UP Board Solution of Hindi Grammar- Anek shbdo ke liye ek shabd – Vakynahs ke liye ek shbd अनेक शब्दों (वाक्यांश ) के लिए एक शब्द
UP Board Solution of Hindi Grammar- Anek shabdo ke liye ek shabd – Vakynahs ke liye ek shbd अनेक शब्दों (वाक्यांश ) के लिए एक शब्द- up board class 12 Hindi General Hindi Solution of upmsp syllabus.
अनेक शब्दों (वाक्यांश ) के लिए एक शब्द
वाक्यांश / शब्द – समूह = एक शब्द
- जिसकी कल्पना न की जा सके = अकल्पनीय
- जिसे काटा न जा सके = अकाट्य
- जिसके पास कुछ न हो = अकिंचन
- जिसका खण्डन न किया जा सके = अखण्डनीय
- जो कहा न जा सके = अकथनीय
- जो करने योग्य न हो = अकरणीय
- जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो = अक्षम
- जो कभी क्षरित न हो = अक्षय
- जो खाने योग्य न हो = अखाद्य
- जिसकी गणना न की जा सके = अगण्य
- जहाँ जाया न जा सक. = अगम्य
- जो नेत्रों से दिखाई न दे , जो इन्द्रियों का विषय न हो = अगोचर
- सबसे पहले गिना जानेवाला = अग्रगण्य
- समाचार पत्र का मुख्य लेख = अग्रलेख
- जिसका चिन्तन न किया जा सके = अचिन्त्य
- जो खाली न जाए = अचूक
- जो अपने स्वरूप , सामर्थ्य , स्थान आदि से विचलित न हो = अच्युत
- जो छुआ गया न हो = अछूता
- जो कभी जन्म नहीं लेता = अज
- जिसका जन्म न हुआ हो = अजन्मा
- जो बूढ़ा न हो = अजर
- जिसका कोई शत्रु पैदा न हुआ हो =अजातशत्रु
- जिसे कोई जीत न सका हो = अजित
- जिसे कोई जीत न सके जिसे जीता न जा सके =अजेय
- जो जाना न जा सके = अज्ञेय
- न टूटनेवाला = अटूट
- जो अपनी जगह से डिगे नहीं = अडिग
- पदार्थ का सबसे छोटा इन्द्रिय ग्राह्य विभाग या मात्रा = अणु
- अण्डे से जन्म लेनेवाला = अण्डज
- जिसके आगमन ( आने ) की कोई तिथि निश्चित न हो = अतिथि
- खेती को नुकसान पहुँचानेवाली अधिक वर्षा / आवश्यकता से अधिक वर्षा ‘= अतिवृष्टि
- किसी बात को बढ़ा – चढ़ाकर कहना = अतिशयोक्ति
- इन्द्रियों की पहुँच से बाहर / जो बात इन्द्रिय द्वारा न जानी जा सके = अतीन्द्रिय
- जिसकी तौल माप न हो सके = अतुल
- जिसकी तुलना न हो सके = अतुलनीय
- जो दबाया न जा सके = अदम्य
- जिसमें दया न हो = अदय
- जो देखने योग्य न हो = अदर्शनीय
- जो दूर की बात न सोच सके = अदूरदर्शी
- जिसे आँखों से न देखा गया हो = अदृष्ट
- जो आँखों से दिखाई न दे / जिसे देखा न जा सके = अदृश्य
- जो पहले न देखा गया हो।= अदृष्टपूर्व
- जैसा कोई दूसरा न हो / जिसके समान कोई दूसरा न हो = अद्वितीय
- जिस पर आक्रमण न हो सके = अनाक्रान्त
- जिसका कोई स्वामी या रक्षक न हो / बिना माँ बाप का बच्चा / जिसका कोई पालन – पोषण करनेवाला न हो = अनाथ
- जो किसी चीज पर आसक्त न हो = अनासक्त
- जिसका आदर न किया गया हो = अनादृत
- प्राकृतिक वर्षा का सर्वथा न होना = अनावृष्टि
- जिसे बुलाया न गया हो = अनाहूत
- जिसका कोई निश्चित निवास स्थान न हो = अनिकेत
- पीछे चलनेवाला = अनुगामी
- जिसका अनुभव किया गया हो = अनुभूत
- जिसका उच्चारण न किया गया हो = अनुच्चरित
- जिसे काटा न जा सके = अनुच्छेद्य
- जिसका विरोध न हुआ हो और न हो सके = अनिरूद्ध
- जिसका निर्देश न किया गया हो = अनिर्दिष्ट
- जो उत्तर न दे सके = निरुत्तर,अनुन्तर
- जो परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो = अनुत्तीर्ण
- किसी विशेष कार्य के लिए राज्य आदि की ओर से दी जानेवाली आर्थिक सहायता = अनुदान
- जो वचन से परे हो / जिसका वचन या वाणी द्वारा वर्णन न किया जा सके = अनिर्वचनीय
- किसी मत या प्रस्तुत प्रस्ताव को ठीक मानते हुए अपनी सहमति प्रकट करने या उसका समर्थन करने की क्रिया = अनुमोदन
- किसी मत या नेता का अनुसरण करनेवाला = अनुयायी
- जिसकी उपमा न हो = अनुपम
- पृथ्वी और आकाश के बीच का स्थान = अन्तरिक्ष
- जिसका कहीं भी अन्त न हो । = अनन्त
- समूह जो एक दूसरे पर आश्रित हो = अत्यान्याश्रित
- नीचे की ओर खींचना या लाना = अपकर्ष
- जो पहले पढ़ा हुआ न हो. = अपठित
- नारी , जिसका पति न हो = अपति
- जो किसी के द्वारा पराजित न हो सके = अराजेय
- दोपहर के बाद का समय = अपराह्न
- शरीर के लिए जितना आवश्यक हो उससे अधिक धन न लेना। = अपरिग्रह
- जिसके बिना काम न चल सके = अपरिहार्य
- जिसकी परीक्षा न हुई हो । = अपरीक्षित
- जो अधिक धन खर्च करता है = अपव्ययी
- जिसकी आशा न हो है = अप्रत्याशित
- जो मापा न जा सके = अप्रमेय
- जो पूरा या भरा हुआ न हो = अपूर्ण
- जिसकी चाह , प्रतीक्षा या आवश्यकता हो = अपेक्षित
- जो दिखाई न दे = अदृश्य
- स्त्री जो अभिनय करती है। = अभिनेत्री
- जो किसी की ओर मुख किए हुए हो = अभिमुख
- जिस पर अभियोग लगाया गया हो = अभियुक्त
- किसी वस्तु को प्राप्त करने की उत्कट अभिलाषा या इच्छा = अभीप्सा
- जिस वस्तु की इच्छा हो। = अभीष्ट
- जो पहले कभी न हुआ हो = अभूतपूर्व
- जिसका भेदन न किया जा सके = अभेद्य
- किसी वस्तु का भीतरी भाग / किसी पात्र आदि के अन्दर का स्थान जिसमें कोई चीज आ सके,अभीप्सा अभीष्ट = अभ्यन्तर
- अच्छी तरह सीखा हुआ = अभ्यस्त
- किसी काम को बार – बार करना = अभ्यास
- जिसकी कोई कीमत न हो = अमूल्य
- वह जो न मरे = अमर
- जो काव्य , संगीत आदि का रस न ले = अरसिक
- जिसका ज्ञान थोड़ा हो थोड़ा जाननेवाला। = अल्पज्ञ
- द्वार या आँगन के फर्श पर रंगों से चित्र बनाने या चौक पूरने की कला = अल्पना
- जिसे मारना उचित न हो = अवध्य
- सरकार द्वारा दूसरे देश की तुलना में अपने देश की मुद्रा का मूल्य घटा दिया जाना = मुद्रा अवमूल्यन
शरीर का कोई भाग। = अवयव
- जिसका वर्णन न किया जा सके = अवर्णनीय
- अवसर के अनुकूल बात करनेवाला = अवसरवादी
- जिस पर विचार न किया गया हो = अविचारित
- जो बाँटा न जा सके = अविभाज्य
- जिसका विवाह न हुआ हो = अविवाहित
- भला – बुरा समझने की शक्ति का अभाव = अविवेक
- जो शोच करने योग्य न हो जो शोक करने योग्य नहीं है = अशोच्य / अशोक
- जिस पर विश्वास न किया जा सके = अविश्वसनीय
- जिसे भुलाया न जा सके = अविस्मरणीय
- बिना वेतन लिए काम करनेवाला = अवैतनिक
- जो विधान या नियम के विरुद्ध अथवा प्रतिकूल हो। = अवैधानिक
- न हो सकनेवाला / जो नहीं हो सकता। = असम्भव
- जिसे सहन न किया जा सके। = असहनीय
- जिसकी कोई सीमा न हो। = असीम
- फेंककर चलाया जानेवाला हथियार। = अस्त्र
- घुटनों तक जिसकी बाँहें हों। = आजानुबाहु
- अतिथि की सेवा करनेवाला। = आतिथेय
- शासन या प्रशासनिक अनुशासन की क्रूरता से उत्पन्न स्थिति। = आतंक
- अपने जीवन का स्वलिखित इतिहास = आत्मकथा
- अपने प्राण अपने आप लेनेवाला। = आत्मघाती
- दूसरे के हित के लिए अपने को संकट में डालना। = आत्मोत्सर्ग
- अपने आपको धोखा देनेवाला। = आत्मवंचक
- स्वयं अपनी हत्या करनेवाला। = आत्महन्ता
- प्रारम्भ से लेकर अन्त तक = आद्यन्त
- पैर से लेकर सिर तक = आपादमस्तक
- . जिसके आर – पार न देखा जा सके। = अपारदर्शी
- ऐसा व्रत , जो मरने पर ही समाप्त हो = आमरण व्रत
- करुण स्वर में चिल्लाने की ध्वनि। = आर्तनाद
- आशा से अधिक / जिसकी आशा न की गई हो = आशातीत
- तत्काल कविता करनेवाला = आशुकवि
- जो मोहित हो गया हो = आसक्त
- जो मृत्यु के समीप हो = आसन्नमृत्यु
- ईश्वर में विश्वास रखनेवाला = आस्तिक
- दूसरे की वृद्धि देखकर जलन करने का भाव = ईर्ष्या
- जो दूसरों से ईर्ष्या करता हो = ईर्ष्यालु
- जिस पर कोई ऋण न हो = ऋऋण
- खाने से बचा हुआ जूठा भोजन = उच्छिष्ट
- जिसका हृदय उदार हो = उदार हृदय
- बहुत अधिक परिश्रमी व लगनशी व्यक्ति = उद्यमी
- जिसकी उपेक्षा की गई हो वह स्त्री = उपेक्षिता
- जल – स्थल दोनों जगह रहनेवाला प्राणी = उभयचर
- जिसका उल्लेख किया गया हो = उल्लिखित
- किसी बात को लिख लेना / लिखना। = उल्लेख
- ऊपर कहा हुआ / जो ऊपर कहा गया है = उपर्युक्त
- जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो = बंजर , ऊसर
- जहाँ कोई दूसरा न हो = एकान्
- जिसका चित्त जगह स्थिर हो = एकाग्रचित
- जिस पर किसी अन्य का कुछ अधिकार न हो = एकाधिकार
- जिसका एकमात्र अधिकार हो = एकाधिकार
- शिष्टाचारवश किया गया कार्य = औपचारिक
- काँटों से भरा हुआ = कंटकीय
- जो फूल खिला न हो = कली
- जिसकी कल्पना की जा सके = कल्पनीय
- जो कल्पना से परे हो। = कल्पनातीत
- जो स्त्री कविता लिखती हो = कवयित्री
- जिसे कर्त्तव्य का बोध न हो = कर्त्तव्यविमूढ़
- अपने कर्त्तव्य का निर्णय न कर सकनेवाला / कर्त्तव्य और अकर्त्तव्य के निर्णय में असमर्थ = किंकर्तव्यविमूढ़
- वृक्षों – लताओं से घिरा हुआ स्थान = कुंज
- किशोरावस्था और युवावस्था के मिलन की आयु = कुमारावस्था
- ऊँचे कुल से सम्बन्धित = कलीन
- तीव्र बुद्धिवाला। = कुशाग्रबुद्धि
- बुरी संगति में रहनेवाला = कुसंगी
- उपकार को माननेवाला = कृतज्ञ
- किसी के उपकार को न माननेवाला। =कृतघ्न
- जो मोल लिया गया हो। = क्रीत
- जिसे क्षमा किया जा सके। = क्षम्य
- जो नष्ट होनेवाला हो =क्षयी / क्षयशील
- वह स्थान जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते दिखाई देते हैं = क्षितिज
- जो लेने योग्य हो = ग्राह्य
- आकाश चूमनेवाला = गगनचुम्बी
- गूढ़ रहस्य जाननेवाला = गूढज / गूढ़जानी
- जिसके हाथ में चक्र हो। = चक्रपाणि
- जहाँ तक जाना है = गन्तव्य
- छिपाने के योग्य। = गोपनीय
- जो एक जगह से दूसरी जगह घूमता रहे = घुमक्कड़
- गद्य – पद्यमय साहित्य रचना = चम्पूकाव्य
- जिस पर चिह्न लगाया गया हो। = चिह्नित
- करुण स्वर में चिल्लाना = चीत्कार
- किसी को सावधान करने के लिए कही जानेवाली बात। = चेतावनी
- जो चार पैरोंवाला हो = चौपाया / चतुष्पदी
- जहाँ पर चार रास्ते मिलते हों / जहाँ से अनेक मार्ग चारों ओर जाते हैं। = चतुष्पथ / बहुपथ
- सेना के ठहरने का स्थान = छावनी
- छोटे – से – छोटे दोषों की खोज करनेवाला = छिद्रान्वेषी
- जानने की इच्छा रखनेवाला =जिज्ञासु
- जिसने अपनी इन्द्रियों को जीत लिया हो = जितेन्द्रिय
- जीवित रहने की प्रबल इच्छा = जिजीविषा
- किसी भी पक्ष का समर्थन न करनेवाला = तटस्थ
- जो बहुत कृशकाय हो = तन्वंगी
- किसी पद अथवा सेवा से मुक्ति का पत्र = त्यागपत्र
- तीनों कालों की बात जाननेवाला = त्रिकालज्ञ
- तीनों युगों में होनेवाला = त्रियुगी
- तीनों लोकों का समूह = त्रिलोक
- तीन नदियों ( गंगा , यमुना , सरस्वती ) का संगम = त्रिवेणी
- तीन मास में एक बार आने वाला= त्रैमासिक
- गोद लिया हुआ पुत्र = दत्तक
- किसी वस्तु को देखने अथवा सुनने की प्रबल इच्छा = दर्शन श्रवणेच्छा
- वन में लगनेवाली आग = दावानल
- वह व्यक्ति जो अपने ऋणों को चुकता करने में असमर्थ हो गया हो = दिवालिया
- जो हर काम में देर लगाता है। = दीर्घसूत्री
- अनुचित बात के लिए आग्रह। = दुराग्रह
- जो कठिनता से समझ में आए = दुर्जेय
- जहाँ पहुँचना कठिन हो। = दुर्गमं
- जिसका दमन करना कठिन हो = दुर्दमनीय
- जिसका निवारण कठिन हो = दुर्निवार
- जिसे प्राप्त करना कठिन हो / जो कठिनाई से मिलता है = दुर्लभ
- जिसे पार करना कठिन हो। = दुस्तर
- जिसे समझना कठिन हो / जो कठिनता से जाना जाए = दुर्बोध
- अनुचित या बुरा आचरण करनेवाला = दुराचारी
- दूर तक देखनेवाला = दूरदर्शक
- आगे की बात पहले ही सोचनेवाला। = दूरदर्शी
- प्रतिदिन प्रकाशित होनेवाला समाचार पत्र = दैनिक
- धर्म में निष्ठा रखनेवाला = धर्मनिष्ठ
- धर्म में रुचि रखनेवाला। = धर्मात्मा
- यात्रियों के लिए धर्मार्थ बना हुआ भवन = धर्मशाला
- दूसरे के बच्चे का पालन – पोषण करनेवाली स्त्री। = धाय
- जो नष्ट होनेवाला हो = नश्वर
- जो ईश्वर में विश्वास नहीं करता है जो ईश्वर को न मानता हो / जो भगवान् में आस्था न रखता हो = नास्तिक
- निन्दा करने योग्य / जो निन्दा के योग्य हो = निन्दनीय
- निश्चित तिथि पर आनेवाला। = नियमित
- जिसने कोई अपराध न किया हो। = निरपराध
- जिसका कोई आकार न हो = निराकार
- जहाँ कोई मनुष्य न रहता होक् = निर्जन
- जिसके हृदय में दया न हो = निर्दय
- बिना पलक झपकाए हुए = निर्निमेष , प्रनिमेष
- जिसे कोई भय न हो = निर्भय
- जिसकी उपमा न दी जा सके = निरुपम
- जिसके हृदय में कोई ममता न हो / जो से रहित हो। = निर्मम
- जिसे लज्जा न हो। = निर्लज्ज
- रात्रि में विचरण करनेवाला। = निशाचर
- मध्यरात्रि का समय। = निशीथ
- जो पत्र ले जाता हो। = पत्रवाहक / हलकारा
- किसी बात को पंजिका में चढ़ाना = पंजीकरण
- अपने पद से हटाया हुआ। = पदच्युत
- पानी में डूबकर चलनेवाली नाव = पनडुब्बी
- परमलक्ष्य की कामना करनेवाला = परमार्थी
- दूसरों के आश्रय में रहनेवाला = पराश्रयी
- दूसरों पर आश्रित रहनेवाला = पराश्रित
- परीक्षा लेनेवाला। = परीक्षक
- जो सामने न हो = परोक्ष
- जो दूसरों का उपकार करता हो / परोपकार करने वाला। = परोपक
- जो पांचाल देश की राजकुमारी हो = पांचाली
- पन्द्रहवें दिनवाला = पाक्षिक
- पैरों से जल पीनेवाला। = पादप
- जिसके आर – पार देखा जा सके जिससे इस पार से उस पार की वस्तुएँ दिखाई देती हैं = पारदर्शी
- पृथ्वी से सम्बन्धित = पार्थिव
- पिता की हत्या करनेवाला = पितृहन्ता
- पीने की इच्छा रखनेवाला। = पिपासु
- किसी कार्य को बार – बार करना अथवा किसी बात पर बार – बार जोर देना = पुनरावृत्ति
- पूर्णिमा की रात्रि। = पूर्णमासी
- जो तुरन्त किसी बात को सोच ले = प्रत्युत्पन्नमति
- समान रूप से आगे बढ़ने की चेष्टा = प्रतिस्पर्द्धा
- जो आँखों के सामने हो = प्रत्यक्ष
- जो लौट गया है। = प्रत्यावर्तित
- विदेश में रहनेवाला। = प्रवासी
- इतिहासकाल से पूर्व का समय / जो क्रमबद्ध इतिहास लिखे जाने से पूर्व का हो। = प्रागैतिहासिक
- जो केवल फल खाकर रहता हो। = फलाहारी
- जिस महिला को कोई सन्तान न हो = बन्ध्या
- जो अधिक धन खर्च करता हो = बहुव्ययी
- जिसका मूल्य बहुत अधिक हो। = बहुमूल्य / अमूल्य
- खाने की इच्छा। = बुभुक्षा
- जो भूखा हो = बुभुक्षु
- जिसके जोड़ का कोई दूसरा न हो = बेजोड़
- छोटे कद का आदमी। = बौना
- जिसका हृदय टूट चुका हो = भग्नहृदय
- किसी टूटी हुई वस्तु का अवशेष। = भग्नावशेष
- जो मर्यादा का पालन करता है। = मर्यादित
- दोपहर का समय = मध्याह्न
- जो मान – सम्मान के योग्य हो = माननीय
- संयम से और कम बोलनेवाला / जो कम बोलता हो। = मितभाषी
- संयम से और कम खर्च करनेवाला / कम खर्च करनेवाला = मितव्ययी
- जो कम खाता हो। = मितभोजी
- मोक्ष की इच्छा रखनेवाला = मुमुक्षु
- नए युग या नई प्रवृत्ति को जन्म देनेवाला। = युगप्रवर्त्तक
- जो युद्ध में स्थिर हो = युधिष्ठिर
- किसी देश का दूसरे देश में नियुक्त राजनीतिक प्रतिनिधि। = राजदूत
- जिसे देख या सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएँ। = रोमांचकारी
- जिसके पास लाख रुपये की सम्पत्ति हो = लखपति
- जनता द्वारा संचालित शासन। = लोकतन्त्र
- जो लोगों में प्रिय हो। = लोकप्रिय
- परम्परा से चली आई हुई उक्ति = लोकोक्ति
- जो वन्दना करने योग्य हो = वन्दनीय
- वन में रहनेवाला। = वनवासी
- जो अधिक बोलता हो / व्यर्थ ही बहुत बातें बोलनेवाला। = वाचाल
- जिसके भीतर की हवा का तापमान समस्थिति में रखा गया हो = वातानुकूलित
- वर्ष में एक बार प्रकाशित होनेवाला = वार्षिक
- जिसका कोई अंग बेकार हो। = विकलांग
- जीतने की इच्छा = विजयेच्छा
- शुभकार्य को विधि – विधान से करना = विधिवत्
- जिसका पति मर गया हो = विधवा
- वह पुरुष जिसकी पत्नी मर गई हो। = विधुर
- पुरुष जिसका विवाह हुआ हो =विवाहित / गार्हस्थ
- किसी विषय का विशेष ज्ञान रखनेवाला = विशेषज्ञ
- जो विज्ञान जानता है। = वैज्ञानिक
- विष्णु का उपासक = वैष्णव
- जो व्याकरण जानता है। = वैयाकरण
- सौ वर्ष का समय = शताब्दी
- सौ वर्ष की आयु पूरी करनेवाला। = शतायु
- जो शब्दों द्वारा व्यक्त न हो सके। = शब्दातीत
- शरण में आया हुआ = शरणागत
- जो शाक खाता है = शाकाहारी
- जो शक्ति का उपासक हो = शाक्त
- जो शास्त्र जानता हो / शास्त्र को जाननेवाला = शास्त्रज्ञ / शास्त्री
- दो विद्वानों में किसी विषय पर तर्कपूर्ण वाद – विवाद = शास्त्रार्थ
- जो शिक्षा देता है = शिक्षक
- शिष्टाचारवश किया गया कार्य। = शिष्टाचरण
- जो अपने आचरण से पवित्र हो = शुचिकर्मा
- जिसका शोषण किया गया हो = शोषित
- श्रद्धा करने योग्य = श्रद्धेय
- ईश्वर को साकार माननेवाला भक्त = सगुणोपासक
- एक ही समय में उत्पन्न = समकालीन
- समान आयुवाला = समवयस्क
- न बहुत ठण्डा और न बहुत गर्म = समशीतोष्ण
- सदा सत्य बोलनेवाला। = सत्यवादी
- जिसका आचार अच्छा हो / जो अपने आचरणों से पवित्र हो = सदाचारी
- अभी – अभी स्नान किया हुआ हुई। = सद्यस्नात / सद्यस्नाता
- जो सदा से चला आ रहा है = सनातन
- जो सब प्राणियों को समान भाव से देखता हो = समद्रष्टा / समदर्शी
- जो पत्र – पत्रिकाओं का सम्पादन करता है। = सम्पादक
- जो सबकुछ जानता हो। = सर्वज्ञ
- जो सबका प्यारा हो। = सर्वप्रिय
- जिसका करना इच्छा पर निर्भर हो। = सव्यचारी
- गाय जिसके साथ बछड़ा हो = सवत्सा
- जिसमें सबकी सम्मति है = सर्वसम्मत
- जो बायें हाथ से काम करता हो = सव्यचारी
- जिसमें सहने की शक्ति हो। = सहिष्णु
- जिसका स्वभाव उदार हो = सहृदय
- जो एक ही माता के उदर से उत्पन्न हुए हों = सहोदर
- जो पढ़ना – लिखना जानता हो = साक्षर
- सप्ताह में एक बार होनेवाली = साप्ताहिक
- जो कार्य प्रयासपूर्वक हो = सायास
- सब लोगों से सम्बन्ध रखनेवाला = सार्वजनिक
- जिस स्त्री का पति जीवित हो। = सौभाग्यशाली
- किसी दूसरे के स्थान पर काम करनेवाला = स्थानापन्न
- अन्य स्थान को चले जाना। = स्थानान्तरण
- स्वयं उत्पन्न होनेवाला। = स्वजन्मा
- दण्ड देने योग्य = दण्डनीय