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वीभत्स रस / Veebhats Ras / Bibhats ras / Beebhats ras paribhasha 

vibhats ras bibhats ras ki paribhasha udaharan-  रस – परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण, Ras in Hindi Ras (रस)- रस क्या होते हैं? रस की परिभाषा . UP Board  All Class Hindi रस. Gyansindhuuclasses are presented Here Ras Class 10th | Ras Hindi Grammar, Ras ki Paribhasha, Examples, Question Answer and Ras Hindi Grammar (रस), Ras Class 10 Explanation, Notes.

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पीव , हड्डी , दुर्गन्ध आदि को देखकर अथवा अनुभव करके हृदय में जो एक प्रकार की ग्लानि होती है , उसे घृणा अथवा ‘ जुगुप्सा ‘ कहते हैं । यही स्थायी भाव जब जागृत होकर विभाव , अनुभाव और संचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत होता है , तो ‘ वीभत्स रस कहलाता है |

उदाहरण-

कहूँ धूम उठत , बरत कतहूँ है चिता , कहूँ होत रोर , कहूँ अरथी धरी अहै ।

कहूँ हाड परौ , कहूँ जरो अधजरो माँस , ” कहूँ गीध भीर , माँस नोचत अरी अहै ॥

 

स्पष्टीकरण – इस पद्य में श्मशान का वर्णन है ।

आश्रय – श्मशान का दर्शक ।

आलम्बन विभाव – श्मशान ।

उद्दीपन विभाव – चिता , दुर्गन्ध , अर्थी , रोने की आवाज , हड्डी , मांस , गीधों द्वारा मांस नोच कर खाना आदि ।

अनुभाव – नाक – भौंह सिकोड़ना , छिः छिः करना आदि ।

व्यभिचारी भाव – ग्लानि , विषाद आदि ।

स्थायी भाव – जुगुप्सा , जो ‘ वीभत्स रस में परिणत होता है

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