UP Board Class 10 sanskrit Katha Natak Kaumudi- Chapter -7 सप्तम: पाठ: वयं भारतीयाः Vayam bhartiya

UP Board Class 10 sanskrit Katha Natak Kaumudi- Chapter -7 सप्तम: पाठ: वयं भारतीयाः Vayam bhartiya चरित्र चित्रण एवं प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न- MCQs)

प्रिय विद्यार्थियों! यहाँ पर हम आपको कक्षा 10 यूपी बोर्ड संस्कृत कथा नाटक कौमुदी के chapter 7 सप्तम: पाठ: वयं भारतीयाः Vayam bhartiya  के सभी पत्रों के चरित्र चित्रण, लघु उत्तरीय संस्कृत में प्रश्न उत्तर तथा  बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर – MCQs  प्रदान कर रहे हैं। आशा है आपको अच्छा ज्ञान प्राप्त होगा और आप दूसरों को भी शेयर करेंगे।

Subject / विषयसंस्कृत (Sanskrit) कथा नाटक कौमुदी
Class / कक्षा10th
Chapter( Lesson) / पाठChpter -7
Topic / टॉपिकवयं भारतीयाः
Chapter NameVayam bhartiya
All Chapters/ सम्पूर्ण पाठ्यक्रमकम्पलीट संस्कृत बुक सलूशन

वयं भारतीयाः पाठ से  आफताब का चरित्र चित्रण

परिचय- आफताब एक मुस्लिम छात्र है, परन्तु उसमें धार्मिक कट्टरता नहीं है। वह सभी धर्मों को एक समान मानता है। उसका दृष्टिकोण बहुत ही व्यापक है। पाठ के आधार पर आफताब की चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

श्रेष्ठ – मित्र- आफताब एक सच्चा मित्र है। उसकी सच्ची मित्रता का पता उस समय चलता है, जब उसका मित्र दीपक बम विस्फोट में घायल हो जाता है। तब वह अपने मित्र को देखने के लिए व्याकुल होता है। दीपक को जब रक्त की जरूरत होती है तब वह अपने मित्र की रक्षा के लिए रक्तदान करता है। “इदानीं प्राणानां मोहः नैव कर्त्तव्यः” इस वाक्य से उसके निश्च्छल मैत्री की पवित्र धारा प्रकट होती है।

बुद्धिमानआफताब एक बुद्धिमान छात्र है। वह एक मुस्लिम होते हुए भी अध्यापक द्वारा महात्मा गौतमबुद्धं के विषय में पूछे जाने पर वह उसका उत्तर बहुत सन्तोषजनक देता है।

उदार- हृदय- आफताब उदार हृदय का छात्र था। सर्वप्रथम वह भूखे जसबिन्दर को सान्त्वना देता हुआ दिखाई देता है, फिर वह चिकित्सालय में दीपक के माता-पिता को ढाँढस बँधाता हुआ दीपक के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हुआ दिखाई पड़ता है। वह होली के अवसर पर भी दीपक के घर होली की बधाई देने जाता है। यह सब क्रिया-कलाप से उसके उदार हृदय का पता चलता है।

राष्ट्रीय एकता की भावना- आफताब में जाति-पाँति की भावना बिल्कुल भी नहीं है। वह सभी धर्मों को एक समान मानता है। अध्यापक द्वारा पूछे जाने पर वह महात्मा बुद्ध के प्रमुख उपदेशों का उल्लेख करता है, जबकि वह अलग धर्म का है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि आफताब सभी मानवीय गुणों से समन्वित राष्ट्रीय एकता का पोषक, उदारवादी छात्र है। वर्तमान में राष्ट्रोन्नति के लिए आफताब जैसे नवयुवकों की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है

दीपक का चरित्र-चित्रण

परिचय – दीपक एक हिन्दू छात्र है। गुरु गोविन्दसिंह के गुणों से प्रभावित होते हुए भी उसमें जातिवाद की भावना विद्यमान है। उसकी चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

शिष्टाचारी – यद्यपि दीपक में जाति-पाँति की हीन भावना है, किन्तु वह अशिष्ट नहीं है। किसी के साथ वह अशिष्टता का व्यवहार नहीं करता। घायल अवस्था में भी वह उठकर आफताब का स्वागत करता है। आफताब के रक्तदान द्वारा स्वस्थ होने पर वह आफताब को साधुवाद देता हुआ उसे सच्चा मित्र मान लेता है। होली के अवसर पर अपने घर पर वह आफताब का जोरदार स्वागत करता है।

जाति-पाँति का पक्षपाती – ‘दीपक’ एक ऐसा हिन्दू छात्र है, जो हिन्दू धर्म के समान प्रचलित सिख धर्म और उसके दसवें गुरु के प्रति अपनी सच्ची और पूरी आस्था रखता है, किन्तु वह ‘आफताब’ के साथ भोजन न करके यह सिद्ध कर देता है कि वह हिन्दू-मुसलमान को पृथक् रूप में देखता है।

परिवर्तित विचारधारावाला – दीपक प्रारम्भ में संकीर्ण जातिगत भावना का पोषक प्रतीत होता है, किन्तु आफताब द्वारा अपनी प्राण-रक्षा किये जाने पर उसकी विचारधारा परिवर्तित हो जाती है और वह जातिवाद की संकीर्ण भावना से ऊपर उठकर सभी धर्मों को एकसमान मानने लगता है। कभी वह आफताब के साथ बैठकर भोजन नहीं करना चाहता था, किन्तु कालान्तर में वह उसका आलिङ्गन करता है। ईद के त्योहार पर उसके घर जाकर उसे ईद की बधाई देता है और होली के त्योहार पर आफताब को अपने घर बुलाकर उसका पर्याप्त आदर- सत्कार करता है।

सभ्य – यद्यपि ‘दीपक’ भेदभाव को माननेवाला छात्र है, किन्तु वह अपने इस भाव को असभ्य रूप में किसी भी दशा में प्रकट नहीं होने देता। रक्तदान की घटना के बाद तो उसने सम्प्रदायवाद को तिलांजलि ही दे दी थी और ईद, बड़े दिन के त्योहारों पर मुसलमान और ईसाई छात्रों के यहाँ मिलने-जुलने जाने लगा था और होली पर वह अन्य जाति के छात्रों को अपने घर बुलाने लगा था।

उदात्त पिता की सन्तान – यद्यपि ‘दीपक’ जाति-पाँति के भेद को मानता है, किन्तु उसके पिता इसे नहीं मानते हैं, तभी तो वे अपने सम्मुख उपस्थित सभी छात्रों से कहते हैं कि ‘विविध धर्मों के गन्तव्य मार्ग अलग- अलग हैं, किन्तु उनका गन्तव्य एक है। सभी मनुष्यों की नसों में समान रक्त प्रवाहित होता है। संसार के सभी मनुष्य समान हैं। सब धर्मों का सारभूत तत्त्व एक है।’ पिता की इसी भावना से प्रेरणा पाकर ‘दीपक’ भी सबसे समानता का व्यवहार करने लगता है।

निष्कर्ष- ‘दीपक’ के चरित्र से नाटक में इस बात को दर्शाया गया है कि संकीर्ण विचारोंवाले व्यक्ति को भी किसी-न-किसी एकता की घटना से प्रभावित होकर अपनी संकीर्णता को समाप्त कर देना पड़ता है। राष्ट्रीय एकता के लिए यह एक आवश्यक और अनिवार्य सिद्धान्त है कि ‘हमें सभी प्रकार के भेद-भावों को मिटाकर एक होकर रहना चाहिए ।’

बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर – MCQs

निम्न चार विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए –

1. जनाः दशरथ पुत्रं रामं कस्य प्रतीकं मन्यते –

(क) त्यागस्य

(ख) सदाचारस्य

(ग) मर्यादायाः

(घ) वैराग्यस्य

2. गुरुगोविन्दसिंह कस्य रक्षणाय अत्मोत्सर्गम् कृतवान् –

(क) स्वदेशस्य

(ख) स्वपरिवास्य

(ग) धर्मस्य

(घ) स्वप्रदेशस्य

3. ईदमहोत्सवे जनाः………………….।

(क) कोलाहलं कुर्वन्ति

(ख) मौनं भवन्ति

(ग) शोभन भावनया परस्परमालिङ्गन्ति

(घ) न्यूनं खादन्ति

4. होलिकोत्सवे जनाः” वृष्टि कुर्वन्ति-

(क) क्रोधस्य

(ख) स्नेहस्य

(ग) धनस्य

(घ) जलस्य

5. दीपकस्य जीवनरक्षार्थ………….. रक्तदानम् अकरोत्-

(क) आफताब:

(ख) जसविन्दरः

(ग) पीटर:

(घ) गोविन्दः

6. ईदमहोत्सवः कस्य धर्मस्य उत्सवः अस्तिः ।

(क) सिख धर्मस्य

(ख) हिन्दू धर्मस्य

(ग) मुस्लिम धर्मस्य

(घ) ईसाई धर्मस्य

7. प्रस्तुत पाठेन प्रदर्शितम् –

(क) राष्ट्रप्रेम

(ख) राष्ट्रोन्नतिः

(ग) राष्ट्रीय एकता

(घ) राष्ट्रद्रोह:

8. सिखधर्मस्य दशमो गुरुः कः आसीत् ?

(क) तेगबहादुर

(ख) गुरुनानक

(ग) गोविन्दसिंह

(घ) फतेहसिंह

9. बौद्ध धर्मस्य प्रवर्तकः आसीत् –

(क) महावीरः

(ख) शंकर:

(ग) बुद्धः

(घ) रामः

उत्तर – 1. (ग), 2. (ग), 3. (ग), 4. (ख), 5. (क), 6. (ग), 7. (ग), 8. (ग), 9. (ग)

अति लघु उत्तरीय संस्कृत

प्रश्न 1. : जनाः दशरथपुत्रं रामं कस्य प्रतीकं मन्यन्ते?

उत्तर : जनाः दशरथपुत्रं रामं सदाचारस्य प्रतीकं मन्यन्ते ।

प्रश्न 2. : विजयादशमी महोत्सवः किं शिक्षयति?

उत्तर : विजयादशमी महोत्सवः शिक्षयति यत् सर्वदा असत्यस्य उपरि सत्यस्य विजयो भवति ।

प्रश्न 3. : गुरुगोविन्दसिंहः किमर्थं पूज्यः?

उत्तर : गुरु गोविन्दसिंहः जन्मभूमेः रक्षार्थम् आत्मोत्सर्गं कृतवान् अतः सः पूज्यः।

प्रश्न 4. : ईसामसीहः मानवान् किमुपादिशत्?

उत्तर : ईसामसीहः आर्त्तजनानां दुःखहरणाय, निर्धनजनानां कल्याणाय, रोगपीडितानां परित्राणाय, पारस्परिक स्नेह वर्धनाय उपादिशत् ।

प्रश्न 5. : ईदमहोत्सवे जनाः किं कुर्वन्ति?

उत्तर : ईदमहोत्सवे सर्वे जनाः पारस्परिकं द्वेषं विहाय मिलन्ति ।

प्रश्न 6. : सन्मित्रलक्षणं किमस्ति ?

उत्तर : सर्वदा साहाय्यकरणं सन्मित्रलक्षणं अस्ति ।

प्रश्न 7. : आफताबः दीपकस्य जीवनरक्षार्थं किमकरोत्?

उत्तर : आफताब: दीपकस्य जीवन रक्षणाय स्व रक्तम् अददात् ।

प्रश्न 8. : स्वस्थे सति दीपकः आफताबं किमकथयत्?

उत्तर : स्वस्थे सति दीपकः आफताबं प्रति कृतज्ञतां प्रकाशयन् तम् अकथयत् यत् अहं तव उपकारं कदापि न विस्मरिष्यामि ।

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