UP Board Class 10 sanskrit Katha Natak Kaumudi- Chapter –1 Mhatmana Sansmaranani – महात्मन: संस्मरणानि – चरित्र चित्रण एवं प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न- MCQs)
प्रिय विद्यार्थियों! यहाँ पर हम आपको कक्षा 10 यूपी बोर्ड संस्कृत कथा नाटक कौमुदी के chapter 1 Mhatmana Sansmaranani – महात्मन: संस्मरणानि के सभी पत्रों के चरित्र चित्रण, लघु उत्तरीय संस्कृत में प्रश्न उत्तर तथा बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर – MCQs प्रदान कर रहे हैं। महात्मनः संस्मरणानि (Mahatmana Sansmaranani) चरित्र चित्रण, अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर, बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) प्रदान कर रहे हैं। आशा है आपको अच्छा ज्ञान प्राप्त होगा और आप दूसरों को भी शेयर करेंगे।
Subject / विषय | संस्कृत (Sanskrit) कथा नाटक कौमुदी |
Class / कक्षा | 10th |
Chapter( Lesson) / पाठ | Chpter –1 |
Topic / टॉपिक | प्रथम: पाठ: 1- महात्मनः संस्मरणानि |
Chapter Name | Mahatmana sansmaranai |
All Chapters/ सम्पूर्ण पाठ्यक्रम | कम्पलीट संस्कृत बुक सलूशन |
महात्मनः संस्मरणानि पाठ के आधार पर महात्मा गान्धी का चरित्र-चित्रण
प्रश्न – ‘महात्मनः संस्मरणानि’ पाठ के आधार पर महात्मा गान्धी का चरित्र-चित्रण कीजिए।
अथवा
दक्षिण अफ्रीका में रहकर गाँधीजी ने लोगों के लिए किन-किन कष्टों को सहा?
परिचय– भारतवर्ष की पुण्य भूमि पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया, उनमें से एक थे–महात्मा गाँधी। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी था। उनका जन्म पोरबन्दर में 2 अक्टूबर, 1869 को हुआ था। उनके पिता का नाम करमचन्द गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी मातृ भूमि की स्वतन्त्रता के प्रेमी थे। पाठ के आधार पर गाँधीजी के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
सत्यपालक के रूप में :- गाँधीजी ने बचपन से ही अपने जीवन में सत्य का पालन किया। एक बार गाँधीजी ने हरिश्चन्द्र नाटक देखा। उस नाटक का उनके मन पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि हरिश्चन्द्र नाटक को देखकर गाँधीजी ने झूठ न बोलने का दृढ़ निश्चय किया। कठिन परिस्थितियाँ उत्पन्न होने पर भी गाँधीजी ने आजीवन सत्य का पथ नहीं छोड़ा।
दृढ़ प्रतिज्ञावादी :- गाँधीजी किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व दृढ़ प्रतिज्ञा करते थे कि जब तक मैं इस कार्य को सम्पन्न नहीं कर लूँगा, तब तक चैन की नींद नहीं सोऊँगा। इसी दृढ़ शक्ति के आधार पर उन्होंने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का बिगुल बजाया। अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा के आधार पर ही उन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया।
कष्ट सहिष्णु : – गाँधीजी कष्ट सहिष्णु व्यक्ति थे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक कष्टों का सामना किया, लेकिन कभी भी हार नहीं मानी। वे उन कष्टों का समाधान भी अवश्य ही निकाल लिया करते थे।
नैतिकता के पालक:- जब कक्षा में बैठे सभी विद्यार्थियों से ‘केटल’ शब्द लिखने के लिए कहा, तब गाँधीजी ने ‘केटल’ शब्द अशुद्ध लिख दिया। कक्षा अध्यापक के कहने पर भी गाँधीजी ने ‘केटल’ शब्द को नकल करके ठीक नहीं किया।
दीन-हीनों के नेता:- गाँधीजी दीन-हीनों के नेता थे तथा उन्हीं के हित चिन्तक थे। उनके हितों की रक्षा के लिए उन्होंने लगातार संघर्ष किया। अपने इसी आचरण के कारण उन्हें अनेक बार गोरे लोगों द्वारा अपमानित भी होना पड़ा, किन्तु उन्होंने उनका पक्ष लेना नहीं छोड़ा। भारतीय जनता की वास्तविक दशा जानने के लिए उन्होंने भारत भ्रमण भी किया।
शान्ति के अग्रदूत:- गाँधीजी अहिंसा के पुजारी और शान्ति के अग्रदूत थे उनके समय में पंजाब में उग्रवादियों द्वारा लोगों के साथ क्रूरता का व्यवहार किया जाता था और उन्हें कोड़ों से शारीरिक दण्ड दिया जाता था। गाँधीजी ने इसका पूर्णत: विरोध किया था।
स्वदेशी वस्तुओं के पक्षधर:- गाँधीजी स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के पक्षधर थे। विदेशी वस्त्रों के उपयोग से भारतीय उद्योगों के विकास पर प्रभाव पड़ेगा, इसी कारण उनका मानना था कि यदि हम स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएँगे, तो हमारे देश का विकास होगा।
भेदभाव के विरोधी:- गाँधीजी भेदभाव के विरोधी थे। वे मानते थे हम सब ईश्वर की सन्तान हैं, न कोई छोटा है और न कोई बड़ा, सभी समान हैं। वे व्यक्तियों में कोई अन्तर नहीं मानते थे, भले ही वह किसी भी जाति, रंग अथवा लिंग का हो। उन्होंने इस सामाजिक बुराई का अनेक कष्ट उठाकर भी कड़ा विरोध किया। दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने रंगभेद के विरुद्ध आन्दोलन चलाया और इसमें सफलता प्राप्त करके लौटे। इस प्रकार निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि गाँधीजी सत्यपालक, नैतिकता के पक्षधर, रंगभेद के विरोधी आदि अनेक चारित्रिक गुणों से विभूषित होते हुए, भारतमाता के सच्चे सपूत तथा मानवता के सच्चे पुजारी थे।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
निम्न चार विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए –
1. महात्मा गान्धी………………… जन्म लेभे।
(क) नेपालदेशे
(ख) बिहार प्रदेशे
(ग) पोरबन्दर नगरे
(घ) अफ्रीका देशे
2. मोहनदास मातुर्नाम आसीत्-
(क) पुतलीबाई
(ख) तितलीबाई
(ग) कमलीबाई
(घ) कस्तूरबाबाई
3. विद्यालय निरीक्षकस्य नाम आसीत्।
(क) जेम्स
(ख) राबर्ट्स
(ग) गाइल्स
(घ) मैकाले
4. महात्मनः पितुर्नाम…………….. “आसीत्।
(क) करमचन्द गान्धी
(ग) कृष्णचन्द गान्धी
(ख) धरमचन्द गान्धी
(घ) रामचन्द्र गान्धी
5. पुतली गान्धिनः…………………..आसीत्।
(क) पत्नी
(ख) माता
(ग) पुत्री
(घ) शिष्या
6. विद्यालय निरीक्षकः……………….आसीत्।
(क) स्टालिनः
(ख) गाइल्सा
(ग) पीटर:
(घ) गजेन्द्रा
7. महात्मनः नामासीत् ।
(क) रविदासः
(ख) मोहनदासः
(ग) हरिदासः
(घ) तुलसीदासः
8. गान्धीमहोदयः अफ्रीकादेशं कदा व्यसृजत्?
(क)- 1814 ई०
(ख) 1914 ई०
(ग) 1942 ई०
(घ) 1880 ई०
उत्तरमाला – 1. (ग), 2. (क), 3. (ग), 4. (क), 5. (ख), 6. (ख), 7. (ख), 8. (ख)
महात्मनः संस्मरणानि पाठ के अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. : महात्मनः पूर्ण नाम किम् आसीत्?
उत्तर : महात्मनः पूर्ण नाम मोहनदास करमचन्द गान्धी आसीत्।
प्रश्न 2. : महात्मनः कुत्र जन्म लेभे?
उत्तर : महात्मनः पोरबन्दरनाम्नि नगरे जन्म लेभे ।
प्रश्न 3. : तस्य पितुः नाम किम् आसीत्?
उत्तर : तस्य पितुः नाम ‘करमचन्द गान्धी’ आसीत्।
प्रश्न 4. : पुतलीबाई स्वभावेन कीदृशी आसीत्?
उत्तर : पुतलीबाइ स्वभावेन धर्मरता, व्यवहारे चतुरा, स्वभावतो मधुरा, परम पवित्रा च आसीत् ।
प्रश्न 5. : केन नाटकेन तस्य हृदय परिवर्तितम् ।
अथवा, केन नाटकेन महात्मा गान्धिनः हृदयं परिवर्तितम् ?
उत्तर : हरिश्चन्द्र नाम्ना नाटकेन तस्य हृदयं परिवर्तितम् ।
प्रश्न 6. : गाइल्सः कः आसीत् ?
उत्तर : गाइल्सः विद्यालयनिरीक्षकः आसीत् ।
प्रश्न 7. : विद्यालयनिरीक्षकेन किं पृष्टम्?
उत्तर : विद्यालयनिरीक्षकेन पञ्च शब्दानां वर्णविन्यासं शुद्ध लिखितुम् अकथयत्।
प्रश्न 8. : महात्मा गान्धी नेटालनगरे कदा अगच्छत्?
उत्तर : महात्मा गान्धी 1893 तमे ख्रिष्टाब्दे अप्रैलमासे नेटालनगरे अगच्छत्।
प्रश्न 9. : सः दक्षिण अफ्रीका देशं कदा व्यसृजत्?
उत्तर : सः अफ्रीका देशं 1914 तमे ख्रिष्टाब्दे व्यसृजत ।
प्रश्न 10. : तस्य मातु नाम किम् आसीत्?
उत्तर : तस्य मातुः नाम ‘पुतलीबाई’ आसीत् ।
प्रश्न 11. : विद्यालयनिरीक्षकः कः आसीत्?
उत्तर : विद्यालयनिरीक्षकः ‘गाइल्स’ नामा आसीत्।
प्रश्न 12. : महात्मा गान्धी किम् वाक्यम् उच्चारयन् स्वर्गं जगाम ।
उत्तर : महात्मा गान्धी ‘हे राम !’ इत्युच्चारयन् स्वर्गं जगाम ।
प्रश्न 13. : महात्मा गान्धिनः पिता कीदृशः आसीत्?
उत्तर : महात्मा गान्धिनः पिता करमचन्द्र गान्धी धर्मात्मा, निर्भीकः सदाचारैकप्रवणः, सत्यप्रियः धीरः, गम्भीरः, गतगर्वः, मानी धनी चासीत्।