UP Board Class 12 Question Bank 2026 : Gyansindhu Pariksha Prahar General Hindi सामान्य हिंदी की क्वेश्चन बैंक 2026 (Full Book – PAGE-26)
(रॉबर्ट नर्सिंग होम में) – कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ -1
(1) नश्तर तेज था, चुभन गहरी पर मदर का कलेजा उससे अछूता रहा। बोलीं ‘‘हिटलर बुरा था, उसने लड़ाई छेड़ी पर उससे इस लड़की का भी घर ढह गया और मेरा भी, हम दोनों एक।“ ‘‘हम दोनों एक’’ मदर टेरेसा ने झूम में गहरे डूबकर कहा कि जैसे मैं उनसे उनकी लड़की को छीन रहा था और उन्होंने पहले ही दाँव में मुझे चारों खाने दे मारा। मदर चली गयीं, मैं सोचता रहाः मनुष्य-मनुष्य के बीच मनुष्य ने ही कितनी दीवारें खड़ी की हैं- ऊँची दीवारें, मजबूत फौलादी दीवारें, भूगोल की दीवारें, जाति-वर्ग की दीवारें, कितनी मनहूस, कितनी नगण्य, पर कितनी अजेय!
- उपर्युक्त गद्यांश के लेखक एवं पाठ का नाम लिखिए।
उत्तर- प्रस्तुत गद्यांश के लेखक कन्हैया लाल मिश्र ‘प्रभाकर’ हैं और इस पाठ का नाम ‘राबर्ट नर्सिंग होम में’ है।
- मनुष्य- मनुष्य के बीच दीवारें किसने खड़ी की हैं?
उत्तर- लेखक के अनुसार मनुष्य-मनुष्य के बीच मनुष्य ने ही दीवारें खड़ी की हैं।
- लेखक के प्रश्न के उत्तर में मदर टेरेजा ने क्या कहा ?
उत्तर- लेखक के प्रश्न के उत्तर में मदर टेरेजा बोलीं, “हिटलर बुरा था, उसने लड़ाई छेड़ी पर उससे इस लड़की का भी घर ढह गया और मेरा भी, फिर भी हम दोनों एक हैं।
- प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने किस बात का संकेत किया है ?
उत्तर- प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने मानव की भेद-भावना की ओर संकेत किया है।
- गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- रेखांकित अंश की व्याख्या- लेखक ने मदर टेरेसा से पूछा कि मदर आप फ्रांस की हैं और सिस्टर क्रिस्टहैल्ड आपके शत्रु देश जर्मनी की, फिर भी आप उससे प्यार करती हैं? इसके जवाब में मदर टेरेजा ने कहा कि हम दोनों एक हैं क्योंकि हम दोनों ईष्वर के लिए काम कर रही है। मदर टेरेसा के जाने के पश्चात् लेखक ने सोचा कि मानव ने ही मानव से लड़ाने के लिए भौगोलिक एवं जाति-वर्ग आदि की अनगिनत दीवारें खड़ी कर दी हैं, अन्यथा ईष्वर ने तो सभी को समान बनाया है।
(2) आदमियों को मक्खी बनाने वाला कामरूप का जादू नहीं, मक्खियों को आदमी बनाने वाला जीवन का जादू – होम की सबसे बुढ़िया मदर मार्गरेट। कद इतना नाटा कि उन्हें गुड़िया कहा जा सके, पर उनकी चाल में गजब की चुस्ती, कदम में फुर्ती और व्यवहार में मस्ती, हँसी उनकी यों कि मोतियों की बोरी खुल पड़ी और काम यों कि मशीन मात माने। भारत में चालीस वर्षों से सेवा में रसलीन, जैसे और कुछ उन्हें जीवन में अब जानना भी तो नहीं।
- उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर- प्रस्तुत गद्यांश ‘राबर्ट नर्सिंग होम में’ नामक पाठ से उद्धृत है। इसके लेखक कन्हैया लाल मिश्र ‘प्रभाकर’ हैं।
- रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- रेखांकित अंश की व्याख्या- लेखक ने राबर्ट नर्सिंग होम की वयोवृद्ध नर्स मदर मार्गरेट के सेवा भावना की तत्परता एवं व्यवहार में उसके खुशमिजाज तथा फुर्तीली स्वभाव को देखकर कहता है कि उनमें गजब की सक्रियता एवं फुर्तीलापना था। व्यवहार में मस्ती और चेहरे पर हँसी से ऐसा प्रतीत होता था कि जैसे कि मोतियों से भरी हुई बोरी खुल पड़ी हो। उनका कार्य मानो मशीन की तरह था अर्थात् कार्य में तत्परता थी।
- क्या अभिव्यक्त किया है?
उत्तर- प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से लेखक ने मदर टेरेसा की सेवा भावना तथा उनके चमत्कारिक व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए परोपकारी चरित्र को अभिव्यक्त किया है।
- मदर मार्गरेट कौन थीं? लेखक ने उनके व्यक्तित्व का वर्णन किस रूप में किया?
उत्तर- मदर मार्गरेट इन्दौर में स्थित राबर्ट नर्सिंग होम की सबसे वृद्ध नर्स थीं। उनका कद एक गुड़िया की भाँति छोटा था। वे फुर्तीली एवं खुशमिजाज स्वभाव की थीं।
- लेखक ने नर्सिंग होम की मदर मार्गरेट को जादूगरनी की संज्ञा क्यों दी है?
उत्तर- मदर मार्गरेट ने अपनी ममतामयी सेवा-भावना से दीन-हीन निराश रोगियों के जीवन में आशा का संचार करके उन्हें स्वस्थ, हँसता-खेलता व्यक्ति बना देती थीं, इसलिए लेखक ने मदर मार्गरेट को जादूगरनी की संज्ञा दी है।
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