हिंदी साहित्य इतिहास (द्विवेदी युग) Dvivedi Yug

द्विवेदी युग

समयावधि-  1900 से 1920 ई . तक

  • नामकरण – द्विवेदी युग आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम पर रखा गया|
  • डॉ . नगेन्द्र ने द्विवेदी युग को जागरण – सुधार काल भी कहा है |
  • द्विवेदी युग के जीवनी लेखक विनय मोहन शर्मा हैं|
  • द्विवेदी युग में दो धारा उभर कर सामने आती है- द्विवेदी मंडल के कवि और द्विवेदी मंडल के बाहर के कवि ।
  • द्विवेदी मंडल के कवियों की काव्य धारा को अनुशासन की धारा तथा द्विवेदी मंडल के बाहर के कवियों को स्वच्छंदता की धारा कहा गया ।
  • द्विवेदी मंडल के प्रमुख कवि : द्विवेदी मंडल के कवियों में मैथलीशरण गुप्त , गया प्रसाद शुक्ल सनेही ‘ , गोपालशरण सिंह , लोचन प्रसाद पाण्डेय और महावीर प्रसाद द्विवेदी आते हैं ।
  • द्विवेदी मंडल के बाहर ( स्वच्छंदता की धारा ) के कवियों में श्रीधर पाठक , नाथूराम शर्मा शंकर ‘ , बालमुकुंद गुप्त , लाला भगवानदीन , राय देवीप्रसाद पूर्ण ‘ , सैयद अमीर अली मीर ‘ , कामता प्रसाद गुरू , गया प्रसाद शुक्ल सनेही रूप नारायण पांडेय , लोचन प्रसाद पांडेय , राम नरेश त्रिपाठी , ठाकुर गोपाल शरण सिंह , मुकुटधर पाण्डेय आदि प्रमुख
  • स्वच्छंदता वादी काव्य की यही धारा आगे चलकर छायावाद में बदल जाती है ।
  • द्विवेदी युग में ब्रजभाषा के प्रमुख कविः जगन्नाथदास रत्नाकर ‘ , सत्यनारायण कविरत्न ‘ , किशोरीलाल गोस्वामी , जगन्नाथ प्रसाद भानु आदि ।

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  • राष्ट्रीय काव्य धारा के प्रमुख कवि : –

    द्विवेदी – युग में राष्ट्रीय काव्य धारा के अंतर्गत प्रमुख कवि- मैथलीशरण गुप्त , नाथूराम शर्मा शंकर ‘ , गया प्रसाद शुक्ल सनेही ‘ , राम नरेश त्रिपाठी तथा राय देवीप्रसाद पूर्ण आदि हैं ।

  • द्विवेदी युगीन काव्य की प्रवृत्तियाँ :

    जागरण – सुधार, राष्ट्रीयता की भावना , समस्या पूर्ति , नैतिकता एवं आदर्शवाद , विषय – विस्तार , इतिवृत्तात्मकता / विवरणात्मकता व उपदेशात्मकता , प्रकृति चित्रण|

  • द्विवेदी युग के प्रमुख कवि :
  • अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध ‘ :

प्रिय प्रवास , पद्मप्रसून , चुभते चौपदे,
चोखे चौपदे,  वैदेही वनवास|

  • मैथलीशरण गुप्त : साकेत , यशोधरा |

खण्ड काव्य – रंग में भंग , जयद्रथ वध , किसान , पंचवटी

भारत-भारती -मैथिलीशरण गुप्त जी की ऎसी काव्यकृति है, जिसे अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था|

  • श्यामनारायण पाण्डेय : हल्दीघाटी, जौहर
  • नाथूराम शर्मा ‘ शंकर ‘ : गर्भरण्डारहस्य, शंकर सर्वस्व, अनुराग रत्न , शंकर सरोज |
  • राम नरेश त्रिपाठी : मिलन , पथिक , स्वप्न ,मानसी|
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी-

काव्य – मंजूषा , सुमन , कान्यकुब्ज – अबला – विलाप |

प्रमुख पत्रिकाएँ –

  • सरस्वती पत्रिका :-

    1903 ई. से दिसंबर, 1920 ई. तक इन्होंने सरस्वती नामक मासिक पत्रिका का संपादन कर एक कीर्तिमान स्थापित किया था, इसीलिए इस काल को हिन्दी साहित्येतिहास में ‘द्विवेदी-युग’ के नाम से जाना जाता है।

  • सरस्वती पत्रिका के संस्थापक – चिंतामणि घोष
  • प्रथम सम्पादक – बाबू श्यामसुंदर दास
  • द्वितीय सम्पादक – महावीर प्रसाद द्विवेदी

 

पत्रिका
संपादक
स्थान
सरस्वतीमहावीर प्रसाद द्विवेदीकाशी
समालोचकचंद्रधर शर्मा गुलेरीजयपुर
इंदुअम्बिकाप्रसाद गुप्तकाशी
प्रतापगणेश शंकर विद्यार्थीकानपुर
मर्यादाकृष्णकान्त मालवीयप्रयाग
प्रभाकालूरामखंडवा
सुदर्शनदेवकीनंदन खत्रीकाशी
पाटलिपुत्रकाशी प्रसाद जायसवालपटना
अभ्युदयमदन मोहन मालवीयकाशी
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