भगवत् शब्द रूप और गो/गौ शब्द रूप (Bhagavat, Go, Gau shabd roop in Sanskrit) Vyakran

भगवत् शब्द के रूप (Bhagavat Ke Shabd Roop) संस्कृत व्याकरण गो and गौ के शब्द रूप – Go/Gau Shabd Roop in Sanskrit Grammar

भगवत् शब्द रूप के संस्कृत अर्थ (Bhagwat Shabd Roop)- भगवत् का अर्थ होता है ईश्वर (भगवान, परमेश्वर, विष्णु, शिव, कार्तिकेय, सूर्य) भगवत् शब्द तकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्द है। क्योंकि भगवत् शब्द के  अंत में ‘त’ की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए ये तकारान्त है। एक वाक्य में, एक शब्द के कई अलग-अलग रूप हो सकते हैं। भगवत् एक पुरुषवाचक संज्ञा है, और सभी पुल्लिंग संज्ञाओं के एक ही रूप होते हैं, जैसे गच्छत, इच्छा, एतावत, आयुष्मात और जाग्रत आदि। UP Board and other competetion level sanskrit shadb rup.

Shabda Roop संस्कृत में:

भगवत् तकारान्त पुल्लिंग सभी विभक्तियों के संस्कृत शब्द रूप (Bhagwat Shabd Roop):

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमाभगवन्भगवन्तौभगवन्तः
द्वितीयाभगवन्तम्भगवन्तौभगवतः
तृतीयाभगवताभगवद्भ्याम्भगवद्भिः
चतुर्थीभगवतेभगवद्भ्याम्भगवद्भ्यः
पंचमीभगवतःभगवद्भ्याम्भगवद्भ्यः
षष्‍ठीभगवतःभगवतोःभगवताम्
सप्‍तमीभगवतिभगवतोःभगवत्सु
सम्बोधनहे भगवन्!हे भगवन्तौ!हे भगवन्तः!

गो/गौ (Go/Gau shabd roop in Sanskrit) शब्द के रूप

गो/गौ (Go/Gau shabd roop in Sanskrit) शब्द के रूप: गो/गौ (बैल, साँढ़, किरण, पृथ्वी, वाणी, गाय आदि) ओकारान्त पुंल्लिंग/स्त्रीलिंग के शब्द रूप दोनों सामान होते हैं पुँल्लिंग ‘गो’ शब्द बैल, साँढ़, सूर्य, स्वर्ग आदि का वाचक है, जबकि स्त्रीलिंग ‘गो’ शब्द गाय, पृथ्वी, वाणी, माता आदि है।

विभक्ति एकवचन द्विवचनबहुवचन
प्रथमा गौः गावौगावः
द्वितीया गाम् गावौगाः
तृतीया गवा गोभ्याम्गोभिः
चतुर्थी गोः गोभ्याम्गोभ्यः
पञ्चमी गोः गोभ्याम्गोभ्यः
षष्ठी गोः गवोःगवाम्
सप्तमी गवि गवोःगोषु
सम्बोधन हे गौः! हे गावौ!हे गावः!

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पुंलिङ्ग-

पितृ

भगवत्

गो

करिन्

राजन्।

स्त्रीलिङ्ग

नदी

धेनु

वधू

सरित् 

नपुंसकलिङ्ग

वारि

मधु

नामन्

मनस्

किम्

यद्

अदस्

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