UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -5 – Pnachavati- पाठ – 5 मैथिलीशरण गुप्त -पंचवटी (काव्य खंड) maithilsharan – प्रश्न -उत्तर Padyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses
UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -5 –– Pnachavati- पाठ – 5 मैथिलीशरण गुप्त -पंचवटी (काव्य खंड) maithilsharan – प्रश्न -उत्तर Padyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses – upmsp.
चैप्टर 5. मैथिली शरण गुप्त – Pachavati पद्यांश आधारित प्रश्न उत्तर
प्रश्न- 1. निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क)चारु चंद्र की चंचल किरणें
खेल रही हैं जल-थल में,
स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है
अवनि और अम्बर तल में।
पुलक प्रकट करती है धरती
हरित तृणों की नोकों से,
मानों झूम रहे हैं तभी
मंद पवन के झोंकों से ।।
प्रश्न- (i) उपर्युक्त पंक्तियों में किसके प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन किया गया है ?
उत्तर- (i) उपर्युक्त पंक्तियों में पंचवटी के प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन है ।
प्र.(ii) चन्द्रमा की किरणें कहाँ फैली हुई हैं?
उ. चन्द्रमा की किरणें जल एवं थल में फैली हुई हैं।
प्र.(iii) ‘चारु चन्द्र की चंचल किरणें’ में कौन-सा अलंकार है ?
उ. ‘चारु चन्द्र की चंचल किरणें में अनुप्रास अलंकार है ।
(ख) पंचवटी की छाया में है
सुंदर पर्ण कुटीर बना,
उसके सम्मुख स्वच्छ शिला पर
धीर वीर निर्भीक मना,
जा रहा यह कौन धनुर्धर,
जबकि भुवन भर सोता है ?
भोगी कुसुमायुध योगी-सा
बना दृष्टिगत होता है ||
प्रश्न- (i) प्रहरी के रूप में किसे चिह्नित किया गया है?
उत्तर- (i) प्रहरी के रूप में लक्ष्मण को चित्रित किया गया है।
प्र.(ii) शिलाखण्ड पर बैठे हुए लक्ष्मण को किस रूप में दर्शाया गया है ?
उ. शिलाखण्ड पर बैठे लक्ष्मण जी ऐसे मालूम पड़ रहे हैं जैसे भोग करने वाला कामदेव यहाँ योगी बनकर आ बैठा हो ।
प्र.(iii) प्रस्तुत पद्यांश के कवि एवं कविता का नाम लिखें।
उ. पद्यांश के कवि मैथिलीशरण गुप्त जी हैं एवं कविता का नाम ‘पंचवटी’ है ।
Chapter -5 –– Pnachavati
(ग) है स्वच्छंद – सुमंद गंध वह,
निरानंद है कौन दिशा ?
बंद नहीं, अब भी चलते हैं
नियति-नटी के कार्य-कलाप,
पर कितने एकांत भाव से
प्रश्न- (i) ‘पंचवटी’ में किसका सौन्दर्य चारों तरफ फैला हुआ
उत्तर- (i) पंचवटी में दूर-दूर तक चाँदनी का सौन्दर्य फैला हुआ है।
प्र.(ii) वायु का चित्रण किस रूप में हुआ है ?
उ. वायु स्वच्छन्द गति से, अपनी स्वतंत्र चाल से मन्द मन्द बह रही है ।
प्र.(iii) प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में कौन सा रस प्रयुक्त हुआ है?
उ. प्रस्तुत पंक्तियों में शान्त रस है ।
(घ) है बिखेर देती वसुंधरा,
मोती सबके सोने पर,
रवि बटोर लेता है उनको
सदा सबेरा होने पर।
और विरामदायिनी अपनी
संध्या को दे जाता है,
शून्य श्याम तनु जिससे उसका
नया रूप झलकाता है ।।
प्रश्न- (i) प्रस्तुत पंक्तियों का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर- (i) प्रस्तुत काव्य पंक्तियों के रचनाकार मैथिलीशरण गुप्त जी हैं एवं कविता का नाम पंचवटी है।
प्र.(ii) प्रातःकाल होने पर मोतियों को कौन बटोरकर रख लेता है?
उ. प्रातः काल होने पर सूर्य मोतियों को बटोर लेता है।
प्र.(iii) प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
उ. उपरोक्त पंक्तियों में अतिशयोक्ति अलंकार है ।
Chapter -5 –– Pnachavati
(ङ) तेरह वर्ष व्यतीत हो चुके,
हैं मानो कल की बात,
वन को आते देख हमें जब
आर्त, अचेत हुए थे तात ।
अब वह समय निकट ही हैं जब
अवधि पूर्ण होगी वन की।
किन्तु प्राप्ति होगी इस जन की
इससे बढ़कर किस धन की ?
प्रश्न – (1) प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर- (1) प्रस्तुत पद्यांश के कवि मैथिलीशरण गुप्त हैं और कविता का नाम पंचवटी है।
प्र.(2) पद्यांश के अनुसार वनवास के कितने वर्ष व्यतीत हो हैं ?
(2) पद्यांश के अनुसार वनवास के तेरह वर्ष व्यतीत हो चुके हैं।
प्र.(3) वनवास जाते समय राम, सीता एवं लक्ष्मण को देखकर दशरथ की क्या दशा हो गयी थी ?
उ. वनवास जाने के समय राजा दशरथ राम, सीता एवं लक्ष्मण को देखकर अचेत हो गये थे ।
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