षर्फलति
(ख) वृक्षः फलति ✓
(ग) वृक्ष फलति
(घ) वृक्षश्फलति
- महोत्सवः का सन्धि विच्छेद होगा-
(क) महा + ओत्सवः
(ख) महा + उत्सवः ✓
(ग) महा + उत्सवः
(घ) महो + उत्सवः
- सकार का शकार से योग होने पर क्या बनेगा?
(क) सकार का रकार हो जाता है
(ख) सकार का शकार हो जाता है ✓
(ग) सकार का सकार हो जाता है
(घ) सकार का विसर्ग हो जाता है
- ‘वाक् + जालः’ में सन्धि होने पर क्या रूप बनेगा?
(क) वाम्जालः
(ख) वाग्जालः ✓
(ग) वाक्जालाः
(घ) वाक्जालः
- विश्व + ईशः की सन्धि से बनता है-
(क) विश्वेशः ✓
(ख) विश्वीशः
(ग) विश्वैशः
(घ) विश्वईशः
- जश्त्व सन्धि का सूत्र है-
(क) स्तोः श्चुना श्चुः
(ख) ष्टुनाष्टु
(ग) झलां जशोऽन्ते ✓
(घ) खरि च
- गुरुम् + नमति में सन्धि होगी-
(क) गुरु नमति ✓
(ख) गुरुन् नमति
(ग) गुरुन्नमति
(घ) गुरुम् नमति
- चे + अनम् की सन्धि होगी-
क) चीनम्
(ख) चैनम्
(ग) चायनम् ✓
(घ) चयनम्
- पठतु + अन्त में सन्धि है-
(क) गुण सन्धि
(ख) वृद्धि सन्धि
(ग) दीर्घ सन्धि
(घ) यण सन्धि ✓
- अवनीश में सन्धि है-
(क) दीर्घ
(ख) गुण
(ग) वृद्धि
(घ) यण् ✓
- महेश में सन्धि है-
(क) दीपे
(ख) गुण ✓
(ग) अयादि
(घ) पूर्व रूप
- उ के बाद आ जाने पर हो जाता है-
(क) वा ✓
(ख) व
(ग) बु
(घ) ये
- गुरु + उपदेशः की सन्धि होगी-
(क) गुरोपदेशः
(ख) गुरु उपदेशः
(ग) गुरूपदेशः ✓
(घ) गुरेपदेशः
- ‘सुष्युपास्यः’ में सन्धि है-
(क) गुण
(ख) यण् ✓
(ग) वृद्धि
(घ) पूर्वरूप
- काव्योत्कर्षः में सन्धि है-
(क) दीर्घ
(ख) गुण ✓
(ग) यण्
(घ) अयादि
- अ ऐ मिलने से स्वर का रूप हो जाता है-
(क) ए
(ख) ए ✓
(ग) अय
(घ) आय
- ‘जलौघः’ में सन्धि है-
(क) दीर्घ
(ख) गुण
(ग) वृद्धि ✓
(घ) यण्
- अ के बाद ए आने पर होता है-
(क) ओ
(ख) ऐ ✓
(ग) औ
(घ) ए
- परमौषधि में सन्धि है-
(क) गुण ✓
(ख) वृद्धि
(ग) यण्
(घ) दीर्घ
- मतैक्यम् में सन्धि है-
(क) दीर्घ
(ख) वृद्धि ✓
(ग) यण्
(घ) अयादि
- जल + उपरि की सन्धि होगी-
(क) जलोपरि ✓
(ख) जलूपरि
(ग) जलुपरि
(घ) जल्वूपरि
- मद्ध्वरिः में सन्धि है-
(क) गुण
(ख) वृद्धि
(ग) यण् ✓
(घ) अयादि
- ‘कृष्णौकत्वम्’ में सन्धि है:
(क) गुण
(ख) वृद्धि ✓
(ग) दीर्घ
(घ) व्यञ्जन
- ‘शुकनासोपदेशः’ में सन्धि है:
(क) यण
(ख) वृद्धि
(ग) गुण ✓
(घ) दीर्घ
- ‘वसुधैव’ में सन्धि है :
(क) यण्
(ख) गुण
(ग) अयादि
(ख), यण्
(घ) वृद्धि ✓
- ‘पित्राज्ञा’ में सन्धि है –
(क) दीर्घ
(ख) यण् ✓
(ग) गुण
(घ) अयादि
- ‘यमोचितम्’ में सन्धि है :
(क) वृद्धि
(ख) दीर्घ
(ग) यण्
(घ) गुण ✓