UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -9–– path ki pahachan – harivansh ray bachchan – पाठ – 9 पथ की पहचान -हरिवंशराय बच्चन (काव्य खंड) bachan – path ki pahchan प्रश्न -उत्तर Padyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses
UP Board Solution of Class 9 Hindi Chapter -9–– path ki pahachan – harivansh ray bachchan – पाठ – 9 पथ की पहचान -हरिवंशराय बच्चन (काव्य खंड) bachan – path ki pahchan प्रश्न -उत्तर Padyansh ke Prashn Uttar-gyansindhuclasses – hindi kaksha 9 ka solution.
चैप्टर 9 हरिवंश राय बच्चन – पथ की पहचान – पद्यांश आधारित प्रश्न उत्तर
नोट : निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) पुस्तकों में है नहीं
छापी गई इसकी कहानी,
हाल इसका ज्ञात होता
है न औरों की जवानी,
अनगिनत ही गये इस
राह से, उनका पता क्या,
पर गये कुछ लोग इस पर
छोड़ पैरों की निशानी,
यह निशानी मूक होकर
भी बहुत कुछ बोलती है,
खोल इसका अर्थ, पंथी,
पंथ का अनुमान कर ले।
पूर्व चलने का बटोही,
बाट की पहचान कर ले।
प्रश्न- (i) कवि राहगीर को किससे प्रेरणा लेने की बात कह रहा है ?
उत्तर- (i)कवि राहगीर को कर्मठ महापुरुषों से प्रेरणा लेने की बात कह रहा है ।
प्र.(ii) कविता के अनुसार किन लोगों ने जीवन में सफलता प्राप्त की
उ. जीवन में उन कर्मठ महापुरुषों को सफलता मिली जिन्होंने खूब सोच-समझकर कार्य किया ।
प्र.(iii) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
उ. कवि का नाम हरिवंश राय बच्चन है और कविता का नाम ‘पथ की पहचान’ है।
Chapter -9–– path ki pahachan
(ख) यह बुरा है या कि अच्छा,
व्यर्थ दिन इस पर बिताना
अब असंभव, छोड़ यह पथ
दूसरे पर पग बढ़ाना,
तू इसे अच्छा समझ,
यात्रा सरल इससे बनेगी,
सोच मत केवल तुझे
यह पड़ा मन में बिठाना,
हर सफल पंथी, यही
विश्वास ले इस पर बढ़ा है,
तू इसी पर आज अपने
चित्त का अवधान कर ले।
पूर्व चलने के, बटोही,
बाट की पहचान कर ले।
प्रश्न- (i) उपर्युक्त पद्यांश में कवि व्यक्ति को क्या प्रेरणा दे रहा है ?
उत्तर- (i) कवि व्यक्ति को चुने हुए कार्य में तन-मन से जुट जाने की प्रेरणा देता है।
प्र.(ii) जीवन में सफलता किसे प्राप्त होती है ?
उ. जो आदमी अपने कार्य को श्रेष्ठ समझता है, उसे जीवन में सफलता मिलती है।
प्र.(iii) विवेकपूर्ण कार्य का चुनाव करने के पश्चात् उसकी अच्छाई-बुराई पर सोचना क्यों व्यर्थ है ?
उ.विवेकपूर्ण कार्य का चयन करने के बाद उसकी अच्छाई-बुराई पर सोचना व्यर्थ है- क्योंकि उस पथ को छोड़कर दूसरे पथ चलना भी सम्भव नहीं हो सकेगा। कठिनाइयाँ तो हर मार्ग में होती हैं ।
(ग) कौन कहता है कि स्वप्नों
कोन आने दे हृदय में,
देख सब हैं इन्हें
अपना उमर, अपने समय में,
और तू कर यत्न भी तो
मिल नहीं सकती सफलता,
ये उदय होते, लिए कुछ
ध्येय नयनों के निलय में,
किन्तु जग के पंथ पर यदि
स्वप्न दो तो सत्य दो सौ,
स्वप्न पर ही मुग्ध मत हो,.
सत्य का भी ज्ञान कर ले।
प्रश्न- (i) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर- (i) प्रस्तुत पद्यांश के कवि हरिवंश राय बच्चन हैं और कविता का नाम है – ‘पथ की पहचान’ । उपरोक्त पंक्तियों में कवि सन्देश दे रहा है।
प्र.(ii) प्रस्तुत पद्यांश में कवि क्या सन्देश दे रहा है?
उ.कल्पनाओं में मत जिओ। कर्मठ एवं दृढ़निश्चयी बनो
प्र.(iii) प्रस्तुत पंक्तियों में कौन अलंकार प्रयुक्त हुए हैं ?
उ. प्रस्तुत पद्यावतरण में रूपक तथा अनुप्रास अलंकार प्रयुक्त हैं।
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