महावीर प्रसाद द्विवेदी (साहित्यिक परिचय) Mahaveer prasad dvivedi
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Class | 11th (class 11) Intermediate कक्षा -11 |
Subject | General and literature Hindi (सामान्य हिंदी एवं साहित्यिक हिंदी ) |
Chapter | महावीर प्रसाद द्विवेदी |
Topic | जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय jivan evam sahityik parichay |
Board | UP BOARD (upmsp) |
Posted By | Arunesh Sir (सम्पूर्ण हिंदी पाठ्यक्रम हेतु यहां क्लिक करें ) |
Other | वीडियो के माध्यम से समझें |
जीवन परिचय
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (1864–1938)हिन्दी साहित्य के अमर कलाकार आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का जन्म सन् 1864 ई० (सं० 1921 वि०) में जिला रायबरेली में दौलतपुर नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की। उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग ‘द्विवेदी युग’ (1900–1920) के नाम से जाना जाता है। उन्होंने सत्रह वर्ष तक हिन्दी की प्रसिद्ध पत्रिका सरस्वती का सम्पादन किया। हिन्दी नवजागरण में उनकी महान भूमिका रही। भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन को गति व दिशा देने में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा।
महावीर प्रसाद द्विवेदी की रचनाएं
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की रचना – सम्पदा विशाल है | हिन्दी के अतिरिक्त उन्होंने अर्थशास्त्र, इतिहास, वैज्ञानिक आविष्कार, पुरातत्व, राजनीति तथा धर्म आदि विषयों पर सफलतापूर्वक अपनी लेखनी चलाई | अपनी सशक्त लेखनी से द्विवेदी जी ने हिंदी – साहित्य जगत में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है | उन्होंने पचास से अधिक ग्रन्थों तथा सैकड़ो निबंधो की रचना की | उनकी प्रमुख्य कृतियाँ इस प्रकार है —
- काव्यसंग्रह – काव्य – मन्जूषा |
- निबन्ध— द्विवेदी जी के सर्वाधिक निबन्ध सरस्वती में प्रकाशित हुए है |
आलोचना—ग्रन्थ
- नाट्यशास्त्र
- विचार – विमर्श
- साहित्य – सन्दर्भ
- कालिदास एवं उनकी कविता
- कालिदास की निरंकुशता
- नैषधचरित चर्चा
- हिन्दी – नवरत्न
- रसज्ञ – रंजन
- साहित्य – सीकर
अनुदित—
- विचार – रत्नावली
- कुमासम्भव
- गंगालहरी
- विनय – विनोद
- रघुवंश
- किरातार्जुनीय
- हिन्दी महाभारत
- मेघदूत
- बेकन – विचारमाला
- शिक्षा
- स्वाधीनता
सम्पादन— ‘सरस्वती’ मासिक पत्रिका |
अन्य – रचनाएँ—
- हिन्दी भाषा की उत्पत्ति
- अतीत – स्मृति
- वाग्विलास
- जल – चिकित्सा
- वक्तृत्व – कला
- सम्पत्तिशास्त्र
- अद्भुत आलाप
भाषा—
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी भाषा सुसंस्कारी आचार्य थे | अत: इनकी भाषा परिष्कृत, परिमार्जित और व्याकरण – सम्मत है |
शैली—
कठिन – से कठिन विषय को बोधगम्य रूप में प्रस्तुत करना द्विवेदी जी की शैली की सबसे बड़ी विशेषता है | इनकी परिचयात्मक शैली, गवेषणात्मक शैली, भावात्मक शैली, व्यंग्यात्मक शैली, आलोचनात्मक शैली, विचारात्मक शैली, संवादात्मक शैली आदि शैली है |