शब्द एवं उनके भेद/Shabd evam unke bhed
शब्द एवं उनके भेद- Shabd evam unke bhed & शब्द (Shabd) (शब्द-विचार) – परिभाषा, भेद और उदाहरण – “ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्ण समुदाय को ‘शब्द‘ कहते हैं।” Hindi Vyakrana शब्द–भेद — व्युत्पत्ति/रचना के आधार पर शब्द–भेद.
वर्ण अथवा ध्वनि के समूह को शब्द कहा जाता है । जैसे- मंगल ,आज, कमल।
शब्द के भेद:-
शब्द भेद के चार आधार हैं-
1. उत्पत्ति या स्त्रोत के आधार पर:-
उत्पत्ति या स्त्रोत स्त्रोत के आधार पर शब्दों के पांच प्रकार हैं ।
क.तत्सम
तत्सम शब्द दो शब्दों के योग से मिलकर बना है,तत्+सम । तत् का अर्थ है- उसके अर्थात् संस्कृत के सम अर्थात् समान है,यानी जो शब्द संस्कृत से सीधे हिंदी में आ गये वे तत्सम शब्द कहलाये।
ख. तद्भव
तद्भव शब्द भी दो शब्दों के मेल से बना है,तत्+भव। तत् का अर्थ है- उससे,भव का अर्थ है उत्पन्न्। यानी जो शब्द तत्सम से रूप परिवर्तित करके हिंदी में लिये गये, वे तद्भव कहलाये।
ग. देशज
घ.विदेशज
ङ.संकर
2. व्युत्पत्ति अथवा रचना अथवा बनावट के आधार पर-
तीन प्रकार के होते हैं –
क.रूढ़ :-
रूढ़ शब्द वे हैं,जिसके टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। जैसे- धन ,पानी।
ख. यौगिक :-
यौगिक शब्द वे शब्द हैं, जो दो सार्थक शब्दों के योग से बनते हैं। जैसे -विद्या+आलय = विद्यालय
ग. योगरूढ़ :-
जो शब्द यौगिक होते हैं तथा सामान्य अर्थ त्याग कर किसी विशेष किसी विशेष कर किसी विशेष किसी विशेष अर्थ को ग्रहण करते हैं ,वे योगरूढ़ कहलाते हैं। उदाहरणार्थ – दशानन, जो कि रावण के रूप में रूढ़ हो गया है।
3. अर्थ के आधार पर:-अर्थ के आधार पर शब्दों के दो भेद होते हैं-
क.सार्थक
ख.निरर्थक
4. रूप अथवा रूपांतरण अथवा प्रयोग के आधार पर :-
शब्दों के दो प्रकार होते हैं-
क.विकारी शब्द :-
वे शब्द जो लिंग, वचन, कारक आदि से जिनके रूप में परिवर्तन हो जाता है अथवा विकृत हो जाते हैं, विकारी शब्द होते हैं। जैसे- मैं→ मुझ→ मुझे→ मेरा, अच्छा→ अच्छे आदि।
नोट~~ संज्ञा, सर्वनाम ,विशेषण, क्रिया इत्यादि विकारी शब्द है।
ख.अविकारी शब्द :-
अविकारी शब्द अव्यय शब्द भी कहलाते हैं।वह शब्द जो लिंग, वचन, कारक आदि से कभी विकृत नहीं होते हैं अविकारी शब्द होते हैं। जैसे- वहाँ, जहाँ आदि। क्रिया विशेषण , समुच्चयबोधक तथा विस्मयादिबोधक अव्यय अविकारी शब्दों के अंतर्गत आते हैं।