UP Board Class 12 Gyansindhu General Hindi Question Bank 2026 [Page -30]

UP Board Class 12 Question Bank 2026 : Gyansindhu Pariksha Prahar General Hindi सामान्य हिंदी की क्वेश्चन बैंक 2026 (Full Book – PAGE-30

पवन-दूतिका  (1)

पद्यांश पर आधारित प्रश्नोत्तर

एक पद्यांश से बनने वाले अनेक प्रश्नां का हल। परीक्षा को दृष्टि में रखकर बहुत अधिक महत्वपूर्ण पद्यांश ही रखे गए हैं, परीक्षार्थी इन्हें तैयार अवश्य कर लें-

(1)   बैठी खिन्ना यक दिवस वे गेह में थीं अकेली।

आके आँसू दृग-युगल में थे धरा को भिगोते।।

आई धीरे इस सदन में पुष्प-सद्गंध को ले।

प्रातः वाली सुपवन इसी काल वातायनों से।।

संतापों को विपुल बढ़ता देख के दुःखिता हो।

धीरे बोली स-दुख उससे श्रीमती राधिका यों।

प्यारी प्रातः पवन इतना क्यों मुझे है सताती।

क्या तू भी है कलुषित हुई काल की क्रूरता से।।

प्रश्नोत्तर-

  1. उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

उत्तर-     प्रस्तुत पद्यांश अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा रचित महाकाव्य ‘प्रियप्रवास’ से हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पवन-दूतिका’ शीर्षक से उद्धृत है।

  1. राधा ने प्रातःकालीन वायु से दुःखित होकर क्या कहा?

उत्तर-    राधा ने कहा- मुझे इस प्रकार क्यों सता रही हो? क्या तुम भी समय की कठोरता से दूषित हो गई हो? क्या तुम पर भी समय की क्रूरता का प्रभाव पड़ गया है।

  1. उपर्युक्त पद्यांश में किस प्रसंग का चित्रण हुआ है?

उत्तर-    प्रस्तुत पद्यांश में राधा की मनोदशा का भावपूर्ण चित्रण किया गया है।

  1. इस पद्यांश में कौन-सा छन्द है?

उत्तर-    प्रस्तुत पद्यांश में ‘मन्दाक्रान्ता’ छन्द है।

  1. पद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

उत्तर-    रेखांकित अंश की व्याख्या- राधा दुःखित होकर कहती है कि हे प्रातःकालीन पवन! तू क्यों मुझे इस प्रकार सता रही है? क्या तू भी समय की कठोरता के कारण कलुषित विचारों वाली हो गई है? क्या तुझ पर भी समय की क्रूरता का प्रभाव पड़ गया है?

  1. प्रस्तुत पंक्तियों में राधिका किससे बातें कर रही है?

उत्तर-    प्रस्तुत पंक्तियों में राधिका पवन से बातें कर रही है।

  1. प्रातः कालीन पवन किस मार्ग से राधिका जी के घर के अंदर आ रही है?

उत्तर-    प्रातः कालीन पवन खिड़की द्वारा राधिका जी के घर के अंदर आ रही है।

  1. काव्यांश में कौन-सा अलंकार है?

उत्तर- काव्यांश में अनुप्रास अलंकार है।

  1. श्रीमती राधिका पवन से क्या कहती हैं?

उत्तर-    श्रीमती राधिका पवन से कहती हैं कि हे प्यारी प्रातः वाली सुपवन तू मुझे इतना क्यों सताती है, क्या तू भी काल की क्रूरता से कलुषित हुई है।

  1. दृग-युगल’ का अर्थ लिखिए?

उत्तर-    ‘दृग-युगल’ का अर्थ- दोनों नेत्र।

  1. काव्यांश में उल्लिखित रस का नाम लिखिए।

उत्तर-    काव्यांश में उल्लिखित रस- विप्रलंभ (वियोग) श्रृंगार रस है।

  1. घर में दुःखी होकर अकेले कौन बैठी है?

उत्तर-    राधिका जी घर में दुखी होकर बैठी हैं।

 

(2)       लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आये।

होने देना विकृत-वसना तो न तू सुन्दरी को।।

जो थोड़ी भी श्रमित वह हो गोद ले श्रान्ति खोना।

होंठों की औ कमल-मुख की म्लानतायें मिटाना।।

कोई क्लान्ता कृषक-ललना खेत में जो दिखावे।

धीरे-धीरे परस उसकी क्लान्तियों को मिटाना।।

जाता कोई जलद यदि हो व्योम में तो उसे ला।

छाया द्वारा सुखित करना, तप्त भूतांगना को।।

प्रश्नोत्तर-

  1. दिये गये पद्यांश के कवि एवं कविता का नाम लिखिए।

            उत्तर- उपर्युक्त।

  1. राधा पवन दूतिका से राह में पथिकों के साथ कैसा व्यवहार करने को कहती है?

उत्तर-    राधा पवन-दूतिका से कह रही है कि यदि मार्ग में कोई लज्जाशील स्त्री दिखाई दे तो उसके वस्त्रों को मत उड़ाना, थकी हुई प्रतीत हो तो उसकी थकावट को दूर कर देना।

  1. इस पद्यांश में कवि ने किसका चित्रण किया है?

उत्तर-    प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने एक ओर राधा की विरह व्यथा का चित्रण किया है तो दूसरी ओर उन्हें समाज की पीड़ा से भी व्याकुल दिखाया है।

  1. इस पद्यांश में कौन-सा अलंकार है?

उत्तर-    प्रस्तुत पद्यांश में मानवीकरण, उपमा, अनुप्रास व रूपक अलंकार है।

  1. रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

उत्तर-     रेखांकित अंश की व्याख्या- राधा पवन को समझाती है कि तुझे मार्ग में ब्रजभूमि की अत्यन्त लज्जाशील महिलाएँ दिखाई देंगी। अतः तुझे उनका मान-सम्मान करते हुए ही आगे बढ़ना है तू कहीं अपनी चंचलता का प्रदर्शन करते हुए उनके वस्त्रों को उड़ाकर उनके कोमलांगों को अनावृत मत कर देना।

  1. राधा पवन को लज्जाशील स्त्री के सम्बन्ध में क्या समझाती है?

उत्तर- राधा पवन को लज्जाशील स्त्री के सम्बन्ध में यह समझाती है कि तुझे मार्ग में कोई लाजवंती स्त्री दिखाई दे तो उसके वस्त्र मत उड़ा देना।

  1. राधा के अनुसार पवन थकी हुई स्त्री की थकावट कैसे दूर करेगी?

उत्तर-    राधा पवन से कहती है कि यदि कोई थकी हुई स्त्री दिखाई दे तो उसके निकट जाकर उसकी थकावट को स्पर्श करके दूर करना।

  1. कमल-मुख में कौन-सा अलंकार है?

उत्तर-    रूपक अलंकार।

  1. राधा पवन को क्लांत व्यक्ति के सम्बन्ध में क्या बताती है?

उत्तर-    राधा पवन को क्लांत व्यक्ति के सम्बन्ध में यह  बताती है कि यदि रास्ते में कोई थका हुआ व्यक्ति दिखाई दे तो उसकी थकावट को दूर करना।

  1. व्योम तथा भूतांगना का क्या अर्थ है?

उत्तर-    व्योम- आकाश ,   भूतांगना- गर्मी से तप्त किसान की स्त्री।

  1. राधा पवन से कृषक-स्त्री की क्या सहायता करने को कहती है?

उत्तर-    राधा पवन से कृषक स्त्री की थकावट दूर करने को और आकाश में बदल लाकर उसकी छाया प्रदान कर प्रसन्न करने को कहती है।

  1. प्रतुत पंक्तियों में राधा को किस रूप में चित्रित किया गया है?

उत्तर-    प्रतुत पंक्तियों में राधा को लोक कल्याणकारी रूप में चित्रित किया गया है।

(3) तू देखेगी जलद-तन को जा वहीं तद्गता हो ।

 होंगे लोने नयन उनके ज्योति-उत्कीर्णकारी ।।

 मुद्रा होगी वर बदन की मूर्ति-सी सौम्यता की ।

 सीधे साधे वचन उनके सिक्त होंगे सुधा से ।।

प्रश्नोत्तर-

  1. राधा पवन दूतिका को किसकी पहचान बता रही हैं?

उत्तर-    राधा पवन दूतिका को श्रीकृष्ण की पहचान बता रही हैं।

  1. प्रस्तुत पंक्तियों में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है?

उत्तर- ‘जलद-तन’ में रूपक अलंकार तथा ‘सीधे-सादे-सिक्त’ में अनुप्रास अलंकार है।

  1. राधा ने कृष्ण की पहचान के लिए किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?

उत्तर- राधा ने कृष्ण की पहचान के लिए निम्न विशेषताओं का उल्लेख किया है-

मेघ के सामान शोभा वाले, मेघ के समान शरीर की श्यामलता लिए हुए, नील कमल के समान मोहक व मूर्ति के समान सौम्य।

  1. पद्यांश में राधा जी ने तद्गता किसे कहा है?

उत्तर-    पवन को कहा है।

  1. जलद- तन में कौन-सा अलंकार है?

उत्तर-    ‘जलद-तन’ में रूपक अलंकार है।

  1. जलद- तन किसका विशेषण है?

उत्तर-    श्री कृष्ण का। 

  1. रेखांकित अंश का भावार्थ लिखिए।

भावार्थः राधा पवन से कहती हैं कि मथुरा जाने पर तुम बादलों जैसे श्यामवर्ण वाले कृष्ण को उन्हीं में तल्लीन होकर देखोगी। उनकी सुन्दर आँखों से प्रकाश निकल रहा होगा। उनके सुन्दर, सौम्य मुख को देख ऐसा प्रतीत होगा जैसे । वह कोई मनोहर सौम्य मूर्ति हो, तुम्हें उनके बोले हुए शब्द अमृत से सींचे हुए-से प्रतीत होंगे।

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