भारतीय काव्य शास्त्र के प्रमुख काव्यशास्त्रीय ग्रन्थ
Pramukh Kavyashastreey Granth || मुख्य काव्यशास्त्रीय ग्रन्थ एवं उनके लेखक ||For NET JRF TGT PGT: Pramukh Kavyashastreey Granth || मुख्य काव्यशास्त्रीय ग्रन्थ एवं उनके लेखक ||For NET JRF TGT PGT फ्री पीडीऍफ़ Free PDF of net jrf hindi कौन सा लेखक काल-क्रम में पहले आता है? bhartiy kavyshastr ke aachary aur unke granth kalkrmanusar dekhnen.काव्य शास्त्र विषयक के ग्रन्थ|
Subject | Hindi (हिंदी) |
Topic | काव्यशास्त्र के अंतर्गत काव्यग्रंथो के रचयिता |
Other | लक्षण ग्रन्थ एवं उनके रचनाकार |
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- संस्कृत के काव्यशास्त्रीय उपलब्ध ग्रंथों के आधार पर भरतमुनि को काव्यशास्त्र का प्रथम आचार्य माना जाता है ।
प्रमुख काव्यशास्त्रीय ग्रन्थ एवं उनके प्रणेता
प्रमुख ग्रन्थ | लेखक आचार्य |
नाट्यशास्त्र | आ० भरतमुनि |
काव्यालंकार | भामह |
काव्यालंकार सुत्रवृत्ति | वामन |
काव्यालंकार | रुद्रट |
वक्रोक्तिजिवितम | कुंतक |
व्यक्तिविवेक | महिमभट्ट |
काव्यप्रकाश | मम्मट |
साहित्यदर्पण | विश्वनाथ |
रसगंगाधर | पंडितराज जगन्नाथ |
औचित्यविचारचर्चा | क्षेमेन्द्र |
काव्यानुशासन | हेमचन्द्र |
ध्वन्यालोक | आनंदवर्धन |
ध्वन्यालोक लोचन | अभिनवगुप्त |
काव्यालंकार सार संग्रह | उद्भट |
श्रृंगार तिलक | रुद्रभट्ट |
चंद्रालोक | जयदेव |
कुवलायानंद | अप्पय दीक्षित |
काव्यादर्श | दंडी |
रति रहस्य | कक्कोक |
दशरूपक | धनञ्जय |
महाभाष्य | पतन्जलि |
रस तरंगिनी | भानुमिश्र |
सरस्वती कंठाभरण | भोजराज |
श्रृंगार प्रकाश | भोजराज |
अलंकार सर्वस्व | रुय्यक |
उज्जवल नीलमणि | रुपगोस्वामी |
अलंकार तिलक | वाग्भट्ट |
अलंकार शेखर | केशव मिश्र |
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