UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -11– Kedarnath agraval-achha hota, sitar sangeet ki raat पाठ –  11  केदारनाथ अग्रवाल – अच्छा होता, सितार संगीत की रात  (काव्य खंड) प्रश्न -उत्तर Padyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses

UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -11– Kedarnath agraval-achha hota, sitar sangeet ki raat पाठ –  11  केदारनाथ अग्रवाल – अच्छा होता, सितार संगीत की रात  (काव्य खंड) प्रश्न -उत्तर Padyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses

Chapter -11– Kedarnath agravalUP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -11– Kedarnath agraval-achha hota, sitar sangeet ki raat पाठ –  11  केदारनाथ अग्रवाल – अच्छा होता, सितार संगीत की रात  (काव्य खंड) प्रश्न -उत्तर Padyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses

चैप्टर 11  केदारनाथ अग्रवाल-अच्छा होता, सितार संगीत की रात -पद्यांश के प्रश्न उत्तर 

प्रश्न 1. निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

(ग) अच्छा होता

                 अगर आदमी

                 आदमी के लिए

       परार्थी   पक्का

        और नियति का सच्चा होता

                        न स्वार्थ का चहबच्चा

                         न दगैल-दागी

        न चरित्र का कच्चा होता ।

प्रश्न- (i) प्रस्तुत कविता का सन्दर्भ लिखिए।

उत्तर- (i) प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित ‘अच्छा होता’ नामक कविता से उद्धृत की गयी हैं।

प्र.(ii) उपर्युक्त पंक्तियों में कवि की क्या इच्छा है?

उ. प्रस्तुत पंक्तियों में कवि आदमी को अच्छा इंसान बनाने की इच्छा करता है।

प्र.(iii) व्यक्ति के चरित्र में खोट होने से क्या हानि होती है ?

उ. व्यक्ति के चरित्र में खोट होने से वह सचरित्रवान व्यक्ति नहीं बन सकता है।

 

(ख)  अच्छा होता 

                  अगर आदमी

                   आदमी के लिए

        दिलदार

                       दिलेर

        और हृदय की थाती होता,

                      न ईमान का घाती

                        ठगैत ठाकुर

       न मौत का बराती होता।

प्रश्न- (i) कविता के माध्यम से कवि ने क्या सन्देश दिया है?

उत्तर- (i) कविता के माध्यम से कवि ने मानवता का सन्देश दिया है।

प्र.(ii) व्यक्ति समाज में लोकप्रिय कैसे बनता है?

उ. दूसरों का हित करने वाला, दूसरों के सुख-दुःख में समान रूप से भागीदार होने वाला व्यक्ति ही समाज में

लोकप्रिय होता है।

प्र.(iii) देश में स्वच्छ समाज कल्पना साकार क्यों नहीं हो सकती ?

उ. समाज में आज इतनी ठगी है, हिंसा एवं रक्तपात है जिसके चलते एक स्वच्छ समाज की कल्पना साकार नहीं हो सकती है।

 

              (सितार – संगीत की रात )

(क) आग के ओंठ बोलते हैं।

                  सितार के बोल,

                  खुलती चली जाती हैं

                          शहद की पंखुरियाँ,

      चूमत अँगुलियों के नृत्य पर,

                 राग-पर-राग करते हैं किलोल,

                              रात के खुले वक्ष पर

     चन्द्रमा के साथ,

प्रश्न- (i) प्रस्तुत कविता का सन्दर्भ लिखिए।

उत्तर- (i) प्रस्तुत पद्य-पंक्तियाँ केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित ‘सितार संगीत की रात’ शीर्षक से उद्धृत हैं।

प्र.(ii) उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों में किसकी बोल का वर्णन है?

उ. उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों में सितार की बोल का वर्णन है।

प्र.(ii) कवि ने अग्निवत ओंठ के बोल की तुलना किससे की है?

उ. कवि ने अग्निवत ओंठ के बोल की तुलना सितार के बोल से की है।

Chapter -11– Kedarnath agraval

(ख) शताब्दियाँ झाँकती हैं

                अनंत की खिड़कियों से,

                 संगीत के समारोह में कौमार्य बरसता है,

     हर्ष का हंस दूध पर तैरता है,

                 जिस पर सवार भूमि की सरस्वती

      काव्य-लोक में विचरण करती हैं।

प्रश्न- (i) हर्ष रूपी हंस किस पर तैर रहा है ?

उत्तर- (i) हर्ष रूपी हंस मानो दूध पर तैर रहा है।

प्र.(ii) अनन्त आकाश की खिड़कियों से कौन झाँक रहा है ?

उ. अनन्त आकाश की खिड़कियों से मानो शताब्दियाँ झाँक रही हैं।

प्र.(iii) प्रस्तुत कविता का सन्दर्भ लिखिए ।

उ. प्रस्तुत पद्य – पंक्तियाँ केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित ‘सितार – संगीत की रात’ शीर्षक से उद्धृत है

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