Class 11th Hindi Sampurnanad ka Jivan & Sahityik Parichay

Class 11th Hindi Sampurnanad ka Jivan & Sahityik Parichay (डॉ सम्पूर्णानन्द-साहित्यिक परिचय)

यूपी बोर्ड/ कक्षा -11 (2022)सामान्य & साहित्यिक हिंदी 

डॉ. सम्पूर्नानन्द DR. SAMPOORNANAND SAMPURNANAD

Up board (UPMSP) sahityik Hindi chapter shiksha ka uddeshy written by Dr. Sampoornanand sahityik parichay are described  following passages are about to biography of dr. sampurnanand  कक्षा 11 साहित्यिक हिंदी हेतु निर्धारित चैप्टर शिक्षा का उद्देश्य के लेखक सम्पूर्नानन्द जी हैं उनका साहित्यिक परिचय कृतियाँ एवं जीवन परिचय तथा भाषा शैली व साहित्यिक अवदान के बारे में यहाँ पर वर्णन किया जा रहा है ,Class 11th Hindi Sampurnanad ka Jivan & Sahityik Parichay (डॉ सम्पूर्णानन्द-साहित्यिक परिचय)

जीवन परिचय-

डॉ ० सम्पूर्णानन्द का जन्म 1 जनवरी सन् 1890 ई ० में काशी के एक कायस्थ परिवार में हुआ था । इनके पिता का नाम श्री विजयानन्द था । क्वींस कालेज से बी ० एस – सी ० की उपाधि प्राप्त की , प्रयाग ट्रेनिंग कालेज से एल ० टी ० का प्रशिक्षण लिया और अध्यापक के रूप में सामाजिक जीवन में प्रवेश किया । कई संस्थाओं में कार्य करने के बाद आप काशी संस्कृत विद्यापीठ में अध्यापक हो गये ।

साहित्यिक परिचय –

डॉ ० सम्पूर्णानन्द ने उत्तर प्रदेश के शिक्षा मन्त्री , गृह मन्त्री तथा मुख्य मन्त्री पद को सुशोभित किया । सन् 1962 ई ० में राजस्थान के राज्यपाल पद को भी इन्होंने अलंकृत किया । 10 जनवरी , 1969 में काशी में ही इनका परलोकवास हो गया ।

रचनाएँ –

सम्पूर्णानन्द जी ने दो दर्जन से अधिक ग्रन्थों की रचना की है , जिनमें से प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-

  • दार्शनिक ग्रन्य –

चिद्विलास , दर्शन और जीवन ।

  • जीवनी –

देशवन्धु चितरंजनदास , महात्मा गांधी आदि ।

  • राजनीतिक तथा ऐतिहासिक ग्रन्थ –

अन्तर्राष्ट्रीय विधान , चीन की राज्यक्रान्ति , मिस्र की राज्यक्रान्ति ,

समाजवाद , आर्यों का आदि देश , सम्राट हर्षवर्धन ,

भारत के देशी राज्य आदि ।

  • धार्मिक ग्रन्थ –

गणेश , नारदीय – सूक्त की टीका ,

ब्राह्मण सावधान आदि

  • ज्योतिष ग्रन्थ –

सप्तर्षि तारामण्डल ।

सम्पादन- ( 1 ) मासिक पत्रिका – ‘ मर्यादा , ( 2 ) अंग्रेजी दैनिक – ‘ टुडे ‘ । इन ग्रन्थों के अतिरिक्त आपने अनेक फुटकर निबन्धों की रचना भी की है । अंग्रेजी पत्र ‘ टुडे ‘ तथा हिन्दी ‘ मर्यादा ‘ का आपने सफलतापूर्वक सम्पादन किया ।

भाषा – शैली –

डॉ ० सम्पूर्णानन्द जी की भाषा गम्भीर , संस्कृतनिष्ठ , शुद्ध खड़ी बोली हिन्दी है । विचारात्मक शैली ,व्याख्यात्मक शैली ,ओजपूर्ण शैली का प्रयोग बखूबी किया है |

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