UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -12 Shivmangal singh suman– yugavani पाठ – 12 शिवमंगल सिंह ‘सुमन‘ – युगवाणी (काव्य खंड) प्रश्न -उत्तर Padyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses
चैप्टर 11 शिवमंगल सिंह सुमन
प्रश्न 1. निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) हर क्यारी में पद-चिह्न तुम्हारे देखे हैं,
हर डाली में मुस्कान तुम्हारी पायी है,
हर काँटे में दुःख-दर्द किसी का कसका है,
हर शबनम ने जीवन की प्यास जगायी है।
हर सरिता की लचकीली लहरें डसती हैं,
हर अंकुर की आँखों में कोर समाती है,
हर किसलय में अधरों की आभा खिलती है,
हर कली हवा में मचल मचल इठलाती है।
प्रश्न- (i) प्रस्तुत कविता का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर- (i) प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ द्वारा रचित ‘युगवाणी’ कविता से उद्धृत है।
प्र.(ii) क्यारी – क्यारी और खेत-खेत में किसके पदचिह्न बने हुए हैं ?
उ. क्यारी – क्यारी और खेत-खेत में श्रमिक एवं कृषक वर्ग के पदचिह्न परिलक्षित होते हैं।
प्र.(iii) सुमन जी ने समाज की प्रगति में किसके योगदान को रेखांकित किया है ?
उ. सुमन जी ने समाज की प्रगति में श्रमिक एवं कृषक वर्ग के योगदान को रेखांकित किया है।
Chapter -12 Shivmangal singh suman
(ख) अम्बर में उगती सोने-चाँदी की फसलें,
ये ज्वार – बाजरे की मस्ती लहराती है,
अन्तर में इसका बिम्ब उभरता आता है,
चाँदनी, सिन्धु में सौ-सौ ज्वार जगाती है।
मैं कैसे इनकी मोहकता से मुख मोहूँ,
मैं कैसे जीवन के सौ-सौ धन्धे छोडँ,
दोनों को साथ लिए चलना क्या सम्भव है?
तन का, मन का पावन नाता कैसे तोडूं ?
प्रश्न- (i) प्रस्तुत काव्य पंक्तियों का सन्दर्भ लिखिए ।
उत्तर- (i) प्रस्तुत पद्यांश शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ द्वारा रचित ‘युगवाणी’ कविता से उद्धृत है।
प्र.(ii) सुमन जी के अनुसार आकाश में उगते सूरज, चाँद और सितारे किस प्रकार प्रतीत हो रहे हैं?
(ii) आकाश में उगते सूरज, चाँद और सितारे ऐसे मालूम पड़ते हैं जैसे सोने और चाँदी की फसलें उग रही हैं।
प्र.(iii) समुद्र में सैकड़ों ज्वार कौन उठा देती है?
उ. चाँद के उदय होने पर समुद्र में चाँदनी सैकड़ों ज्वार उठा देती है।
Chapter -12 Shivmangal singh suman
(ग) यों खेल करोगे तुम कब तक असहायों से
कब तक अफीम आशा की हमें खिलाओगे,
बरबाद हो गयी फसल कहीं जोती- बोई
क्या बैठ अकेले ही मरघट पर गाओगे ?
विश्वास सर्वहारा का तुमने खोया तो
आसन्न – मौत की गहन गोंस गड़ जाएगी,
यदि बाँध बाँधने के पहले जल सूख गया
धरती की छाती में दरार पड़ जाएगी।
प्रश्न- (i) प्रस्तुत कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
उत्तर- (i) सुमन जी ने दीन-दुखियों के प्रति शासन की घोर उपेक्षा पर गहरी चोट की है।
प्र.(ii) सुमन जी किसे चेतावनी दे रहे हैं ?
उ. सुमन जी शासक एवं पूँजीपति वर्ग को चेतावनी दे रहे हैं।
प्र.(iii) ‘आशा की अफीम’ में कौन-सा अलंकार है?
उ. ‘आशा की अफीम में रूपक अलंकार है ।
Chapter -12 Shivmangal singh suman
(घ) इतिहास न तुमको माफ करेगा याद रहे
पीढ़ियाँ तुम्हारी करनी पर पछताएँगी
पूरब की लाली में कालिख पुत जाएगी
सदियों में फिर क्या ऐसी घड़ियाँ आएँगी?
इसलिए समय के सैलाबों को मत रोको
खुशहाल हवाओं में न खिड़कियाँ बन्द करो,
हर किरण जिन्दगी की आँगन तक आने दो
नव-निर्माणों की लपटों को मत मन्द करो।
प्रश्न- (i) ‘ इतिहास न तुमको माफ करेगा’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- (i) सुमन जी कहते हैं कि हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए। यदि हमने समय का सदुपयोग नहीं किया तो आने वाला समाज हमारी अकर्मण्यता और कर्तव्यहीनता पर धिक्कारेगा। इस समय का जो भी इतिहास लिखा जायेगा उसमें किसी भी व्यक्ति को उसकी अकर्मण्यता के लिए क्षमा नहीं किया जायेगा ।
प्र.(ii) सुमन जी ने समाज कल्याण किसे प्रोत्साहित किया है?
उ. सुमन जी ने समाज कल्याण हेतु समाज के कर्णधारों को प्रोत्साहित किया है।
प्र.(iii) प्रस्तुत पंक्तियों में सुमन जी की किस भावना की अभिव्यक्ति हुई है ?
उ. इन पंक्तियों में सुमन जी की प्रगतिवादी भावना की अभिव्यक्ति हुई है।
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