Up Board Class 9th Hindi Solutions of Chapter-8 Tota– तोता (गद्य खण्ड) – कक्षा 9 हिंदी पाठ तोता के गद्यांश आधारित प्रश्नोत्तर
Chapter-8 Totaa – Solutions of UP Board Class 9 Hindi. UP Board Solutions of Class 9th Hindi Chapter 8 – Baat (gadya khand) Gadyansh adharit Prashn Uttar (गद्य खंड). Question and answer of up chapter 8 TotaWritten By ravindra nath tagore.
पाठ – 8 तोता- हिन्दी कक्षा-9 हिन्दी – गद्यांश आधारित प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित गद्यांशों के नीचे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए —
(1) तोते को शिक्षा देने का काम राजा के भानजे को मिला। पण्डितों की बैठक हुई। विषय था, “उक्त जीव की अविद्या का कारण क्या है?” बड़ा गहरा विचार हुआ। सिद्धान्त ठहरा : तोता अपना घोंसला साधारण खर-पतवार से बनाता है। ऐसे आवास में विद्या नहीं आती। इसलिए सबसे पहले यह आवश्यक है कि इसके लिए कोई बढ़िया-सा पिंजरा बना दिया जाय। राज- पण्डितों को दक्षिणा मिली और वे प्रसन्न होकर अपने – अपने घर गये ।
प्रश्न (i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
उत्तर (i) उपर्युक्त गद्य पंक्तियाँ रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित ‘तोता’ नामक कहानी से उद्धृत है।
प्र.(ii) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए ।
उ. राज दरबार में जब तोते को बेवकूफ मान लिया गया तो इस पर विचार हुआ कि तोते को बुद्धिमान कैसे बनाया जाय ? इस तोते की अविद्या का क्या कारण है? पण्डितों ने विचार किया कि तोता अपना घोंसला खरपतवार से बनाता है । अतः ऐसे घर में विद्या नहीं आती है।
प्र.(iii) तोते को शिक्षा देने का काम किसे मिला?
उ. तोते को शिक्षा देने का काम राजा के भानजे को मिला ।
प्र.(iv) तोता अपना घोंसला किससे बनाता है?
(iv) तोता अपना घोंसला घास-फूस से बनाता है।
प्र.(v) दक्षिणा किसे मिली?
उ. राज पण्डितों को दक्षिणा मिली।
(2) संसार में और-और अभाव तो अनेक हैं, पर निन्दकों की कोई कमी नहीं है। एक ढूंढ़ो हजार मिलते हैं। वे बोले, “पिंजरे की तो उन्नति हो रही है, पर तोते की खोज-खबर कोई लेने वाला नहीं है।” बात राजा के कानों में पड़ी। उन्होंने भानजे को बुलाया और कहा, “क्यों भानजे साहब, यह कैसी बात सुनायी पड़ रही है?” भानजे, “महाराज अगर सच – सच सुनना चाहते हों तो सुनारों को बुलाइए। निन्दकों को हलवे-माड़े में हिस्सा नहीं मिलता, इसलिए वे ऐसी ओछी बातें करते हैं। “
प्रश्न (i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर (i) उपर्युक्त पंक्तियाँ रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित ‘तोता’ नामक कहानी से उद्धृत हैं।
प्र.(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
उ. संसार में अनेक अभाव हैं। सामान्य लोग अभाव का ही जीवन व्यतीत करते हैं। किन्तु निन्दकों की संसार में कोई कमी नहीं है। आप जहाँ निगाह डालिए, निन्दक मौजूद रहेंगे।
प्र.(iii) संसार में किसकी कमी नहीं है?
उ. संसार में निन्दकों की कमी नहीं है।
प्र.(iv) किसकी उन्नति हो रही है?
उ. पिंजरे की उन्नति हो रही है।
प्र.(v) निन्दक निन्दा क्यों करते हैं?
उ. किसी के लाभ में निन्दक को कुछ प्राप्त नहीं होता है। इसलिए वह निन्दा करता है।
(3) तोता दिन भर भद्र रीति के अनुसार अधमरा होता गया। अभिभावकों ने समझा कि प्रगति काफी आशाजनक हो रही है। फिर भी पक्षी स्वभाव के एक स्वाभाविक दोष से तोते का पिंड अब भी छूट नहीं पाया था। सुबह होते ही वह उजाले की ओर टुकुर-टुकुर निहारने लगता था और बड़ी ही अन्याय भरी रीति से अपने डैने फड़फड़ाने लगता था। इतना ही नहीं किसी-किसी दिन तो ऐसा भी देखा गया कि वह अपनी रोगी चोचों से पिंजरे की सलाखें काटने में जुटा हुआ है।
प्रश्न (i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर (i) उपर्युक्त गद्य पंक्तियाँ रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा लिखित ‘तोता’ नामक कहानी से उद्धृत हैं।
प्र.(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
उ. दाना-पानी न मिलने के कारण तोता अधमरा हो गया था। उसकी देख-रेख करने वालों ने सोचा कि तोते में काफी प्रगति हो रही है अर्थात् तोता सभ्य एवं सुशिक्षित हो रहा है
प्र.(iii) तोता क्यों अधमरा हो गया?
उ. तोते को अन्न-जल कुछ भी नहीं मिल पा रहा था। उसके पेट में सिर्फ पोथी के पन्ने ही जा रहे थे। इसलिए
वह अधमरा हो गया।
प्र.(iv) तोते का कौन-सा दोष छूट नहीं पाया था ?
उ. सबेरा होते ही तोता टुकुर-टुकुर निहारने लगता, और अपने डैने को फड़फड़ाने लगता था।
प्र.(v) तोता अपनी चोचों से क्या कर रहा था?
उ. तोता अपनी चोंच से पिंजरे की सलाखें काट रहा था।
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