UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -2 – Meerabai -Padavali मीराबाई – पदावली (काव्य खंड) Mirabai- प्रश्न -उत्तर Gadyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses

UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -2 – Meerabai -Padavali मीराबाई – पदावली (काव्य खंड) Mirabai- प्रश्न -उत्तर Gadyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses

UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -2 – Meerabai -Padavali मीराबाई – पदावली (काव्य खंड) Mirabai- प्रश्न -उत्तर Gadyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses- क्वेश्चन आंसर ऑफ़ मीराबाई की पदावली कक्षा -9 हिंदी|

चैप्टर – 2 मीराबाई – पदावली पद्यांश पर आधारित प्रश्न उत्तर

 

प्रश्न- 1. निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए है।

(क) बसो मेरे नैनन में नंदलाल ।

      मोर मुकुट मकराकृति कुंडल, अरुण तिलक दिए भाल ।।

      मोहनि मूरति साँवरि सूरति, नैना बने बिसाल ।        

      अधर- सुधा-रस मुरली राजत, उर बैजंती – माल||   

      छुद्र घंटिका कटि-तट सोभित, नूपुर सबद रसाल।   

      मीरा प्रभु संतन सुखदाई, भगत बछल गोपाल । |

 

प्रश्न- (i) मीरा किसे अपनी आँखों में बसाना चाहती हैं ?

उत्तर- (i) मीरा भगवान श्रीकृष्ण को अपनी आँखों में बसाना चाहती हैं।

प्र.(ii) मीरा ने भगवान श्रीकृष्ण के सौन्दर्य का वर्णन किस प्रकार किया है ?

उ. भगवान श्रीकृष्ण के सिर पर मोर के पंखों से निर्मित मुकुट और कानों में मछली के आकार का कुण्डल और माथे पर तिलक सुशोभित हो रहा है।

प्र.(iii) उपर्युक्त पद्यांश में किस रस की अभिव्यक्ति हुई है ?

उ. भक्ति एवं शृंगार रस की अभिव्यक्ति हुई है।

Chapter -2 – Meerabai -Padavali

(ख) पायो जी म्हैं तो राम रतन धन पायो । वस्तु    

     अमोलक दी मेरे सतगुरु, किरपा कर अपनायो ।   

     जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो ।

    खरचै नहिं कोइ चोर न लेवै, दिनदिन बढ़त सवायो ।

    सत की नाव खेवटिया सतगुरु, भव-सागर तर आयो।   

    मीराँ के प्रभु गिरधर नागर, हरख-हरख जस गायो ।।

प्रश्न- (i) मीरा ने किस सम्पदा को प्राप्त कर लिया है?

उत्तर- (i) मीरा ने राम रूपी रत्न सम्पदा को प्राप्त कर लिया है।

प्र.(ii) कौन-सी पूँजी खर्च करने पर भी कम नहीं होती और न इसे चोर ही चुरा सकता है?

उ. राम नाम की पूँजी खर्च करने पर भी समाप्त नहीं होती और न ही इसे चोर चुरा सकते हैं।

प्र.(iii) मीरा ने किस सागर को पार कर लिया है?

उ. मीरा ने संसार रूपी सागर को पार कर लिया है।

Chapter -2 – Meerabai -Padavali

(ग) मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई ।

     जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई ।

     तात माता बन्धु, आपनो न कोई । ।

     छाँड़ि दई कुल की कानि, कहा करिहै कोई ।

     संतन ढिंग बैठि-बैठि, लोक लाज खोई ।।

     अँसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम बेलि बोई।

     अब तो बेल फैल गयी, आणंद फल होई ||

     भगति देखि राजी हुई, जगत देखि रोई ।

     दासी मीरा लाल गिरधर, तारो अब मोई ।।

प्रश्न- (i)मीरा ने किसे अपना पति माना है ?

उत्तर- (i)मीरा ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति माना है।

प्र.(ii) मीरा का मन क्या देखकर दुःखी होता है ?

उ. सांसारिक विषयों को देखकर मीरा का मन दुःखी होता है ।

प्र.(iii) मीरा ने किसलिए अपने कुल की प्रतिष्ठा का त्याग किया है ?

उ. मीरा ने कृष्ण प्रेम के लिए अपने कुल की प्रतिष्ठा को भी त्याग दिया है।

 

Most Important Direct Links-
1 UPMSP Model Paper 2022-23 Click Here
2 UP Board 30% Reduced  Syllabus 2022-23 Click Here
3 Class 9th All Chapters Solutions Of Hindi  Click Here
4 Model Paper of Hindi  Click Here
5 Join My Official Telegram  Click Here

Comments are closed.

error: Content is protected !!