UP Board Sahityik Hindi Model Paper 2022- मॉडल देख लो हुबहू बोर्ड जैसा
UP Board Sahityik Hindi Model Paper 2022– ऐसा ही आयेगा इस बार मॉडल देख लो साहित्यिक हिंदी – UP Board Sahityik Hindi Model Paper 2022: Sahityik Hindi Or General Hindi Model Paepr 2022. कक्षा 12 सामान्य हिंदी यूपी बोर्ड मॉडल पेपर २०२२. UP Board Sahityik Hindi Model Paper 2022 UP Board Model Paper 2022 Class 12th for General Hindi and UP Board Model Question Paper for Class 12th and General Hindi has been released By UPMSP So here i give you to based on Covid 19 Syllabus up board general hindi model paper 2022. this Model Question Paper is for Session -2021-22.UP Board Sahityik Hindi Model Paper 2022.
यूपी बोर्ड वार्षिक परीक्षा मॉडल पेपर
कक्षा 12 (साहित्यिक हिंदी)
केवल प्रश्नपत्र
समय: 3 घंटे 15 मिनट पूर्णांक: 100
खंड – क
1 . ( क ) रामचंद्र शुक्ल द्वारा लिखित चिंतामणि भाग -1 निबंध संग्रह प्रथम बार किस नाम से प्रकाशित हुआ- 1
( i ) विचार – प्रवाह
( ii ) विचार – सागर
( iii ) विचार – वीथी
( iv) विचार – मंथन
( ख ) हिंदी आलोचना का उत्कर्ष किस लेखक की आलोचना कृतियों से माना जाता है- 1
( i ) श्यामसुंदर दास
( ii ) महावीर प्रसाद द्विवेदी
( iii ) रामचंद्र शुक्ल
( iv ) लाला श्रीनिवास दास
( ग ) द्विवेदी युग की पत्रिका नहीं है – 1
( i ) इंदु
( ii ) प्रभा
( iii ) मर्यादा
( iv ) हिंदी प्रदीप
( घ )’ तपोभूमि’ रचना किस विधा की है- 1
( i ) नाटक
( ii ) कहानी
( iii ) उपन्यास
( iv ) निबंध
( ङ) ‘रेखा चित्र’ विधा पर आधारित रचना है- 1
( i ) मुद्राराक्षस
( ii ) अतीत के चलचित्र
( ii ) अंतरिक्ष की यात्रा
( iv ) साहित्य लोचन
( क ) किस कवि को राष्ट्रकवि का सम्मान प्राप्त हुआ है? 1
( i ) भारतेंदु हरिश्चंद्र
( ii ) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
( iii ) मैथिलीशरण गुप्त
( iv ) अज्ञेय
( ख ) तीसरा सप्तक का प्रकाशन वर्ष है- 1
( i ) 1953 ईo
( ii ) 1943 ईo
( iii ) 1951 ईo
( iv ) 1959 ईo
( ग ) सामान्य रूप से प्रगतिवादी काव्य की समय सीमा मानी जाती है- 1
( i ) 1930 से 1946 तक
( ii ) 1936 से 1943 तक
( iii ) 1932 से 1947 तक
( iv ) 1940 से 1950 तक
( घ ) ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ की स्थापना कब हुई थी- 1
( i ) 1932 ईo
( ii ) 1936 ईo
( ii ) 1942 ईo
( iv ) 1943 ईo
( ङ ) यशोधरा के रचनाकार हैं – 1
( i ) अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
( ii ) सियारामशरण गुप्त
( iii) मैथिलीशरण गुप्त
( iv ) भारतेंदु हरिश्चंद्र
3. गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 5×2 = 10
पूर्वजों ने चरित्र और धर्म – विज्ञान, साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में जो कुछ भी पराक्रम किया है, उस सारे विस्तार को हम गौरव के साथ धारण करते हैं और उसके तेज को अपने भावी जीवन में साक्षात् देखना चाहते हैं। यही राष्ट्र-संवर्धन का स्वाभाविक प्रकार है। जहाँ अतीत वर्तमान के लिए भार रूप नहीं है, जहाँ भूत वर्तमान को जकड़ नहीं रखना चाहता, वरन् अपने वरदान से पुष्ट करके आगे बढ़ाना चाहता है, उस राष्ट्र का हम स्वागत करते हैं।
(i) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ii) ‘राष्ट्र-संवर्धन’ का प्रकार स्पष्ट कीजिए
(iii)पूर्वजो ने किस क्षेत्र में पराक्रम किया है
(।v) ‘अतीत वर्तमान के लिए भार रूप नहीं है’ का आशय स्पष्ट कीजिए
(v) लेखक किस राष्ट्र का स्वागत करना चाहता है?
अथवा
भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा लेकर चलने वाले भी कुछ राजनीतिक दल हैं। किन्तु वे भारतीय संस्कृति की समानता को उसकी गतिहीनता समझ बैठे हैं और इसलिए बीते युग की रूढ़ियों अथवा यथास्थिति का समर्थन करते हैं। संस्कृति के क्रान्तिकारी तत्त्व की ओर उनकी दृष्टि नहीं जाती। वास्तव में समाज में प्रचलित अनेक कुरीतियाँ; जैसे-छुआछूत, जाति-भेद, दहेज, मृत्युभोज, नारी-अवमानना आदि भारतीय संस्कृति और समाज के स्वास्थ्य की सूचक नहीं बल्कि रोग के लक्षण हैं। भारत के अनेक महापुरुष, जिनकी भारतीय परम्परा और संस्कृति के प्रति अनन्य निष्ठा थी, इन बुराइयों के विरुद्ध लड़े। आज के अनेक आर्थिक और सामाजिक विधानों की हम जाँच करें तो पता चलेगा कि वे हमारी सांस्कृतिक चेतना के क्षीण होने के कारण युगानुकूल परिवर्तन और परिवर्द्धन की कमी से बनी हुई रूढ़ियाँ, परकीयों के साथ संघर्ष की परिस्थिति से उत्पन्न माँग को पूरा करने के लिए अपनाए गए उपाय अथवा परकीयों द्वारा थोपी गयी या उनका अनुकरण कर स्वीकार की गयी व्यवस्थाएँ मात्र हैं। भारतीय संस्कृति के नाम पर उन्हें जिन्दा रखा जा सकता है।
(i) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) भारतीय संस्कृति के रोग के लक्षण क्या हैं?
(iv) हमारी सांस्कृतिक चेतना के क्षीण होने का क्या कारण है?
(v) समाज में प्रचलित कुरीतियों को लेखक ने क्या माना है?
- पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 5×2 = 10
बैठी खिन्ना यक दिवस वे गेह में थीं अकेली ।
आके आँसू दृग-युगल में थे धरा को भिगोते ।।
आई धीरे इस सदन में पुष्प-सद्गंध को ले ।
प्रातः वाली सुपवन इसी काल वातायनों से ।।
संतापों को विपुल बढ़ता देख के दुःखिता हो ।
धीरे बोली स-दुःख उससे श्रीमति राधिका यों ।।
प्यारी प्रातः पवन इतना क्यों मुझे है सताती।
क्या तू भी है कलुषित हुई काल की क्रूरता से ।।
(i) उपर्युक्त पद्यांश का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) घर में दुःखी होकर एक दिन अकेला कौन बैठा था?
(iv) फूलों की सुगंध से युक्त होकर राधा के घर में किसने प्रवेश किया?
(v) राधा ने प्रातःकालीन वायु से दुःखित होकर क्या कहा?
अथवा
एक झटका सा लगा सहर्ष
निरखने लगे लुटे-से, कौन
गा रहा यह सुन्दर संगीत,
कुतूहल रह न सका. फिर मौन।,
और देख वह सुन्दर दृश्य,
नयन का इन्द्रजाल अभिराम,
कुसुम वैभव में लता समान,
चन्द्रिका में लिपटा घनश्याम ।।
(i) उपर्युक्त पद्यांश का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश का भावार्थ लिखिए।
(iii) मनु किसे लुटे-से निरखने लगे?
(iv) कुतूहल क्यों मौन नहीं रह सका?
(v) ‘चन्द्रिका में लिपटा घनश्याम’ से क्या आशय है?
5. ( क ) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए ( अधिकतम शब्द – सीमा 80 शब्द ) – 3 + 2 = 5
( i ) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
( ii ) डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल
(iii) पंडित दीनदयाल उपाध्याय
( ख ) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए ( अधिकतम शब्द – सीमा 80 शब्द ) – 3 + 2 = 5
( i ) मैथिली शरण गुप्ता
( ii )सुमित्रानंदन पंत
( iii ) रामधारी सिंह दिनकर
6 . ‘ कर्मनाशा की हार’ या ‘बहादुर’ कहानी की कथावस्तु लिखिए।
( अधिकतम शब्द – सीमा 80 शब्द ) 5
अथवा
‘ पंचलाइट या बहादुर ‘ कहानी के प्रमुख पात्र की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए
7 . स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्ड के प्रश्न का उत्तर दीजिए ( अधिकतम शब्द – सीमा 80 शब्द ) – 5
( i ) ‘ मुक्तियज्ञ ‘ खण्डकाव्य की कथानक का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।
या मुक्तियज्ञ ‘ खण्डकाव्य के आधार पर नायक का चरित्र चित्रण कीजिए ।
( ii ) ‘ सत्य की जीत ‘ खण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए ।
या ‘ सत्य की जीत ‘ खण्डकाव्य के आधार पर द्रोपदी की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए
( i ) ‘ रश्मिरथी ‘ खण्डकाव्य के तृतीय सर्ग पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए ।
या ‘ रश्मिरथी ‘ खण्डकाव्य के आधार पर कर्ण का चरित्र – चित्रण कीजिए ।
( iv ) ‘ आलोकवृत्त ‘ खण्डकाव्य की कथावस्तु पर प्रकाश डालिए ।
या ‘ आलोकवृत्त ‘ खण्डकाव्य के आधार पर गांधी जी की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
( v ) ‘ त्यागपथी ‘ खण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए ।
या ‘ त्यागपथी ‘ खण्डकाव्य के आधार पर सम्राट हर्षवर्धन का चरित्र चित्रण कीजिए ।
( vi ) ‘ श्रवणकुमार ‘ खण्डकाव्य के अयोध्या सर्ग की कथावस्तु लिखिए कीजिए ।
या ‘ श्रवणकुमार ‘ खण्डकाव्य के आधार पर श्रवण कुमार का चरित्र चित्रण कीजिए ।
खंड – ख
8.(क) निम्नलिखित संस्कृत – गद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए 2 + 5 =7
यदा अयं षोडशवर्षदेशीयः आसीत् तदास्य कनीयसी भगिनी विषूचिकया पञ्चत्वं गता। वर्षत्रयानन्तरमस्य पितृव्योऽपि दिवङ्गतः। द्वयोरनयोः मृत्युं दृष्ट्वा आसीदस्य मनसि-कथमहं कथं वायं लोकः मृत्युभयात् मुक्तः स्यादिति चिन्तयतः एवास्य हृदि सहसैव वैराग्यप्रदीपः प्रज्वलितः। एकस्मिन् दिवसे अस्तगते भगवति भास्वति मूलशङ्करः गृहमत्यजत् ।
अथवा
यथैवोपकरणवतां जीवनं तथैव ते जीवनं स्यात्। अमृतत्त्वस्य तु नाशास्ति वित्तेन इति। सा मैत्रेयी उवाच- येनाहं नामृता स्यां किमहं तेन कुर्याम्? यदेव भगवान् केवलममृतत्त्वसाधनं जानाति, तदेव मे ब्रूहि याज्ञवल्क्य उवाच-प्रिया नः सती त्वं प्रियं भाषसे। एहि, उपविश, व्याख्यास्यामि ते अमृतत्त्वसाधनम् ।
(ख) निम्नलिखित संस्कृत – पद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए 2 + 5 = 7
व्यतिषजति विकसति पदार्थानान्तरः कोऽपि हेतुः
न खलु बहिरुपाधीन प्रीतयः संश्रयन्ते ।
विकसति हि पतङ्गस्योदये पुण्डरीकं
द्रवति च हिमरश्मावुद्गतेः चन्द्रकान्तः ।।
अथवा
सृजसि यदि समन्ताद् देवमायाः स्वमायाः
प्रहरसि यदि वा त्वं दुर्निवारैस्सुरास्त्रैः ।
हयगजवृषभाणां पातनाज्जातदर्पो,
नरपतिगणमध्ये बध्यसे त्वं मयाद्य ।।
- निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए-2+2=4
(i) भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा च भाषा का अस्ति?
(ii) वाल्मीकिः किं ग्रन्थं रचितवान्?
(iii) ‘ईदृशो राजा मह्यं न रोचते’ इति कस्य उक्तिः ?
(iv)दयानन्दस्य पितुः नाम किमासीत् ?
- ( क ) ‘ हास्य ‘ रस ‘शांत’ रस के स्थायी भाव के साथ उसकी परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए । 1 + 1 = 2
( ख ) ‘ रूपक’ अलंकार अथवा ‘ संदेह’ अलंकार का लक्षण उदाहरण सहित लिखिए । 1 + 1 = 2
( ग ) ‘ चौपाई ‘ अथवा ‘दोहा ‘ छन्द का लक्षण एवं उदाहरण लिखिए । 1 + 1 = 2
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर अपनी भाषा – शैली में निबन्ध लिखिए – 2 + 7 = 9
(i) भारत में भ्रष्टाचार की समस्या
(ii) पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और समाधान
(iii) मेरे प्रिय साहित्यकार
(iv) भारत में बेरोजगारी की समस्या
(v) कोरोना वायरस और भारतीय अर्थव्यवस्था
12 (क) निम्नलिखित शब्दों के संधि विच्छेद के सही विकल्प का चयन कीजिए-
(i)’नायिका’ का संधि विच्छेद है -1
(अ)नाय+का
(ब)ना+इका
(स)नै+इका
(द)न+इका
(ii)’ जगदीश’ का संधि विच्छेद है-1
(अ)जगत् + इश
(ब)जगद + ईश
(स)जगत् + ईश
(द)जगत् + श
(iii)हरेऽत्र का संधि विच्छेद है-1
(अ)हर+अत्र
(ब)हरी+अत्र
(स)हरे+अत्र
(द)हरि+अत्र
( ख ) (i)मक्षिकाणाम् में समास है-1
(अ) द्वंद समास
(ब) अव्ययीभाव समास
(स) दिगु समास
(द) कर्मधारय समास
(ii)निर्मक्षिकम् में प्रयुक्त समास है-1
(अ) बहुव्रीहि समास
(ब) अव्ययीभाव समास
(स) द्वंद समास
(द) कर्मधारय समास
13.(क) ‘तिष्ठ’अथवा ‘अपिबतम्’ किस धातु, लकार, पुरुष तथा वचन का रूप है? 2
(ख) (i)’नामसु’ रूप है ‘नामन्’ शब्द का- 1
(अ) सप्तमी बहुवचन
(ब) तृतीया बहुजन
(स) चतुर्थी एकवचन
(द) प्रथमा एकवचन
(ii) आत्माभ्याम् रूप है आत्मन शब्द का- 1
(अ) पंचमी द्विवचन
(ब) द्वितीया बहुवचन
(स) तृतीय बहुवचन
(द) षष्टी एकवचन
(ग)(i)दृष्ट्वा शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है- 1
(अ)तल्
(ब) तव्यत्
(स) क्त्वा
(द)अनीयर्
(ii)हत: शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय कौन सा है- 1
(अ) तव्यत्
(ब) अनीयर्
(स) क्त्वा
(द) क्त
(घ) रेखांकित पदों में से किसी एक पद में विभक्ति तथा संबंधित नियम का उल्लेख कीजिए- 1+1=2
(i) मातुः हृदयं कन्यां प्रति स्निग्धं भवति।
(ii) सः पादेन खञ्जः अस्ति।
(iii) श्रीगुरवे नमः ।
- निम्नलिखित में से किन्ही दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए- 2+2=4
(i)मैं कल बाजार जाऊंगा।
(ii)वह अपने विद्यालय जाएं ।
(iii)व्यास पुत्र सुखदेव को नमस्कार है।
(iv)मोहन पैर से लंगड़ा है
(v)रामायण के रचयिता वाल्मीकि थे