UP Board Class 12 Question Bank 2026 : Gyansindhu Pariksha Prahar General Hindi सामान्य हिंदी की क्वेश्चन बैंक 2026 (Full Book – PAGE-32)
पवन-दूतिका (3)
(7) जाते जाते अगर पथ में क्लान्त कोई दिखावे।
तो जा के सन्निकट उसकी क्लान्तियों को मिटाना।।
धीरे-धीरे परस करके गात उत्ताप खोना।
सद्गन्धों से श्रमित जन को हर्षितों सा बनाना।।
- राधिका पवन से मार्ग में किसके दुःख दूर करने के लिए कहा है?
उत्तर- राधिका पवन से मार्ग में थके हुए व्यक्ति की थकावट/दुःख को दूर करने के लिए कहा है।
- इस पद्यांश में राधिका जी को किस रूप में चित्रित किया गया है?
उत्तर- लोक कल्याणकारी रूप में
- काव्यांश में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर- उपमा, संदेह व अनुप्रास।
- क्लान्ति एवं उत्ताप का अर्थ लिखो?
उत्तर- क्लान्ति- थकन/दुःख उत्ताप- ताप/गर्मी
(8) सूखी जाती मलिन लतिका जो धरा में पड़ी हो।
तो पाँवों के निकट उसको श्याम के ला गिराना।
यों सीधे से प्रकट करना प्रीति से वंचिता हो।
मेरा होना अति मलिन औ सूखते नित्य जाना।
कोई पत्ता नवल तरु का पीत जो हो रहा हो।
तो प्यारे के दुग युगल के सामने ला उसे ही।।
धीरे-धीरे सँभल रखना और उन्हें यों बताना।।
पीला होना प्रबल दुःख से प्रोषिता-सा हमारा।।
- राधा पवन से पृथ्वी पर पड़ी हुई लता को क्या करने के लिए कहती है?
उत्तर- श्रीकृष्ण के चरणों में लाकर रखने के लिए कहती है।
- सूखी लता से राधा कृष्ण को क्या सन्देश देना चाहती है?
उत्तर- सूखी लता से राधा कृष्ण को सन्देश देना चाहती है कि वह प्रेम से विरहित होकर किस प्रकार इस सूखी लता के समान दिन प्रति दिन सूखती व मलिन होती जा रही है।
- पीले पत्ते को श्रीकृष्ण के सामने लाने से राधा का क्या अभिप्राय है?
उत्तर – जिस प्रकार नवीन वृक्ष का कोपल पीला पड़ गया है, इसी प्रकार प्रोषित पतिका नायिका के समान प्रेम विरह में कोई बावली हो रही है।
- पोषिता -सा में कौन सा अलंकार है?
उत्तर- उपमा अलंकार।
- राधा पवन से पृथ्वी पर पड़ी हुई लता को क्या करने के लिए कहती हैं?
उत्तर- राधा पवन से पृथ्वी पर पड़ी हुई को श्रीकृष्ण के पाँव के पास गिरा देने को कहती है।
- सूखी लता से राधा कृष्ण को क्या संदेश देना चाहती है?
उत्तर- सूखी लता से राधा कृष्ण को यह संदेश देना चाहती है कि मैं प्रेम से रहित होकर किस प्रकार नित्य ही सूखती तथा मलिन होती जा रही हूँ।
- पीले पत्ते को श्रीकृष्ण के सामने लाने से राधा का क्या अभिप्राय है?
उत्तर- पीले पत्ते को श्रीकृष्ण के सामने लाने से राधा का अभिप्राय यह है कि मैं भी प्रोषितपतिका नायिका के समान पीली पड़ती जा रही हूँ।
- उपर्युक्त पद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- रेखांकित अंश की व्याख्या – राधा कहती है कि हे पवन! यदि किसी नए वृक्ष का कोई पत्ता पीला पड़ गया हो तो उसे प्रिय के सामने धीरे से रख देना और उन्हें बताना कि उसी प्रकार मैं (राधा) भी प्रोषित पतिका नायिका के समान पीली पड़ती जा रही हूँ।
- पाठ का शीर्षक तथा रचयिता के नाम का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- प्रस्तुत पाठ का शीर्षक ‘पवन-दूतिका’ और इसके रचनाकार (कवि) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं।
- उपर्युक्त उद्धरणों में व्यक्त रस का नाम लिखकर उसके स्थायी भाव का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- प्रस्तुत उद्धरण में ‘वियोग श्रृंगार रस है तथा इसका स्थायी भाव ‘रति’ है।
- ‘प्रोषिता-सा’ में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर- ‘प्रोषिता सा’ में ‘उपमा’ अलंकार है।
- राधा सूखी और मलिन लतिका के माध्यम से पवन-दूतिका के द्वारा क्या संदेश दिलाना चाहती है?
उत्तर- राधा सूखी और मलिन लतिका के माध्यम से पवन-दूतिका के द्वारा यह संदेश देना चाहती है कि राधा भी आपके वियोग में सूखती और मलिन होती जा रही है।
(9) मेरे प्यारे नव जलद से कंज से नेत्रवाले।
जाके आए न मधुबन से औ न भेजा सँदेसा।।
मैं रो रो के प्रिय-विरह से बावली हो रही हूँ।
जा के मेरी सब दुःख कथा श्याम को तू सुना दे।
- राधा किसके द्वारा कृष्ण को सन्देश भिजवाती है?
उत्तर- पवन के द्वारा।
- राधा की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर- राधा प्रिय वियोग में रो-रो के बावली हो गयी है।
- उपर्युक्त पंक्तियों में कौन सा रस है?
उत्तर- वियोग श्रृंगार रस
- जलद और कंज का अर्थ लिखिए।
जलद- बादल, कंज- कमल
- रेखांकित अंश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थः राधा दुःखी होकर पवन से कह रही हैं कि , मेरे नवीन बादलरूपी, कमल के समान नेत्रो वाले श्रीकृष्ण न तो मथुरा से लौटकर आए और न ही कोई संदेशा भेजा है। मै उनके विरह की अग्नि मे जल रही हूँ। और उनकी यादों मे रो- रोकर बावली हुई जा रही हूँ। हे- पवन तुम जाओ और मेरी जितनी भी दुःखद कथा है उसे जाकर श्रीकृष्ण को सुना दो।
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