Veer ras ki paribhasha- वीर रस

Veer ras ki paribhasha- वीर रस

Veer ras ki paribhasha- वीर रस  रस – परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण, Ras in Hindi Ras (रस)- रस क्या होते हैं? रस की परिभाषा . UP Board  All Class Hindi रस. Gyansindhuuclasses are presented Here Ras Class 10th | Ras Hindi Grammar, Ras ki Paribhasha, Examples, Question Answer and Ras Hindi Grammar (रस), Ras Class 10 Explanation, Notes.‘ उत्साह नामक भाव जागृत हो और वही विभाव , अनुभाव तथा व्यभिचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत हो तब ‘ वीर ‘ रस होता है ।

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परिभाषा- उदाहरण शत्रु का उत्कर्ष , दीनों की दुर्दशा , धर्म की हानि आदि को देखकर इनको मिटाने के लिए किसी के हृदय में ‘ उत्साह नामक भाव जागृत हो और वही विभाव , अनुभाव तथा व्यभिचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत हो तब ‘ वीर ‘ रस होता है ।

उदाहरण-

सौमित्रि से घननाद का रव अल्प भी न सहा गया ।

निज शत्रु को देखे बिना , उनसे तनिक न रहा गया ।

रघुवीर से आदेश ले युद्धार्थ वे सजने लगे ।

रणवाद्य भी निर्घोष करके धूम से बजने लगे ।

स्पष्टीकरण : – आश्रय – सौमित्रि ,

आलम्बन – मेघनाद ,

स्थायी भाव – उत्साह ,

उद्दीपन विभाव – घननाद का रव ,

अनुभाव – युद्धार्थ सजना ,

संचारी भाव – उग्रता एवं औत्सुक्य , रस – वीर ( युद्धवीर ) ।

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